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गुरुवार, 29 अगस्त 2024

दूध को सही तरीके से खाने के अंगीनत लाभ,dhudh ko sahi tarike se khane ke angunat labh









दूध पीने के 10 अद्भुत फायदे: स्वास्थ्य के लिए अमृत समान

दूध को प्राचीन काल से ही संपूर्ण आहार माना जाता है। यह न केवल पोषण से भरपूर होता है, बल्कि शरीर को कई आवश्यक तत्व भी प्रदान करता है। भारतीय परंपरा में दूध का विशेष महत्व है, और यह बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के लिए बेहद फायदेमंद होता है। आज हम आपको दूध पीने के 10 अद्भुत लाभों के बारे में बताएंगे, जो इसे स्वास्थ्य के लिए अनिवार्य बनाते हैं।

1. हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाए

2. इम्यूनिटी बढ़ाएदूध कैल्शियम का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है। यह हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाता है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं का खतरा कम हो जाता है। बच्चों और बुजुर्गों के लिए नियमित रूप से दूध पीना बेहद लाभकारी होता है।


दूध में प्रोटीन, विटामिन डी, विटामिन बी12 और जिंक जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाते हैं। रोजाना दूध पीने से शरीर संक्रमण और बीमारियों से बचा रहता है।

3. मांसपेशियों को मजबूत करे

दूध में मौजूद उच्च गुणवत्ता वाला प्रोटीन मांसपेशियों की वृद्धि और मरम्मत में मदद करता है। जिम जाने वाले लोगों के लिए दूध पीना बेहद लाभकारी होता है।

4. वजन बढ़ाने और घटाने में मददगार

जो लोग वजन बढ़ाना चाहते हैं, उनके लिए दूध में मौजूद हेल्दी फैट और प्रोटीन मददगार होते हैं। वहीं, स्किम्ड दूध पीने से वजन नियंत्रित रखने में सहायता मिलती है।

5. तनाव और अनिद्रा दूर करे

रात में गर्म दूध पीने से दिमाग शांत होता है और अच्छी नींद आती है। दूध में ट्रिप्टोफैन नामक अमीनो एसिड होता है, जो नींद को बेहतर बनाता है।

6. पाचन तंत्र के लिए लाभकारी

गाय का दूध विशेष रूप से पाचन के लिए अच्छा माना जाता है। इसमें मौजूद प्रोबायोटिक्स आंतों को स्वस्थ रखते हैं और कब्ज की समस्या को दूर करते हैं।

7. दिल के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद

कम वसा वाले दूध का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रहता है और हृदय रोगों का खतरा कम होता है। दूध में मौजूद पोटैशियम रक्तचाप को संतुलित रखने में मदद करता है।

8. त्वचा को निखारे

दूध में मौजूद विटामिन ए और बायोटिन त्वचा को चमकदार बनाते हैं। नियमित रूप से दूध पीने से त्वचा हाइड्रेट रहती है और झुर्रियां कम होती हैं।

9. ऊर्जा बढ़ाए

दूध तुरंत ऊर्जा देने वाला पेय है। इसमें कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन की उचित मात्रा होती है, जो शरीर को दिनभर ऊर्जावान बनाए रखती है।

10. कैंसर से बचाव में सहायक

दूध में मौजूद कैल्शियम और विटामिन डी कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में मदद कर सकते हैं। यह विशेष रूप से कोलन और ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को कम करने में सहायक माना जाता है।

दूध पीने का सही तरीका

सुबह और रात के समय दूध पीना सबसे अधिक फायदेमंद होता है।

दूध को शहद, हल्दी या बादाम के साथ मिलाकर पीने से इसके लाभ बढ़ जाते हैं।

ठंडे दूध की तुलना में गर्म दूध अधिक पाचन-सुलभ होता है।




बादाम और सूखे हुए किसमिस को अगर दूध में सही तरीके से पिए तो आपके पूरे शरीर को पोषण ही नही बाली आपके शरीर को हर एक अंग को सही मात्रा में ऊर्जा प्रदान करती है। इसलिए दूध तो सभी पीते है मगर दूध पीने के बाद उनके शरीर में लगता नही है क्युकी वह लोगे दूध को सही तरीके से पीना नही जानते है।
सेहत और अपने फिटनेस के लिए लोग हमेशा जागरूक रहते है।उनको पता होना चाहिए की उन्हें कया और कैसे खाना चाहिए।  लेकिन क्या आपको पता है। हमारे घर के लोग भीगे बादाम और भीगे किसमिस खाने के लिए क्यू कहते है।अगर बादाम और किसमिस को दूध में भिगोकर खाए तो।हमे अनेको पारकर के लाभ देखने को हमारे शरीर में मिलेंगे।। किसमिस और बादाम को दूध में भिगोकर खाने से अनेक तरह के लाभ मिलता है। इसमें कॉम्बिनेशन पोशाक तत्व अधिक मात्रा में पाया जाता है।  और आपके सेहत को सही और तंदुरुस्त रखने के लिए बहुत जरूरी होता है। 

तो आईए जानते है की दूध में  किसमिस और बादाम को भिगोकर खाने से क्या लाभ मिलता है। 

1. एनर्जी और स्ट्रेथ बढ़ाने में सहायक
बादाम और किसमिस दोनो ही ऊर्जा से भरपूर होते है।इनके अंदर काफी ऊर्जा होती है। अगर आप इनको दूध में पकाकर पीते है तो आप दिन भर में चाहे जितना काम कर ले ।आपको थकावट महसूस नहीं होगी। 
 बादाम और किसमिस को मिलाकर खाने से आपके मांसपेसी को मजबूत बनाती है।और आप सारा दिन काम करते रहते हुए भी थकते नहीं है।
2.पाचन तंत्र को सही तरह से मजबूत बनाता है।
फाइबर की अधिक मात्रा किसमिस में पाई जाती है जिससे पाचन तंत्र को हेल्दी और मजबूत बनाए रखने में  किसमिस के फाइबर काफी सहायता करते है। आप बादाम और किसमिस को दूध में मिलाकर पी सकते है। यह मिश्रण पाचन क्रिया को काफी हद तक सुधरता है।  और गैस ,कब्ज जैसी समस्या से दूर रखता है।

3. त्वचा के लिए असरदार
 बादाम और किसमिस में एंटी आक्सीडेंट होते है। जो हमारे स्किन को युवा और चमकदार बनाए रखने में सहायक होते है। दूध के साथ किसमिस और बादाम का सेवन करने से हमारे स्किन में चमक और निखार आता है। और स्किन जैसी समस्या होने के कम संभावना रहते है।

4. हड्डियों को मजबूत रखने में काफी कामगार है । यह नुस्का
दूध में अधिक मात्रा में कैलसिया होता है। जब इसमें बादाम और किसमिस का एक साथ मिश्रण किया जाता है तो  यह हमारी हड्डियों के लिए अधिक से अधिक कामगार सिद्ध होती है।। यह यौगिक  हड्डी में होने वाले रोगों को कम करती है। तथा हड्डी में होने वाले रोगों को रोकती है।

5.  हार्ट के लिए फायदेमंद
बादाम और किसमिस में पाए जाने वाले विटामिन तत्व  हमारे हार्ट के हेल्थ को सही रखते है। किसमिस और बादाम को मिलाकर पीने से हमारा कोलेस्ट्रॉल लेवल नियंत्रित रहता है। और हार्ट संबंधी से होने वाले रोगों का खतरा कम रहता है। 
6.ब्रेन के लिए फायदेमंद।
ब्रेन के लिए बादाम को बहुत ही जरूरी माना जाता है क्योंकि बादाम में वह जरूरी पोसक तत्व होते है जो ब्रेन के लिए काफी जरूरी होते है। दूध के साथ बादाम को मिलाकर पीने से ब्रेन की  मेमोरी बढ़ती है।  इसका लाभ बूढ़े  और बच्चो के लिए दोनो के लिए फायदेमंद है।
7. नीद को सही बनाने में उपयोगी
अगर आपको गहरी और शांतिपूर्ण नीद चाहिए तो यह उपाय आपको करना चाहिए।  इसके लिए आपको भिगोकर रखे हुए दूध में बादाम और किसमिस को मिलाकर पीना है बस आपको इतना ही करना है। ऐसा करने से आपकी नीद में काफी सुधार आएगा।

सेवन करने के उपाय
रात को खराटे मारने से जस्ट पहले आपको एक गिलास दूध में वह दूध चाहे गाय का हो या फिर भैंस का हो कोई फर्क नहीं पड़ता है।बस दूध होना चाहिए। एक गिलास दूध में  दो तीन बादाम चार पाच किसमिस  को डालकर छोड़ देना है।  इसको रात भर के लिए छोड़ दे ।सुबह में इसको उबाल लें  हल्का गर्म रहे तभी इसको आराम से पिए। इसी तरह रोजाना नियमित सेवन करने से आपको काफी जबरदस्त लाभ मिलेगा। 
 अस्वीकरण== सलाह सहित यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी तरह चिकित्सा की राय नहीं है। अधिक जानकारी के लिए अपने डाक्टर से सलाह ले ।यह साइट जाकारी के लिए जिम्मेदार नहीं है।
निष्कर्ष

दूध एक संपूर्ण आहार है जो शरीर को पोषण देने के साथ-साथ कई गंभीर बीमारियों से भी बचाता है। अगर आप स्वस्थ रहना चाहते हैं, तो रोजाना दूध पीने की आदत डालें। दूध को अपने आहार में शामिल करें और इसके अद्भुत लाभों का आनंद लें।
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मंगलवार, 27 अगस्त 2024

पुरषों के लिए अंजीर के लाभ। Pursho ke liye anjeer ke labh.

 





पुरुषों के लिए अंजीर के अद्भुत फायदे

अंजीर एक अत्यंत पौष्टिक और औषधीय गुणों से भरपूर फल है, जिसे प्राचीन काल से स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए उपयोग किया जाता रहा है। खासतौर पर पुरुषों के लिए अंजीर कई तरह से फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद विटामिन्स, मिनरल्स, एंटीऑक्सीडेंट्स और प्राकृतिक शर्करा शरीर की विभिन्न जरूरतों को पूरा करने में मदद करते हैं।

इस लेख में हम आपको बताएंगे कि अंजीर पुरुषों के स्वास्थ्य के लिए कितने प्रकार से लाभकारी हो सकता है और इसे अपने आहार में कैसे शामिल किया जाए।

1. पुरुषों की यौन शक्ति बढ़ाने में सहायक

अंजीर को प्राकृतिक कामोत्तेजक (Aphrodisiac) माना जाता है, जो पुरुषों की यौन क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। इसमें जिंक, मैग्नीशियम, मैंगनीज और अन्य आवश्यक मिनरल्स पाए जाते हैं, जो टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के स्तर को बढ़ाने में सहायक होते हैं।

कैसे करें सेवन?

2-3 अंजीर को रातभर दूध में भिगोकर सुबह खाएं।

दूध में उबालकर अंजीर का सेवन करें।

2. ऊर्जा और स्टैमिना बढ़ाने में मददगार

अंजीर में प्राकृतिक शर्करा और कार्बोहाइड्रेट की अच्छी मात्रा होती है, जिससे शरीर को तुरंत ऊर्जा मिलती है। यह विशेष रूप से उन पुरुषों के लिए फायदेमंद होता है जो अधिक शारीरिक श्रम करते हैं या जिम जाते हैं।

कैसे करें सेवन?

नाश्ते में 2-3 सूखे अंजीर खाएं।

प्री-वर्कआउट स्नैक के रूप में अंजीर का सेवन करें।

3. पुरुषों के हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी

अंजीर में पोटैशियम, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने और हृदय रोगों से बचाने में मदद करते हैं। यह खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करता है और हृदय को स्वस्थ बनाए रखता है।

कैसे करें सेवन?

रोज सुबह खाली पेट 2-3 अंजीर खाएं।

अंजीर को सलाद या ओट्स में मिलाकर खाएं।

4. हड्डियों को मजबूत बनाता है

अंजीर में कैल्शियम, फॉस्फोरस और मैग्नीशियम की भरपूर मात्रा होती है, जो हड्डियों को मजबूत बनाती है और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं से बचाने में मदद करती है।

कैसे करें सेवन?

दूध के साथ अंजीर का सेवन करें।

अंजीर को रातभर भिगोकर खाने से अधिक लाभ मिलेगा।

5. पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है

अंजीर में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है। यह आंतों को स्वस्थ बनाए रखता है और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।

कैसे करें सेवन?

सुबह खाली पेट भिगोया हुआ अंजीर खाएं।

अंजीर को सलाद या स्मूदी में मिलाकर खाएं।

6. वजन बढ़ाने में मदद करता है

जो पुरुष बहुत अधिक पतले हैं और वजन बढ़ाना चाहते हैं, उनके लिए अंजीर एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। इसमें उच्च कैलोरी और आवश्यक पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर के वजन को स्वस्थ तरीके से बढ़ाने में मदद करते हैं।

कैसे करें सेवन?

दूध और अंजीर का शेक बनाकर पिएं।

नट्स के साथ अंजीर का सेवन करें।

7. मधुमेह (डायबिटीज) को नियंत्रित करने में सहायक

अंजीर में प्राकृतिक रूप से कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जिससे यह मधुमेह के रोगियों के लिए फायदेमंद होता है। यह रक्त शर्करा के स्तर को संतुलित बनाए रखने में मदद करता है।

कैसे करें सेवन?

रोज़ाना सीमित मात्रा में 1-2 अंजीर खाएं।

इसे सलाद या दलिया में मिलाकर खाएं।

8. पुरुषों की त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद

अंजीर में एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन C और अन्य पोषक तत्व होते हैं, जो त्वचा को चमकदार और बालों को मजबूत बनाते हैं। यह झुर्रियों, मुंहासों और समय से पहले सफेद बालों की समस्या को रोकने में मदद करता है।

कैसे करें सेवन?

रोजाना 2-3 अंजीर खाएं।

अंजीर का फेस मास्क बनाकर लगाएं।

9. तनाव और मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी

अंजीर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और मैग्नीशियम मानसिक तनाव को कम करने में सहायक होते हैं। यह मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाकर नींद की गुणवत्ता सुधारता है।

कैसे करें सेवन?

सोने से पहले गर्म दूध में अंजीर डालकर पिएं।

रोज सुबह 2-3 अंजीर खाएं।

10. इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक

अंजीर में मौजूद विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं। यह संक्रमण, सर्दी-खांसी और अन्य बीमारियों से बचाने में मदद करता है।

कैसे करें सेवन?

सुबह खाली पेट भिगोया हुआ अंजीर खाएं।

नट्स और शहद के साथ मिलाकर खाएं।

भीगे अंजीर खाने के फायदे एंड नुकसान

अंजीर को एक अलग नाम से भी जाना जाता है ।इसका दूसरा नाम है फिग्स यह एक तरह से छोटा फल होता है जिसे सुखा और ताजा भी खा सकता है।यह हल्का लाल तरह का होता है यह स्वाद में मीठा होता हैं अजीर सूखने पे लचीला हो जाता है। यह खराब जल्दी नहीं होता है ताजे होने पर यह अधिक समय तक सही नही रहते है। अंजीर का टेस्ट बहुत अच्छा होता है और इसको खाने पे बहुत सारे लाभ भी होता है। इसकी खेती तुर्की मिस्त्र इटली  स्पेन आदि जैसे देशों में किया जाता है। यह ठंडी गर्म जैसे मौसम में भी होता है।प्राचीन समय से ही अंजीर के पेड़ को भोजन के स्रोत के रूप में मान्यता दी गई है।

अंजीर में कौन कौन से गुण पाए जाते है।

अंजीर में कैलोरी कम होती है।अंजीर में सल्युबाल फाइबर और कहीं भी अधिक मात्रा में पाया जाता है।अंजीर में ल्यूनिट,कैरोटीन,विटामिन ए ,एंटीआक्सिडेंट सही मात्रा में पाया जाता है।इसका उपयोग करने से फ्री रेडिकल्स की परेशानी दूर हो जाती है।जिसके कारण कई पुरानी बीमारी की संभावना को भी काम किया जा सकता है। ताजा अंजीर में खाने से शरीर को कई पारकर के बीमारियो से राहत था शरीर में बीमारी कम होने चांसेंस बहुत कम होते है।

अंजीर का उपयोग कैसे किया जाता है।

अंजीर का उपयोग भारत में अनेकों पारकर से किया जाता है अधिकतर लोगो को अंजीर का हलवा बहुत पसंद है। अंजीर का हलवा बनाने में दूध, बादाम, और चीनी के स्थान पी अंजीर का उपयोग किया जाता है क्योंकि अंजीर में सुक्रोज अच्छी मात्रा में पाया जाता है ।इसलिए चीनी के स्थान पे अंजीर का उपयोग किया जाता है।

अंजीर के फल का पेस्ट रसदार, मीठा, मुलायम होता है इसलिए इसका उपयोग हलवा बनाने के लिए अधिक किया जाता है।

साथ ही इसको उपयोग केक और अन्य बेक समानो के लिए भी किया जाता है।सूखे अंजीर से बनाया हुआ मिल्कसेक बहुत सवादिस्ट होता है। इसलिए मिल्कसेक में चीनी मिलाने की आवश्यकता नहीं होती है। आप अपने किसी भी स्वीट को चीनी के स्थान पे आप अंजीर का उपयोग कर सकते है ।जिससे आप के स्वीट का स्वाद बड़ जायेगा। अंजीर का बीज ,छाल फल पत्तियां ,का उपयोग चिकित्सा में भी किया जाता है।अंजीर का उपयोग पेट में दर्द,भूख न लगना,खासी ,दस्त,आदि कई पारकर की बीमारियो में किया जाता है।

अंजीर खाने के फायदे क्या है।

अंजीर खाने के बहुत सारे फायदे है जिसे निम्न पारकर से दिया गया है।

1.अंजीर में अधिक मात्रा में फाइबर पाया जाता है जिससे मल नर्म हो जाता है और पाचन में काफी सुधार होता है।

ब्लड शुगर का लेवल कम और तनाव को कम करने में सहायक होता है।

अंजीर एक ऐसा फल है जिसमे कैल्सियम ,फासफोर अधिक मात्रा में पाया जाता है।जो हड्डी के विकास में काफी सहायता करता है।और गठन को प्रोत्साहित करने में मदद करता है।पोटैसियम अंजीर में भरपूर मंत्रा में पाया जाता है।तथा शरीर को रक्तचाप को नियंत्रित करने में पोटैसियम काफी मदद करता है।अंजीर में पाए जाने वाले विटामिन ई, सी,ए,त्वचा को पोषण देते है।और त्वचा के सेल्स को पुनर्जीवित करने काफी मदद करते है।

अंजीर खानेअंजीर खाने के नुकसान क्या है। के निम्न नुकसान हो सकते है । 

अंजीर को ज्यादा खाने से दस्त की समस्या हो सकती है।अंजीर की पत्तियां त्वचा को अधिक संवेदन शील बना सकती है।अगर आपको मधुमेह है तो और अगर आप ब्लड शुगर को कम करने की दवा ले रहे है तो आप अंजीर का इस्तेमाल करने से पहले डाक्टर की सलाह जरूर लें।

अंजीर कैसे खाना चाहिए।

सुबह उठने के बाद आप कुछ अंजीर को कुछ टुकड़ों में काट ले।और उन्हे खा ले।अंजीर में अधिक  मंत्रा में फाइबर होने के कारण  आपके पेट को काफी समय तक भरा रखेगा ।जिससे आपको भूख नहीं लगेगी ।इसके कारण आपका वजन घटाने में काफी सहायता मिलेगी।

अंजीर का उपयोग चीनी के स्थान पर भी कर सकते है। क्युकी अंजीर में काफी मिठास होता है जिसके कारण इसका उपयोग हलवा,जैम,बर्फी,केक आदि में किया जाता है।अपने भोजन के पौतिक को बढ़ाने के लिए आप अंजीर का सेवन कर सकते है।सलाद में भी सूखे अंजीर का इस्तेमाल किया जाता है।



भीगे बादाम खाने के क्या फायदे होते है।

पाचन को आसान बनाए= बादाम में सख्त, कठोर बनावट होती है।जिससे उन्हें पचाना मुस्किल हो सकता है।हालांकि भिगोने से वे नरम हो जाते है।जिससे शरीर उनको आसानी से पचा सकता है।

कुछ पोशाक तत्वों के अवशोषण को बढ़ता है= भिगोने से बादाम को चबाना आसान हो जाता है।जिससे पोशाक तत्वों का अवशोषण बढ़ जाता है 

स्वाद और टेक्सचर को बढ़ता है।= भिगोने से बादाम की बनावट और स्वाद बढ़ जाता है।कच्चे बादाम सख्त और कुरकुरे होते है,टैनिन के कारण इनका स्वाद थोड़ा कड़वा होता है।भिगोने पे वे नरम , कम कड़वे,और मक्खन जैसे स्वाद वाले हो जाते है।

सुबह खाली पेट बादाम खाने के फायदे क्या है

सुबह खाली पेट बादाम खाने के फायदे निम्नलिखित है।

पाचन को आसान बनाता है

एंटीआक्सिडेंट कर रूप में काम करता है

वजन घटाने में सहायक होता है

त्वचा के लिए फायदेमंद होता है।

पोशाक तत्वों का अवशोषण बढ़ाता है 

मस्तिष्क के कार्यों को बढ़ावा देता है।

ब्लड शुगर के लेवल को बेहतर बनाने में मदद करता है।

कोलेस्ट्रॉल के स्तर को प्रतिबंध करने में मदद करता है।

सोने से पहले बादाम खाने के फायदे=

यदि आप सोने से पहले ऐसा स्नेक खाना चाहते है।जो रात की एनआईडी में आप की गुण में सुधार करे तो बादाम एक अच्छा विकल्प है।बादाम में ट्रिप्टो फैन पाया जाता है।जो हार्मोन मेलाटोंनिन का एजेंट है।जो नीद  को बढ़ावा देता है। हमारे सोने जागने के चक्र मेलाटोनिन द्वारा नियंत्रित होते है। यही कारण है की सोम से पहले बादाम खाने से नीद अच्छी आती है।

छिलके सहित बादाम खाने के फायदे 

बादाम को छिलके सहित खाने से स्वाथ को कोई नुकसान नहीं होता है। स्वास्थ्य कारणों से कई फलों ,सब्जियों और नैट्स के छिलके में पाए जाने वाले एंटी पोसाक तत्वों से बचना चाहिए।फिर भी बादाम का छिलका अन्य सामग्री की तुलना मे अपेक्षा रहित हानि नहीं पहुंचता है ।

वैसे तो बादाम शरीर के लिए बहुत ही लाभ दयाल होता है।लेकिन किसी भी चीज का अधिक सेवन करने से हानिकात्क भी हो सकता है। इसलिए संतुलित आहार सेवन करना सभी के लिए बहुत जरूरी होता है।

निष्कर्ष


अंजीर पुरुषों के स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक फायदेमंद है। यह यौन स्वास्थ्य, हृदय स्वास्थ्य, हड्डियों की मजबूती, पाचन तंत्र, वजन बढ़ाने, त्वचा और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। अगर आप अपने आहार में अंजीर को शामिल करते हैं, तो आप कई स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं।


नोट: अगर आप किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या से ग्रस्त हैं या दवाइयाँ ले रहे हैं, तो अंजीर का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।


स्वस्थ रहें, खुश रहें!


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सोमवार, 26 अगस्त 2024

दुबले पतले शरीर को मोटा करने के आसान से उपाय। Duble patle sharir ko mota karne ke aasan se upay



                                       

दुबले-पतले शरीर को मोटा करने के आसान और प्राकृतिक उपाय


बहुत से लोग वजन कम करने के लिए प्रयासरत रहते हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो अपने दुबले-पतले शरीर को स्वस्थ और आकर्षक बनाने के लिए वजन बढ़ाना चाहते हैं। कम वजन होना न केवल आत्मविश्वास को प्रभावित कर सकता है, बल्कि यह कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन सकता है। अगर आप भी अपने शरीर का वजन बढ़ाना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए मददगार साबित होगा। यहाँ हम आपको वजन बढ़ाने के आसान, प्राकृतिक और सुरक्षित तरीकों के बारे में बताएंगे।


वजन कम होने के कारण


वजन कम होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें प्रमुख हैं:


अनुवांशिक कारण – यदि आपके परिवार में अधिकतर लोग पतले हैं, तो यह आनुवांशिक कारणों से हो सकता है।


पोषक तत्वों की कमी – संतुलित आहार न लेने से शरीर को आवश्यक पोषण नहीं मिल पाता, जिससे वजन कम होता है।


पाचन संबंधी समस्याएं – अगर आपका पाचन तंत्र कमजोर है, तो शरीर सही तरीके से पोषक तत्वों को अवशोषित नहीं कर पाता।


अत्यधिक व्यायाम – ज्यादा शारीरिक गतिविधि करने से भी शरीर की कैलोरी की खपत अधिक हो सकती है।


तनाव और चिंता – मानसिक तनाव और चिंता भी वजन कम होने के पीछे एक बड़ा कारण हो सकते हैं।


वजन बढ़ाने के 10 बेहतरीन उपाय


1. उच्च कैलोरी वाला संतुलित आहार लें


वजन बढ़ाने के लिए आपको अपने आहार में अधिक कैलोरी शामिल करनी होगी। इसके लिए आप दूध, घी, पनीर, केले, नट्स, बीज, दालें और चिकन जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें।


2. प्रोटीन युक्त भोजन करें


शरीर में मांसपेशियों के निर्माण के लिए प्रोटीन बहुत जरूरी होता है। इसके लिए अंडे, मछली, सोया, पनीर, दूध, दालें और नट्स का सेवन करें।


3. दिन में 5-6 बार भोजन करें


अगर आपका वजन कम है, तो दिन में 3 बार खाने के बजाय छोटे-छोटे 5-6 भोजन करें। इससे शरीर को लगातार ऊर्जा मिलती रहती है और वजन बढ़ने की प्रक्रिया तेज हो जाती है।


4. वसायुक्त आहार को शामिल करें


स्वस्थ वसा आपके वजन को बढ़ाने में मदद करती हैं। आप अपने भोजन में मूंगफली का मक्खन, नारियल तेल, जैतून का तेल, एवोकाडो और घी को शामिल कर सकते हैं।


5. दूध और दूध से बने उत्पादों का सेवन करें


दूध और इससे बने उत्पाद जैसे दही, पनीर और छाछ वजन बढ़ाने में मददगार होते हैं। आप एक गिलास दूध में केला या शहद मिलाकर पी सकते हैं।


6. वर्कआउट करें, लेकिन सही तरीके से


व्यायाम केवल वजन घटाने के लिए नहीं, बल्कि वजन बढ़ाने के लिए भी जरूरी है। मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए वेट ट्रेनिंग, योग, पुशअप्स और स्क्वैट्स करें। इससे शरीर में मास बढ़ेगा और आपका वजन बढ़ेगा।


7. भरपूर नींद लें


शरीर की सही वृद्धि और वजन बढ़ाने के लिए रोजाना 7-8 घंटे की गहरी नींद लेना बहुत जरूरी है। नींद पूरी न होने से मेटाबॉलिज्म पर असर पड़ता है और वजन बढ़ने में मुश्किल होती है।


8. तनाव और चिंता से बचें


अगर आप बहुत ज्यादा मानसिक तनाव या चिंता में रहते हैं, तो यह आपकी भूख को कम कर सकता है। मेडिटेशन, योग और संगीत सुनने जैसी गतिविधियाँ तनाव को कम करने में सहायक होती हैं।


9. वजन बढ़ाने के लिए हेल्दी ड्रिंक्स लें


कोल्ड ड्रिंक्स और पैकेज्ड जूस की बजाय स्मूदी, मिल्कशेक, नारियल पानी और ताजे फलों का जूस पिएं। यह शरीर को आवश्यक पोषक तत्व देने के साथ-साथ वजन बढ़ाने में भी मदद करते हैं।


10. प्राकृतिक सप्लीमेंट्स का सेवन करें


अगर आपका वजन बहुत कम है और आप जल्दी बढ़ाना चाहते हैं, तो डॉक्टर की सलाह लेकर आयुर्वेदिक या प्राकृतिक सप्लीमेंट्स का सेवन कर सकते हैं, जैसे कि अश्वगंधा, शतावरी, च्यवनप्राश और प्रोटीन पाउडर।


क्या न करें?


जंक फूड या तला-भुना खाना ज्यादा न खाएं।


सिर्फ कैलोरी बढ़ाने के लिए अनहेल्दी फूड का सेवन न करें।


जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज न करें।


नींद से समझौता न करें।

खाए इन विटामिन से भरपूर चीज को दूर होगी कमजोरी

वजन बढ़ाने  के लिए एक बहुत ही कमाल की चीज है ।जिनका वजन नहीं बढ़ रहा है।उनके लिए हेजलटन  है जो तेजी से वजन बढ़ाने में सहायता करती है।

बहुत सारे लोग कमजोरी से परेशान रहते है। वे हमेशा वजन बढ़ाने के तालाश में जारी रहते है। बहुत सारे लोग यह भी जानना चाहते है की वजन बढ़ाने के लिए क्या खाए पिए।अथवा वजन बढ़ाने के लिए घरेलू उपाय कया अपनाए ।हम लोग किसी भी चीज को पाने की जल्दी हमेशा से बनी रहती है। लेकिन किसी भी चीज को होने में समय लगता है ।किसी भी चीज का नियमित रूप से सेवन करने से वह चीज आपको लाभ जरूर करती है। वजन बढ़ाने के लिए लोग बहुत सारे दवाई तथा प्रोटीन जैसे मेडिकल का इस्तमाल करते है।।लेकिन जाया फायदा और नुकसान भी न हो इसलिए प्रकृति चीज को अधिक ध्यान देना चाहिए। हैजलटन एक ऐसा फल है। इसमेंअधिक मात्रा में प्रोटीन और कैलोरी पाया जाता है । जिससे हमारे शरीर को वजन बढ़ाने में काफी सहायता मिलती है 

वजन बढ़ानेके लिए हेल्टाजन के  फायदे 

हैलोजन में अनेकप्रर के पोषक तत्व पाए जाते हैं जैसे कि। हेल्दी फैट्सप्रोटन विटामिन ए विटामिन विटामिन बी6। एंटीऑक्सीडेंट फाइबर पाए जाते हैं। यह सभी तत्व को वजन बढ़ाने मेंकाफी सहायता करते हैं जो हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंदहोता है। किस में पाए जाने वाले सभीविटामिन जो हमारे हेल्थके लिए काफी फायदेमंदहोती है।

1. हेल्टाजन स्मूदी

आप अपने रोजाना दिनचर्या में डेली स्मूदी शामिल कर सकते हैं 

इसके लिए आप केला दूध और अन्य फलों के साथ हेल्टाजा मिक्सर में मिक्स करके इस स्मूदी को आप रोजाना नियमित रूप सी ले सकते है। जिससे आपके शरीर के काफी ताकत आ सकती है।

2.हेल्टाजन बटर

हेल्टाजन बटर बनाकर टोस्ट या बटर पर लगाकर खा सकते है।यह अधिक टेस्टी होने के साथ साथ बहुत सारे विटामिन से भरपूर होता है।जो शहरी का वजन बढ़ाने में काफी सहायक होता है। 

3.हेल्टाजन के साथ ड्राई फ्रूट्स 

आप बादाम काजू अखरोट को हेल्टाजन के साथ मिलाकर खा सकते है। इस तरह के मिश्रण में काफी मात्रा में हैल्डी फैट्स और हाई कैलोरी पाई जाती है। जो शरीर का वजन बढ़ाने में काफी सहायक होती है।

4. डेजटस में हैजलनटस 

आप अपने कुकीज केक, चाकलेट ,में हैजलनटस का प्रयोग कर सकते है। इस तरह से खाने पे यह आपके भोज्य पदार्थ के टेस्ट को बढ़ता है। जिससे आपको काफी मात्रा में कैलोरी मिलती है।जिससे आपका वजन बढ़ाने में काफी सहायता मिलती है।

5. सलाद में तथा अन्य भोजन सामग्री में हैजलनटस 

आप अपने पास्ता सलाद और अन्य तरह के डिशेज में हैल्जनटस को डालकर टेस्टी बना सकते है।  यह आपके भोजन को टेस्टी बनाने के साथ साथ उसमे पोसक तत्वों की मात्रा ही बढ़ा देता है।

कितनी  मात्रा में सेवन करना चाहिए।

हैल्जनटस  का उपयोग लिमिट में करना चाहिए। डेली आप अगर  रोजाना 15=30,ग्राम हैलजनटस  का उपयोग सही मात्रा में होता है।  यह आपके वजन बढ़ाने के साथ साथ आपके पूरे शरीर के हेल्थ को सुधारने में मदद करता है। 

हैजलनटस वजन बढ़ाने के लिए स्वादिष्ट और पराकृतिक उपाय माना जाता है। इसे आप रोजाना अपने दिन चर्या में शामिल करके आप आसानी से अपना वजन बढ़ा सकते है। आप वजन बढ़ाने के साथ साथ डेली जिम , एक्सरसाइज करे। यह जरूरी भी है।

वैसे ते लोगे अदिकतर मोटापा से परेशान रहते है लेकिन बहुत सारे लोग ऐसे भी है जो अपना वजन बढ़ाना चाहते है लेकिन उनको वजन बढ़ाने में मुस्किल हो रही है। बहुत सारे लोग होते है जो बहुत खाते पीते है लिकिन उनका वजन नहीं बढ़ता है। जिसके चक्कर में लोग बाहर के बहुत जंक फूड  खाते रहते है फिर भी उनका वजन नहीं बढ़ता है। 

वजन कैसे बढ़ाएं? अगर आप भी दुबले पतले शरीर से परेशान है तो कुछ आपको हेल्दी फूड खाना चाहिए।जैसे दूध बादाम काजू आदि चीजे।इन सब में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है।दूध प्रोटीन वसा ,कैसियम,एयर अन्य विटामिन प्रोटीन से भरा होता है।

व्यायाम करने के बाद दूध पीने से मांसपेसी को सही मात्रा में प्रोटीन मिलता है जो शरीर के विकास के लिये बहुत जरूरी होता है। क्युकी दूध में वो जरूरी पोशाक तत्व होता है हमारे शरीर विकास के लिए बहुत जरूरी होता है।आपको रोजाना अक्गीला दूध पीना चाहिए।

चाकलेट नट शेक बनाना

इसे बनाए के लिए आधा लीटर दूध,एक केला चाकलेट एक चम्मच नट बटर मिलाए  इन सभी को अच्छी तरह से मिक्स कर ले अब आपका शेक तैयार हो गया। अब आप इसे सुबह या शाम  को पी सकते है। 

एवोकैडी 

यह एक ऐसा फल है जो हेल्थ के लिए अच्छा माना जाता है।इसका सेवन करने से आपका फैट भी बढ़ता है। इसमें बहुत अधिक कैलोरी नही होती है।लेकिन यह वजन बढ़ाने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। एक इसमें 17 ग्राम फाइबर,332 कैलोरी,29ग्राम फैट होता है इसमें  विटामिन  के, इ,सी होती है। यह वजन बढ़ाने में काफी सहायता करता है।

रेड मीट

रेड मीट में वजन बढ़ाने और मांस पेशियों के विकास के लिए सभी चीजे होती है।  एम फैट और प्रोटीन दोनो होते है। जो आपके वजन को बढ़ता है।लेकी जायदा रेड मीट खाने से बचाना चाहिए।

सोयाबीन

सोयाबीन में आयरन विटामिन k । फास्फोरस का अच्छी मात्रा पाई जाती है। एक कप सोयाबीन में 29ग्राम प्रोटीन ,15,ग्राम फैट,17 ग्राम कबर्स 298कैलोरी होता है। इसके अलावा सोयाबीन में एंटी आक्सीडेंट अधिक होता है।

सेलमन  टूना मछलियां में मांसपेसी के विकास के तथा ओमेगा 3 फैटी एसिड के कारण पूरे मानव शहरी को लाभ पहुंचता है।  इसको चावल के साथ खाने से काफी मात्रा में शरीर को ऊर्जा मिलती है।

डिस्क्लेमर= साल सहित यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी परदान करती है।किसी तरह का योग ,चिकित्सा का विकल्प या राय नहीं है। अधिक जानकारी के लिए अपने डाक्टर से सलाह ले ।यह साइट  जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नही करता है।

निष्कर्ष


दुबले-पतले शरीर को मोटा करने के लिए संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और सही जीवनशैली जरूरी है। अगर आप सही तरीके से आहार लेंगे और स्वस्थ आदतें अपनाएंगे, तो कुछ ही हफ्तों में आपको फर्क दिखने लगेगा। अगर आपका वजन अत्यधिक कम है और स्वास्थ्य समस्याएं बनी रहती हैं, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।


स्वस्थ खाएं, फिट रहें और अपने आत्मविश्वास को बढ़ाएं!






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काली मिर्च के असली फायदे आप लोग नही जानते है Kali mirch ke asli phayde aur labh aap log nahi jante hai.






काली मिर्च के अद्भुत फायदे: स्वास्थ्य के लिए एक वरदान

काली मिर्च, जिसे 'ब्लैक पेपर' के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय मसालों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह न केवल खाने का स्वाद बढ़ाती है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी अत्यधिक लाभकारी होती है। आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा दोनों में इसे कई बीमारियों के इलाज में उपयोग किया जाता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण इसे एक बेहतरीन औषधि बनाते हैं। इस लेख में हम आपको काली मिर्च के विभिन्न स्वास्थ्य लाभों के बारे में बताएंगे।

1. पाचन शक्ति को मजबूत बनाती है

काली मिर्च पेट की पाचन क्रिया को सुधारने में मदद करती है। यह पाचन एंजाइमों के स्राव को बढ़ाकर भोजन को जल्दी पचाने में सहायक होती है। अगर आपको अपच, गैस या एसिडिटी की समस्या होती है, तो अपने भोजन में काली मिर्च का उपयोग जरूर करें।

2. वज़न कम करने में मददगार

काली मिर्च में पाइपरिन नामक तत्व पाया जाता है, जो शरीर की चयापचय दर (मेटाबॉलिज्म) को बढ़ाने में मदद करता है। यह शरीर में जमा अतिरिक्त चर्बी को कम करने में सहायक होता है। अगर आप वज़न कम करना चाहते हैं, तो अपनी डाइट में काली मिर्च को शामिल करें।

3. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए

काली मिर्च में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुण शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं। यह शरीर को संक्रमण से बचाने और बीमारियों से लड़ने में सहायता करती है। सर्दी, खांसी और जुकाम में काली मिर्च का सेवन बहुत लाभदायक होता है।

4. हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखे

काली मिर्च रक्त संचार को सुधारने और खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती है। यह रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ बनाए रखती है, जिससे हृदय से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम होता है।

5. मधुमेह (डायबिटीज) के लिए फायदेमं

शोधों के अनुसार, काली मिर्च शरीर में इंसुलिन की संवेदनशीलता को बढ़ाने में मदद करती है। इससे ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रखने में सहायता मिलती है। यह टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत उपयोगी हो सकती है।

6. कैंसर से बचाव में सहायक

काली मिर्च में मौजूद पाइपरिन तत्व कैंसर-रोधी गुणों से भरपूर होता है। यह शरीर में फ्री रेडिकल्स को कम करने में मदद करता है, जिससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव संभव हो सकता है।

7. मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है

काली मिर्च मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाने में मदद करती है। यह डिप्रेशन, स्ट्रेस और अल्जाइमर जैसी मानसिक समस्याओं को कम करने में सहायक होती है। इसका नियमित सेवन दिमाग को तेज और सक्रिय बनाए रखने में मदद करता है।

8. त्वचा के लिए लाभकारी

काली मिर्च त्वचा की चमक को बनाए रखने और मुंहासों को दूर करने में मदद करती है। इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण त्वचा संक्रमण को रोकते हैं। इसे फेस पैक में मिलाकर लगाने से त्वचा पर निखार आता है।


9. खांसी और जुकाम में असरदार
अगर आपको सर्दी-खांसी हो रही है, तो काली मिर्च को शहद या अदरक के साथ लेने से तुरंत राहत मिल सकती है। यह गले में खराश और बंद नाक को खोलने में मदद करती है।

10. बालों के लिए फायदेमंद

काली मिर्च बालों को झड़ने से रोकने और डैंड्रफ को कम करने में मदद करती है। इसे दही या नारियल तेल में मिलाकर बालों में लगाने से बाल मजबूत और घने होते हैं।

काली मिर्च का उपयोग कैसे करें?

चाय में काली मिर्च डालकर पिएं।

सलाद और सूप में मिलाकर सेवन करें।

शहद के साथ एक चुटकी काली मिर्च लें।

रोज़मर्रा के खाने में मसाले के रूप में उपयोग करें।




4 बीमारियो  के लिए दवा है कालीमिर्च जानिए इसके फायदे और सेवन करने का सही तरीका 

आपको सायद ही मालूम होगा की आप की किचन में पाए जाने वाली काली मिर्च आपके लिए कितना फायदा मंद हो सकती है। तो आईए जानते है की काली मिर्च के क्या क्या फायदे है।

मौसम की बारिश गर्मी से तो राहत देती है लेकिन इस समय अनेक पारकर के इंफेक्सन होते रहते है। नमी वाला मौसम में अधिक बीमारिय बढ़ने का खतरा रहता है क्योंकि इस मौसम में बैक्टीरिया के बढ़ने की संभावना अधिक रहती है जिससे बीमारी भी बढ़ने का खतरा अधिक रहता है। अच्छी बात यह है आप अपने मसाले में काली मिर्च का इस्तमाल करके अनेक पारकर के मौसमी बीमारी को दूर भगा सकते है। काली मिर्च का इस्तेमाल करने से भोजन के स्वाद में भी बढ़ोतरी आती है।  लेकिन आप को जान कर हैरानी होगी की  इसके औषधि गुण भी है। खासकर यह मौसमी चेंज में यह अपना असर अधिक दिखाती है।काली मिर्च को रोज मसाला के साथ इस्तेमाल करने से  आपको पाचन संबंधी , आपकी इन्यूनिटी, आपकी हेल्थ , और बहुत सी परेशानी को आपसे दूर भगाता है ।तो आईए जानते है की काली मिर्च के कितने पारकर के लाभ है।

 1. इन्युनिटी को मजबूत करता है।

जब जब मौसम चेंज होता है तब तब हमारी इम्युनिटी कमजोर हो जाती है। क्यूकी हम हवा में खराब बैक्टीरिया के संपर्क में आता है जिससे हमारा इन्युनिटी का संतुलन बिगड़ जाता है।  इम्यूनिटी को मजबूत रखने के लिए  जरूरी काम करना आवश्यक होता है। इसके लिए आपको काली मिर्च को रोजाना अपने भोजन में सामिल करना चाहिए जिससे आप इसके लाभ आसानी से पा सके।नेशनल हेल्थ के अनुसार काली मिर्च पराकृतिक में जीव जीवाणुरोधक   है 

इसमें एंटी ऑक्सीडेंट काफी मात्रा में होता है जो हमारी इन्युनिटी को मजबूत बनाने में हमारी काफी मदद करता है।

2. सर्दी खासी 

मौसम के बदलाव में सर्दी खासी होना कॉमन सी बात है। लेकिन उस मौसम में काली मिर्च का सेवन करने से आप बीमार पड़ने की संभावना कम होती है। मसाले में मौजूद एंटी बैक्टीरिया हमारे । रिपेयरिंग सिस्टम को मजबूत बनाए रखता है इसलिए आप हमेशा फिट रहना चाहते है तो आप काली मिर्च का इस्तेमाल आप रोजाना करना सुरु कर दीजिए।

3.पोशाक तत्वों को बढ़ता है।

आपको शायद ही मालूम लोग की काली मिर्च के सेवन से पोसक तत्वों के अवशोषण में काफी हद तक सहायता मिलती है। काली मिर्च  में एक पीपेरिन नामक एक यौगिक होता है।जो भोजन के अवश्यक विटामिन मिनिरल्स के अवशोषण को उचित बनाए रखने के लिए माना जाता है।

4. मौसम के बदलाव में काली मिर्च का सेवन करने से आपके पाचन को सही ढंग से सुचारू रूप से सही रखता है। काली मिर्च और भी अनेक प्रकार से लाभ पहुंचता है।  जैसे की गैस , एसिडिटी पेट खराब होना ,पेट फूलना जैसी समस्या से राहत दिलाने के लिए काली मिर्च जायदा लाभ करी होता है।

काली मिर्च  हाइड्रोक्लोरिक एसिड के स्त्राव में बढ़ावा देता है। जिससे आपका पाचन तंत्र ठीक से काम करने में अवश्य होता है।

काली मिर्च को अपने आहार में शामिल कैसे करे

आप अपने आहार में काली मिर्च को बहु सारे तरीको से सामिल कर सकते है  इसे आप चाय में डाले पी सकते है। दूध में डाल के पी सकते है। सूप में डाल के पी सकते है।  या फिर ditacs water बनाए ।आप इसे अपनी चाय में भी शामिल कर सकते है।यह न केवल इसे टेस्टी बनाएगा बल्कि इसे गुणकारी भी बनाएगा।  निबू पानी  या किसी और अन्य पेय जल में भी मिलाके आप पी सकते है यह सभी तरह से लाभ दायक होता है।  अपनी सब्जी में भी काली मिर्च के पावडर को छिड़कर खा सकते है।


लौंग के औषधि गुण

सिर दर्द (सिर दर्द या अधकपारी) में लौंग का प्रयोग लाभ दायक है। सिर दर्द में आप लोग लौंग के तेल का इस्तेमाल कर सकते है। यदि कोई सिर दर्द या अधकपारी से परेशान है तो लौंग के तेल का प्रयोग आपको लाभ पहुंचता है। लौंग का प्रयोग कुछ इस पारकर से आप कर सकते है। 6 ग्राम लौंग को आप पानी में पीस कर सुखा लें ।इसके बाद सूखे हुए लौंग को थोड़ा गर्म कर ले। इसका कान के आस पास गाढ़ा लेप करने से सिर का दर्द या अधकपारी से आराम मिलता है।

2 ग्राम लौंग को पानी के साथ पीसकर गर्म कर ले ।इसको माथे पर लेप करने  सर्दी के वजह से होने वाली सिर दर्द में आराम मिलता है। 

आखों की बीमारी में लौंग के लाभ

कुछ लौंग ले  अब लौंग को तांबे के बर्तन में पीस ले  ।पीस हुए लौंग को सहद में मिलाके आखों में लगाने से आखों में होनेवाले रोगों में लाभ मिलता है।

दातो में लौंग के प्रयोग और उसके लाभ

लौंग से दातों के रोगों में भी लाभ मिलते है। लौंग के तेल को दातो में रूई के माध्यम से लगाए ।लौंग के तेल को लगाने से दातों के दर्द और दातों में लगे कीड़ो खत्म हो जाते है।जिससे दातो को आराम मिलता है।

बलगम की समस्या में लौंग के फायदे 

125 मिली पानी में लौंग के 2ग्राम के पीसे हुए टुकड़ों को उबाल लें। इसे इतना उबाले की लौंग के पानी का एक चौथाई पानी बच जाए।  अब इसे छानकर हल्का गर्म में ही पी ले। यह कफ को बाहर निकलने में मदद करता है। 

लौंग के सेवन से खत्म होती है सासो और मुंह की बदबू

लौंग को मुंह में रख के खाने से सांस  और मुंह की बदबू खत्म होती है।

दम के रोग में भी लाभकारी होता है लौंग का सेवन 

दमा के रोग में भी लौंग को खाने से लाभ मिलता है। आंकड़े के फूल , काला नमक, और लौंग को बराबर मात्रा में ले ले।इनको पीसकर छोटी छोटी गोली बना ले। इसको मुंह में रख कर चूसने से सांसों और दमा के रोगों में लाभ मिलता है। 

कुक्कुर खासी का इलाज लौंग से हो सकता है।

आग पर 3से 4 चार लौंग को भून ले। इसे सहद में मिलाकर चाटने से खासी में लाभ मिलता है।

हैजा में लौंग से लाभ 

हैजा में ज्यादा प्यास लगने के समस्या होती है। अधिक प्यास लगती है। इस स्तिथि में लौंग से काफी आराम मिलता है। दो ग्राम लौंग को एक लीटर पानी में उबाल लें ।अब  इसे पाच मिनट तक उबाल लें ।इसको नीचे उतरकर ढक दे ।अब  इसमें से 200मिली पानी को बार बार समय समय पर पिलाने से हैजा में लगने वाली ज्यादा प्यास में आराम मिलता है।

अपच की समस्या में लौंग के लाभ

3 ग्राम हरड़ 1ग्राम लौंग को काढ़ा बनके रख ले। अब इसमें उचित मात्रा में सेंधा नमक मिला ले ।सेंधा नमक उतना ही मिलाए जितना पी सके ।  इसको अपच की स्तिथि में पिलाने से आराम मिलता है।

जी मिचलाने पर लौंग का इस्तेमाल

अगर किसी का जी मचला रहा है तो आप लौंग का निम्न तरह से उपयोग कर सकते है। यह उपाय इस पारकर है। कुछ लौंग को पीसकर पानी में थोड़ा सा गर्म कर ले। अब इसे उस व्यक्ति को पिला दे जिसका मन मचला रहा है। इसको पिलाने से रोगी को आराम मिलता है। 

बुखार में लौंग का उपयोग करने से लाभ

छोटी पीपली और लौंग को बराबर मंत्रा में पीस ले ।अब इसको इस मिश्रण को  जितना मिश्रण है उसका आधा शहद लेकर  इनको मिलाकर  सुबह शाम चाटने से  बुखार के कारण हुए कमजोरी में लाभ देता है। 

 चिरयता तथा लौंग को समान भाग में ले ले अब इन दोनो को पानी में पीसकर पिलाने से बुखार में लाभ मिलता है। 

पेट की गैस की समस्या में लौंग के लाभ 

40ग्राम गुड़,10ग्राम सेंधा नमक,10ग्राम सोंठ,10ग्राम लौंग,अजवायन इन सबको पीस ले  ।इनकी कुछ गोलियां बना ले  ।इनकी 1 गोली को दिन में  1बार सेवन करने से पेट  की गैस की समस्या में काफी लाभ देखने को मिलता है। 

डिस्कलेमर==सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी देती है। यह साइट इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नही करती है। 

निष्कर्ष

काली मिर्च एक प्राकृतिक औषधि है जो कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है। यह पाचन से लेकर हृदय, त्वचा, बालों और मानसिक स्वास्थ्य तक फायदेमंद होती है। अपने भोजन में काली मिर्च को शामिल करके आप अपनी सेहत को बेहतर बना सकते हैं। अगर आपको कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो, तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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Viral bukhar se thik hone ke aasan upaay






वायरल बुखार को ठीक करने के 10 आसान तरीके

वायरल बुखार एक सामान्य संक्रमण है जो वायरस के कारण होता है। यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है और मौसम में बदलाव, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली या संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैल सकता है। वायरल बुखार के लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द, गले में खराश, ठंड लगना और थकान शामिल हो सकते हैं। हालांकि यह आमतौर पर कुछ दिनों में ठीक हो जाता है, लेकिन सही देखभाल न करने पर यह गंभीर रूप भी ले सकता है। इस लेख में, हम आपको वायरल बुखार को ठीक करने के कुछ आसान और प्रभावी घरेलू उपायों के बारे में बताएंगे।

1. भरपूर आराम करें

वायरल बुखार से लड़ने के लिए शरीर को पर्याप्त आराम की जरूरत होती है। जब आप आराम करते हैं, तो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली संक्रमण से लड़ने में अधिक सक्षम होती है। ज्यादा काम करने या व्यायाम करने से शरीर की ऊर्जा कम हो सकती है और बीमारी लंबी हो सकती है। इसलिए, अपने शरीर को पूरी तरह से ठीक होने का समय दें।

2. खूब पानी पिएं

बुखार के दौरान शरीर से अधिक पसीना निकलता है, जिससे डिहाइड्रेशन होने का खतरा रहता है। पर्याप्त मात्रा में पानी, नारियल पानी, हर्बल चाय और फलों का जूस पीने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है और विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं।

3. हल्का और पौष्टिक भोजन करें

वायरल बुखार के दौरान हल्का और सुपाच्य भोजन करें, जिससे पाचन तंत्र पर अधिक दबाव न पड़े। दलिया, खिचड़ी, सूप और उबली हुई सब्जियां खाना बेहतर होता है। मसालेदार और तली-भुनी चीजों से बचें क्योंकि ये पाचन में कठिनाई पैदा कर सकती हैं।

4. गुनगुने पानी से स्नान करें

गुनगुने पानी से स्नान करने से शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है और शरीर को राहत मिलती है। ठंडे पानी से न नहाएं क्योंकि इससे शरीर का तापमान अचानक कम हो सकता है और सिहरन महसूस हो सकती है।

5. तुलसी और अदरक की चाय पिएं

तुलसी और अदरक में एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो वायरल संक्रमण को कम करने में मदद करते हैं। एक कप पानी में 4-5 तुलसी की पत्तियां और थोड़ा सा अदरक उबालें और इसे शहद के साथ पिएं। यह उपाय गले की खराश, सर्दी और बुखार में बहुत फायदेमंद होता है।

6. हल्दी वाला दूध पिएं

हल्दी में एंटीसेप्टिक और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर पिएं। यह उपाय बुखार और शरीर में कमजोरी को कम करने में सहायक होता है।

7. नींबू और शहद का सेवन करें

नींबू में विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं। एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद और आधे नींबू का रस मिलाएं और इसे दिन में दो बार पिएं। यह शरीर को डिटॉक्स करने और वायरल संक्रमण से राहत देने में मदद करता है।

8. भाप लें

नाक बंद होने, गले में खराश या सिरदर्द होने पर भाप लेना बहुत फायदेमंद होता है। एक बड़े बर्तन में गर्म पानी लें, उसमें थोड़ा सा विक्स या पुदीने की पत्तियां डालें और सिर पर तौलिया रखकर भाप लें। यह उपाय सर्दी, खांसी और गले की खराश को दूर करने में मदद करता है।

9. लहसुन का सेवन करें

लहसुन में एंटीवायरल, एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और संक्रमण को जल्दी ठीक करने में मदद करता है। खाली पेट एक या दो कच्ची लहसुन की कलियां चबाना या सूप में मिलाकर सेवन करना लाभकारी होता है।

10. डॉक्टर की सलाह लें

अगर वायरल बुखार 3-4 दिनों में ठीक नहीं होता या बहुत ज्यादा कमजोरी, सांस लेने में दिक्कत, तेज सिरदर्द या उल्टी जैसी समस्याएं होती हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। सही समय पर इलाज लेने से गंभीर जटिलताओं से बचा जा सकता है।

बुखार होना स्वास्थ में सबसे आम बात है ।बुखार होने का पहला कारण है शरीर का तापमान बिगड़ना ।जब जब हमारे शरीर का तापमान बिगड़ता है तब हमे ऐसा लगता है की हमे बुखार हो गया है।सबसे पहले जान लेते है की बुखार आता क्यू क्यू है ।जब हमारा शरीर किसी  बीमारी से लड़ रहा होता है तो तो बुखार होता है।जैसे की मौसम बदलने के बाद कोई नई वायरल चीज /बीमारी आने वाली रहती है तो उससे लड़ते वकत जब हमारा शरीर का तापमान बिगड़ता है तो हमे बुखार हो जाता है।

कभी कभार बिखर आना सही होता है। जिससे शरीर में बीमारियो से लड़ने की रोग प्रतिरोधक की छमता बढ़ती है।लेकिन आप बुखार से परेशान है हो आप घरेलू उपाय करके ठीक हो सकते है। लेकिन याद रहे घरेलू उपाय के साथ साथ यदि बुखार उतर नही रहा है ।तत्काल ही आप डाक्टर की सलाह ले।

बुखरके लक्षण क्या है

कभी कभी बुखार आना सही भी है। जिससे शरीर में रोग प्रतिरोधक की क्षमता बढ़ती है।यह अपने आप ही लक्षण का काम करता है।। शरीर में बुखार होने के कई कारण हो सकते है।जैसे

भूख में कमी

तनाव

सिरदर्द

कमजोरी

मांसपेसीय में दर्द होना

कांपना

बिना कारण पसीना आना

बुखार उतारने की दवा क्या है।

डाक्टर से चेक करके आप बुखार की दवा ले।बुखार उतारने की। पेरासिटामोल ,आइब्रूप्रोफेन ,ज्यादा परचलित दवाएं है।इसके अलावा इसितानिफोमेन, भी बुखार के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

बुखार ठीक करने के घरेलू उपाय

कुछ गहरेलू उपाय बताए जा रहे है ।जिसका इस्तेमाल करके आप बुखार को ठीक कर सकते है।

बुखार की वजह से आपके शरीर का तापमान बढ़ जाता है जिससे आपके शरीर से पसीना आता है। जिससे शरीर डिहाइट्रे हो जाती है  किसकी वजह से हमारे शरीर में कई तरह के बीमारी भी हो सकती है।इसलिए जरूरी है अपने शरीर को उचित मात्रा में आहार  देना। 

ठंडे पानी की पट्टियां 

यह नुस्का बहुत पुराना नुस्का है जो की ठंडे पानी की पट्टी सर पे रखी जाती है। यह नुस्खा बहुत जायदा कई जगहों पर किया जाता है। अगर आपको कभी बुखार आता है तो आप साफ सूती के कपड़े की पट्टी को साफ पानी में भिगोकर पट्टी को निचोड़कर माथे पर रख ले। बुखार में गीला कपड़ा रखने से बुखार कम होता जाता है। पट्टी को थोड़े थोड़े समय के बाद उसे बदलते रहे। बदलने का मतलब है की कपड़े को नहीं बदलना है कपड़े के पानी को निचोड़कर दूसरा पानी में भिगोकर उसे निचोड़ ले फिर माथे पर रख दे। ऐसा बार बार करने से बुखार कम होने की संभावना रहती है।

गिलोय

तेज बुखार को उतारने में गिलोय बहुत ही पुरानी दावा है।जी पुराने समय में हमारे दादा दादी नाना नानी करते थे। वैसे तो गिलोय का उपयोग बहुत तरह के स्वतथ तरह के कामों में लाया जाता है  गिलोय का उपयोग करने के लिए एक गिलास में पानी ले इसके बाद गिलोय को कूटकर पानी में डाले इसके बाद पानी को उबाल लें। पानी को इतना उबाले की पानी आधा हो जाए। इसके बाद उसे छान कर चाय की तरह गर्म गर्म पी ले।स्वाद में थोड़ा अलग तो आयेगा लेकिन आपको उसे पीना है। इससे आपका बुखार कम हो जाएगा। यदि आपका बुखार पूरी तरह से ठीक नहीं हो रहा है तो आप डाक्टर को दिखा सकते है

लहसुन

लहसुन की तासीर गर्म होती है। लेकिन यह बुखार को ठीक करने में काफी सहायता करती है। यह शरीर के तापमान को कम करने में मदद करता है। और शरीर के विषाक्त पदार्थ को बाहर निकालता है। लहसुन में बीमारी से लड़ने की ताकत होती है क्युकी लहसुन में एंटीबैकटिरियल गुण होते है। जो बीमारी से लड़ने में हमारी मदद करता है।लहसुन का उपयोग करने के लिए आप दो लहसुन के टुकड़ों को ले। इसके बाद एक गिलास पानी में आप लहसुन को पानी में डालकर उबाल लें।इसके बाद पानी को छान कर पी ले। दूसरा उपाय जैतून के तेल में लहसुन के पेस्ट को मिलाके पैर के तलवे में लगा ले  जिससे आपको आराम मिलेगा।

अदरक

हड्डी बुखार के लिए अदरक को बहुत अच्छा उपाय माना जाता है।यह भी बुखार को ठीक करता है यह एक अच्छा एम्यूनिटी बूस्टर है।पराकृतिक रूप से अदरक एंटीवेयरल एव एंटी बैक्टीरियल का अच्छा स्रोत माना जाता है।जो संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। यह खासी और सर्दी को भी दूर भगाता है। अदरक की चाय पीने से बुखार में आराम मिलता है। इसके अलावा आप अदरक का काढ़ा भी बनाके आप पी सकते है। 

तुलसी

आयुर्वेदिक में तुलसी का प्रयोग सादियो से होता आ रहा है। अंदरूनी बुखार में तुलसी का पयोग किया जाता है।

पोशाक तत्वों से भरपूर तुलसी यह जड़ी बूटी की तरह काम करती है। तुलसी का प्रयोग करने से बुखार तेजी से काम होता है। इसके प्रयोग के लिए एक गिलास पानी में 15=20 तुलसी के पत्तियां  और एक चमच अदरक का पेस्ट ले इसको अच्छे से उबाल लें।जब पानी आधा हो जाय तो  इसमें सहद मिलाके  इसका दिन में दो बार सेवन करे।

सारंस 

बुखार होना कोई बहुत बड़ी बात नहीं है। शरीर में किसी तरह की वजह से शहरी का तापमान में वृद्धि होने से बुखार हो सकता है। बुखार होने से शरीर की इम्यूनिटी बढ़ोतरी होती है।बुखार अपने आप में एक लक्षण है।जो शरीर में हो रही समस्या को दर्शाता है।बुखार को आप घरेलू नुस्खे अपनाके भी ठीक कर सकते है।  जैसे गिलोय।अदरक।लहसुन।

जब बीमारी आती है तो कभी बताकर नहीं आती है। जब बीमारी आती है तो  हमारे पास उस समय उतना साधन नही होता है। इसलिए आप हमेशा सतर्क रहे। हर वायरल चोटी बीमारी का घरेलू इलाज रखना चाहिए। 

स्वास्थ बीमा बहुत जरूरी है। स्वास्थ बीमा करने से आपको पड़ने वाला खर्चा से आपको बचाता है।जिससे आप और आपका परिवार आर्थिक रूप से काजोर नही होता होता है। 

फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस यह एक अच्छा विचार है। जिससे आप हमेशा सुरछित रहते है। 

डिस्क्लेमर= बुखार में किसी भी घरेलू नुस्खा अपनाने से पहले डाक्टर की सलाह ले।

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बुधवार, 21 अगस्त 2024

बादाम से होनेवाले फायदे जो आपको कई बीमारियो से बचाता है।badam ke anjinat fayde aur labh






बादाम खाने के फायदे: सेहत के लिए एक सुपरफूड

भूमिका

बादाम को स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है। यह एक सुपरफूड है जो विटामिन, मिनरल्स, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है। नियमित रूप से बादाम खाने से शरीर को कई तरह के पोषण तत्व मिलते हैं, जो हमारी सेहत को बेहतर बनाते हैं। इस ब्लॉग में हम बादाम से होने वाले फायदों पर विस्तार से चर्चा करेंगे और यह भी समझेंगे कि इसे अपने आहार में कैसे शामिल करें।

1. बादाम के पोषण तत्व

बादाम पोषण का पावरहाउस है। इसमें निम्नलिखित पोषक तत्व पाए जाते हैं:

प्रोटीन - शरीर के ऊतकों को मजबूत बनाता है।

विटामिन ई - त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद होता है।

मैग्नीशियम - हड्डियों और दिमागी सेहत के लिए आवश्यक होता है।

फाइबर - पाचन क्रिया को दुरुस्त रखता है।

एंटीऑक्सीडेंट्स - कोशिकाओं को क्षति से बचाता है।

2. हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी

बादाम हृदय स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है। इसमें मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसैचुरेटेड वसा होती हैं, जो खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करती हैं और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को बढ़ाती हैं।

वैज्ञानिक शोध

शोध से पता चला है कि रोजाना 5-10 बादाम खाने से हृदय रोग का खतरा 30% तक कम हो सकता है।

3. वजन घटाने में मददगार

बादाम में उच्च मात्रा में फाइबर और प्रोटीन होता है, जिससे पेट लंबे समय तक भरा रहता है। इससे भूख कम लगती है और अनावश्यक भोजन करने की इच्छा नहीं होती, जिससे वजन कम करने में सहायता मिलती है।

कैसे खाएं?

नाश्ते में भीगे हुए बादाम खाएं।

सलाद में डालकर इसका सेवन करें।

स्नैक्स के रूप में रोस्टेड बादाम खाएं।

4. दिमाग के लिए फायदेमंद

बादाम को दिमाग की शक्ति बढ़ाने वाला माना जाता है। इसमें राइबोफ्लेविन और एल-कैरनिटाइन होता है, जो मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाता है और याददाश्त सुधारने में मदद करता है।

बच्चों और बुजुर्गों के लिए

छोटे बच्चों को बादाम खिलाने से उनकी मानसिक विकास में तेजी आती है।

बुजुर्गों के लिए यह अल्जाइमर जैसी बीमारियों को रोकने में मदद करता है।

5. त्वचा और बालों के लिए लाभकारी

बादाम में भरपूर मात्रा में विटामिन ई और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो त्वचा और बालों को स्वस्थ बनाए रखते हैं।

फायदे

झुर्रियों को कम करता है

त्वचा को निखारता है

बालों को मजबूत बनाता है

उपयोग

बादाम का तेल त्वचा और बालों पर लगाया जा सकता है।

बादाम को दूध के साथ पीसकर फेस पैक बनाया जा सकता है।

6. डायबिटीज नियंत्रण में सहायक

बादाम ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसमें मैग्नीशियम की उच्च मात्रा होती है, जो इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाता है।

अनुसंधान

अध्ययनों में पाया गया है कि नियमित रूप से बादाम खाने वाले लोगों में टाइप-2 डायबिटीज का खतरा कम होता है।

7. पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद

बादाम में मौजूद फाइबर पाचन क्रिया को सुधारता है और कब्ज की समस्या को दूर करने में मदद करता है।

कैसे करें सेवन?

रोज सुबह भीगे हुए बादाम खाएं।

इसे स्मूदी या दलिया में मिलाकर खा सकते हैं।

8. हड्डियों को मजबूत बनाता है

बादाम में कैल्शियम और फॉस्फोरस होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। यह ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों को रोकने में सहायक होता है।

कैसे करें सेवन?

दूध और बादाम को एक साथ लेना ज्यादा फायदेमंद होता है।

इसे ड्राई फ्रूट मिक्स के रूप में खाया जा सकता है।




` बादाम  के  छिलके है चमत्कारी चीज ऐसे खाने से होगा दिमाग तेज शरीर में होगा अनेक प्रकार के लाभ

बादाम के छिलके को फेकने की गलती कभी न करे।इसके अंदर ताकतवर गुण होते है।साथ ही टाइप 2  डायबिटीज को मैनेज करने में भूमिका निभाती है। आई छिलके सहित बादाम खाने की फायदे जानते हैं 

शरीरको हेल्दीबनाने के लिए लोग बादाम खातेहैं इसमें ओमेगा एसिड विटामिन ई होता है अक्सर बादामको भिगोकर उसका छिलका उतार कर खाया जाता है किसका चिल्का फेंक दिया जाता है। मगर क्या आप जानतेहैं बादाम केछिलके में स्वास्थ्यवर्धक गुण होते हैं। जोआपके पूरे शरीर की क्षमता को बढ़ा सकते हैं। 


रिसर्च के मुताबिक बादम के छिलकों में परचूर पालीफेनोल होते है। यह आपका फॉक्स और मेमोरी बढ़ाने के लिए जाने जातेहैं। यह शॉर्ट टर्ममेमोरी लाश का भी बेहतर उपाय है।

इंसुलिन बढ़ाने के उपाय

ब्लड क्लाट के खतरे में कमी

शरीर में ब्लड क्लाट बनना खतरनाक है। इसकी वजह । ब्लड सर्कुलेशन रुक जाताहै।मगर पालीफेनोलस ब्लड क्लोट बने में खतरा कम करता है।

डाइजेशन में सुधार 

पाली फेनोलस आपका डाइजेशन भी बढ़ाता है। यह  गट के हेल्दीबैक्टीरिया । बढ़ानेमें असरदार साबित होती है। जिसकी वजह से कब्ज गर्ड एसिड रिफलेक्स से बचाव होता है।

कैंसर से बचाव 

कई ताजा रिसर्च ने इस बात की तरफ इसरा किया है कि पालीफेनोलस में कैंसर का खतरा कम होता है।इनमे antiaaksident और एंटी inflomentri होती है।जो कैंसर से बचाने के लिए जानी जाती है।

बादाम के छिलके कैसे खाए

बादाम के छिलके खाने के लिए आपको अलग अलग तरीके अपनाने की जरूरत नहीं है।आप भीगे बादाम को बिना छिलके उतारे खा सकते है। इस तरह बादाम और उसके छिलके दोनो के लाभ मिलेंगे। 

बादाम दुनिया में सबसे लोकप्रिय ट्री नटस में से एक है सबसे पहले बादाम सोलहवीं सदी में फारसी लोगो के द्वारा कसमीर में ले गए थे। लेकिन अब केरल  आंध प्रदेश आदि राज्यों में बादाम की खेती होती है।बादाम को कच्चा ,टुकड़ों में कटकर या अन्य तरीकों  से खा सकते है । इनमे बादाम का दूध भी बनाया जाता है ।इनमे मेवे की त्वचा झुरीदार होती है ।और इनकी ऊपर परत थोड़ी सख्त होती है। छिलके के पारकर के आधार पर बादाम कर पारकर के होते है ।कहा जाता है की सबसे अच्छा किसम कैलिफोनिय किस्म है। तथा अन्य पारकर है।हरे बादाम ,मोलर , सनोरा,फेराडु और कर्मेल बादाम 

बादाम में कौन से पोसक तत्व पाए जाते है

बादाम में बहुत सारे पोषक तत्व पाए जाते है । जैसे की फैट,प्रोटीन,फाइबर,पोटैसियम,कैल्सियम मैग्निसिय,फैसफोरस ,विटामिन ई,फैटी एसिड और आयरन।

बदमकी खूबियां 

    

विटामिन ई,बादाम में पाए जाने वाले विटामिन ई और एंटी आक्सीडेंट सेल डैमेज को रोकने में मदद करते है।शरीर में मजूद फ्री रेडिकल्स,असिथिर रसायन होते है।जो यदि समाप्त न हो कोसिकाओ को नुकसान पहुंचाते है। विटामिन ई जैसे एंटी आक्सीडेंट इन फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करती है।इस पारकर विटामिन ई जो बादाम में परचुर मात्रा में पाया जाता है।फ्री रेडिकल्स से होनी वाली छत्ती की रोकथाम में मदद करती है। और साथ ही इम्यूनिटी भी बढ़ देता है।

हेल्दी फिट्स 

बादाम अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर में यगदान  करते हैं। बादाममें अच्छे। मात्रा में अच्छे हेड्स होते हैं।इनमे monoansaichurets faits। की कंसंट्रेशन बहुत ज्यादा होती है। पर्याप्त मात्रामें फैट्स शामिल होनी चाहिए।

कोलेस्ट्रॉल 

बादाम खाने सेखराब कोलेस्ट्रोल का स्तर कम होता है। बादामसे रक्त मैं मौजूद कोलेस्ट्रॉल को कम करने। हृदयरोग की जो जोखिम को कम करने क्षमता होतीहै। इनमें मोनू अनसैचुरेटेड। फैटी एसिड होती है। जो खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में हमारी मदद करती है। साथी स्वस्थ कोलेस्ट्रॉल को बढ़नीहै। 

ब्लड प्रेशर 

बादाम में मैग्नीशियमकी मात्रा अधिक होती है। जिसमें रक्तचाप कम होता है। बादाममें प्रचुर मात्रा में मैग्नीशियमपाया जाता है। जो सूजन और कोलेस्ट्रॉल को कम करने के अलावा। रक्तचाप को भी कम करता है । मैग्नीशियम सेभरपूर का खाद्य पदार्थ को खाने में रक्तचाप को कम करने में मदद मिल सकती है। जो मैग्नीशियम की कमी का एक और प्रभाव है।

फाइबर 

बादाम हृदयके स्वस्थ रखने वाले फाइबर। और मांसपेशियोंका निर्माण करने वाले प्रोटीन से भरपूर होते हैं। एक ओस बादाम में लगभग 4 ग्राम फाइबर  6 ग्राम थोड़ा सा अधिक प्रोटीन होता है। प्रोटीन हमारे शरीर के ब्लीडिंग ब्लाक्स होतेहैं। और मांसपेशियों केविकास के लिए आवश्यक होते हैं। बादाममें उच्च मात्रा में फाइबर होता है। जो आप और हृदय के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्णहोती है। 

बादाम खाने के नुकसान 

जैसे कि हम सभी जानते हैं बादाम हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत। अच्छा होता है। इसलिए हम सभी शारीरिक और मानिक कल्याण के लिए पोषक तत्वों से भरपूर पावर हाउस का। सेवन करते हैं। हालांकि कुछ सोच बताते हैं कि बादाम का अधिक सेवन करने से स्वास्थ्य संबंधी खतरे भी हो सकते हैं। 

1.एलर्जी

अगर आपको अखरोट से एलर्जी है तोआपको बादाम और अन्य सभी प्रकार के नटस से दूर रहना चाहिए।

एलर्जीके लक्षण. गले में दर्द, मुंह में कैविटी खुजली, सूजन में होठ।

2. कब्ज= हालांकिबादाम आहार एक फाइबर का बहुत बड़ा स्रोत है। जिससे हम सभीको अपने आंतों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए आवश्यक होतीहै लेकिन कभी-कभी अधिक बादाम खाने से कब्ज भी ह सकता है

3. वजन बढ़ाना=एक कोष बादाम मेंलगभग 160 कैलोरी होती है इसलिए इससे अधिक संभावना होती कि हमारे शरीर का वजन बढ़ जाता है. 

4.किडनी स्टोन=जबकिबादाम ज्यादातर लोगों के लिए स्वस्थ माने जाते हैं मैं ऑक्सलेट मात्रा अधिकहोती है. और किडनी वाले स्टोन से लोगों को बादामखाने से बचाना चाहिए. 

5. सीने में जलन=यदि आपको एसिड रिफलेक्स या गैस रिफलेक्स डीजीज का निदान हुआ है तोआपको बादाम का सेवन अधिक करना चाहिए।क्युकी उनमें वीएसए की मात्रा अधिक होती है।

6.विटामिन ए का सेवन अधिक= शरीर में विटामिन ए की अधिक मात्रा से रक्त के जमने के कार्य में रुकावट आती है।और रक्त स्राव जैसे गंभीर परिणाम हो सकते है।

भीगे बादाम खाने से कया फायदा होता है।

पचनको आसान बनाए=बादाम में सख्त,कठोर बनावट होती है।जिससे उन्हें पचाना मुस्किल हो सकता है।हालांकि भिगोने से वे नरम हो जाते है।जिससे संभवत शरीर उनको आसानी से पच सकता है।?

निष्कर्ष

बादाम सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसे नियमित रूप से अपने आहार में शामिल करने से कई स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सकता है। चाहे वजन घटाने की बात हो, दिल की सेहत, दिमागी शक्ति या त्वचा और बालों की देखभाल, बादाम हर तरह से फायदेमंद है।

इसलिए, आज ही बादाम को अपने दैनिक आहार में शामिल करें और इसके गुणों का भरपूर लाभ उठाएं!


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मंगलवार, 30 जुलाई 2024

नीम के हजारों के फायदे । Neem ke patte ke fayde।नीम के 10 फायदे। नीम के पत्ते के नुकसान






नीम  के अचूक फायदे: सेहत के लिए अमृत 

नीम का पेड़ आयुर्वेद मे एक महत्वपूर्ण स्थान  रखता है। इसे 'कल्प वृक्ष' कहा  जाता है क्योंकि इसके पत्ते, छाल, बीज, तेल और फूल कई बीमारियों  के उपचार में उपयोगी होते हैं।  यह ना केवल हमारी त्वचा और  बालों के लिए लाभदायक है ।  बल्कि आंतरिक बीमारियों को  ठीक करने में भी  सहायक होता है।  इस ब्लॉग में हम जानेंगे की  नीम का उपयोग किन -किन बीमारियों मे  किया जाता है और  इसे किस प्रकार उपयोग  मे लाया जा सकता है। 

नीम के औषधीय गुण 

नीम  में एंटी-बैक्टीरियल , एंटी-फंगल और एंटी- वायरल गुण होते हैं, जो इसे एक प्रभावी प्राकृतिक औसधी  बनाते हैं। इसके सेवन से  शरीर की रोग प्रतिरोधक क्क्षमता  बढ़ती है और यह खून को शुद्ध करने में मदद करता है। 

1 . त्वचा रोगों मे  नीम का उपयोग 

नीम  के पत्तों और उसका  तेल त्वचा संबंदही कई समस्याओं मे उपयोगी होता है। 

कैसे  करे  उपयोग

. मूहासों के लिए: नीम के  पत्तों को पीसकर चेहरे  पर लगाएं और  15 मिनट बाद  धो लें।

. खू जली और चर्म रोग  के लिए:  नीम के पत्तों को  पानी मे  उबालकर  उस पानी से  नहाने से  त्वचा संबंदी  रोग दूर होते हैं। 

.  घाव  भरने के लिए:  नीम  का तेल लगाने से घाव जल्दी भरते हैं और संक्रमण नहीं  फैलता। 

2 . बालों की  समस्या मे  नीम के  फायदे 

नीम  का उपयोग बालों को मजबूत बनाने  और डैंड्रफ को दूर करने के  लिए किया जाता है। 

कैसे  करें उपयोग? 

. डैंड्रफ  से छुटकारा:  नीम के पत्तों को पानी मे उबालकर उस  पानी से सिर धोने से  डैंड्रफ दूर  होता है। 

. बालों का झड़ना रोकने के  लिए:  नीम के  तेल की मालिश करने  से बालों की  जड़ें मजबूत होती हैं। 

. बालों  को काला करने के लिए: नीम के बीजों का तेल नाक  में डालने से असमय सफेद हुए बाल  काले हो सकते हैं। 

3 . आंखों के  लिए नीम के  फायदे 

नीम  आंखों की  समस्याओं मेमे  भी फायदेमंद होता है । 

कैसे  करें उपयोग? 

. आखों की जलन और लालिमा के लिए:  नीम की  राख को  नींबू के रस मे  मिलाकर काजल की  तरह लगाने से आंखों की  खुजली और  जलन मे  आराम मिलता है। 

. आखों की रोशनी बढ़ाने के  लिए: नीम के फूलों को छाया मे  सुखाकर उसमें कलमई  शोरा मिलाकर  पीस लें और  इसे काजल की तरह  आंखों में लगाएं। 

4 . पेट  की समस्याओं मे  नीम का उपयोग 

नीम  पेट के रोगों मे भी कारगर माना  जाता है। 

 कैसे करें उपयोग?

. पेट  के कीड़े खत्म  करने के लिए;  रोजाना 5  मिली नीम का रस पीने से  पेट के कीड़े मर  जाते हैं। 

असीडीटी और अपच में;  नीम की छाल,  सोंठ, और धनिया को उबालकर  काढ़ा बनाकर  पीने से पेट की  समस्याएं दूर होती हैं। 

. पेट दर्द में:  नीम की छाल  को पानी मे उबालकर उसका सेवन करने  से पेट दर्द मे  राहत मिलती है। 

5 . दांतों और  मसूड़ों के  लिए नीम 

नीम  का उपयोग पुराने  समय से दातुन के रूप में किया जाता  रहा है। यह दांतों और मसूड़ों को स्वस्थ रखता है 

कैसे से करें उपयोग? 

दांतों  की सफाई के लिए:  रोजाना नीम  की दातुन करने से  दांतों में कैविटी नहीं  होती और मसूड़ों  मजबूत होते है। 

  • मसूड़ों  की सूजन में: नीम की छाल को  पानी में उबालकर कुल्ला  से मसूड़ों की सूजन काम  होती है। 

6 . नाक से खून बहने  (नकसीर) मे नीम का उपयोग 

कैसे  करें उपयोग? 

  • नकसीर  रोकने के लिए: अजवायन और नीम के पत्तों  पीसकर कनपटी पर  लगाने से नाक से खून आना बंद  हो जाता है । 

7 . कान  के रोगों मे  नीम का उपयोग 

नीम कान बहने की  समस्या की  दूर करने मे  सहायक होता  है । 

कैसे  करें उपयोग? 

  • कान  बहने से रोकने के  लिए: 40 मिली तील का तेल और 40  मिली नीम के  पत्तों के रस  को गर्म कर  लें और  ठंडा होने पर 3-4 बूंद कान मे  डालेंम 

  • इंफेकशिन  के लिए;  नीम का तेल लगाने से कान के  संक्रमण मे  राहत मिलती है 


 आखों में खुजली होती है।आखों की पलके मोटी हो जाती है। तथा बरूनी झड़ जाति है। तथा आखों के पलको के नीचे लाल हो जाती है।इस बीमारी में नीम के पत्तो के रस को गाढ़ा कर ले।इसे ठंडा करके काजल के रूप में लगाने से इस रोग में फायदा होता है।

दस ग्राम रूई में बीस नीम के पत्ते को रूई को फैलाकर नीम के पत्ते को उसके ऊपर रख ले इसके बाद नीम के पत्ते के ऊपर कपूर को छिड़कर रूई को लपेटकर इसे एक बत्ती बना ले ।इस बत्ती को गाय के घी में डुबोकर इस बत्ती को जलाकर इसका काजल बना ले। अब इस तैयार काजल को रात में सोते समय लगाकर सो जाए ।इस आखों से पानी गिरना ।आखों की लाली में फायदा करता है । तथा यह उपाय अनेक पारकर के रोगों में लाभ पहुंचता है। 

आखों में मोतियाबिंद,धुधलापन, तथा आखों की ज्योति बढ़ाने के लिए नीम के फूल को किसी छाया में सुखाकर बराबर भाग कलमी शोरा मिलाकर महीन पीसकर सूती कपड़े से छान ले। तथा इसको आखों में काजल की तरह लगाए।

नकसीर (नाक में खून बहना ) ने फायदेमंद है नीम का उपयोग 

अजवायन और नीम की पत्तियों को बराबर भाग में पीस ले । इसे कान की कनपटी पर लेप करने से नाक में से खून का बहना बंद हो जाता है। 

कान को बहने से रुके नीम के उपयोग से 

40 मिली तिल के तेल 40 मिली नीम के पत्ते का रस  को पकाए ।थोड़ा सा तेल बच जाए तो पकना बंद कर दे । तथा उस तेल को तीन  चार  बंद कान में डाले ऐसा करने से कान का बहना बंद हो जाता है । 

2.50ग्राम मोम 40 मिली नीम का तेल को आग पर गर्म करे।मोम गल जाने पर  थोड़ा से फिटकारी को डालकर उसे भी थोड़ा सा गर्म कर ले अब इन्हे अच्छी तरह मिलाकर कांच की शीशी में बंद कर ले ।इस तेल को 3_4 बूंद दिन में दो बार डालने पर कान का बहना बंद हो जाता है।

नीम का इस्तेमाल दातों में लाभदायक होता है। 

बहुत पुराने समय से ही लोग नीम के दातुन का इस्तेमाल लोग करते आ रहे है । तथा इससे दातो को किसी भी पारकर का रोग नही होता है । 

100 ग्राम नीम की जड़ को कूटकर आधा लीटर पानी में उबाल लें। जब पानी एक चौथाई बच जाए तो उबालना बंद कर दे। इस पानी का कुल्ला करने से दातो के अनेक रोग दूर होते है ।

नीम का सेवन करने से पेट के कीड़ों से राहत मिलती है। 

5 मिली नीम के पत्तो का रस पीने से पेट के कीड़े खत्म हो जाते है। अथवा 5 नीम के पत्ते खाने से पेट के कीड़े मर जाते है। 

किसी भी सब्जी में 5 नीम के पत्ते को छौक कर खाने से पेट के कीड़े मर जाते है ।

नीम की छाल और इंद्रजौ को बराबर मंत्रा में लेकर चूर्ण बना ले। 5 ग्राम में एक चौथाई हींग भून ले तथा दिन में दो बार सेवन करने से एसिडिटी में लाभ करी होता है ।

एसिडिटी के कारण होने वाले बुखार में भी यह प्रयोग फायदे मंद होता है ।  धनिया , सोंठ ,शक्कर ,नीम की सिंक सभी को 6/6 ग्राम मिला ले। इसका काढ़ा बनाकर पीने से खट्टी डकारें ,अपच तथा अत्यादिक प्यास लगने की समस्या दूर होती है ।

पेट दर्द में नीम का प्रयोग = 40/50ग्राम नीम की छाल को जौ के साथ कूटकर 400 मिली जल में पकाए और इसमें 10ग्राम नमक भी डाले । आधा शेस रहने पर गुनगुना कर पीला दे।पेट दर्द में आराम मिलता है।

10 ग्राम  पत्ते के साथ  1.5 ग्राम कपूर  मिलाकर ले । इसे पीसकर सेवन करने से हैजा में लाभ होता है । 

रोज सुबह 3/4 नीम की पकी निंबोली खाने से खून की पेचिश बंद होती है । तथा भूख खुल कर लगती है ।

नीम की छाल की राख को 10 मिली दही के साथ दिन में दो बार सेवन करने से आव वाले दस्त में लाभ होता है।   

निसकर्स 

नीम  एक प्राकृतिक औषधि है  जो अनेक बीमारियों को दूर करने मे सहायक होती है यह त्वचा  बालों, आँखों , पेट और  दांतों से जुड़ी समस्याओं मे  प्रभावी है। यदि आप  अपनी सेहत को  प्राकृतिक तरीके से  सुधारना चाहते  हैं तो  नीम  का नियमित रूप  से उपयोग करे । 

क्या  आप नीम का इस्तेमाल करते  है , अगर हां, तो  हमें कमेंट मे बताएं कि आपने इससे क्या  लाभ प्राप्त किए  है ।  



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नीम के पत्ते के अंगीनत फायदे/ neem ke patte ke angunat phayde। नीम ले 10 फायदे। Neem ke patte ke fayde.सुबह खाली पेट नीम के पत्ते खाने के फायदे ।




                                   

नीम  के पेड़ के अनगिनत फायदे 
नीम के पेड़ को शायद  ही कोई न पहचानता हो।  नीम की पत्तियाँ कड़वी  होती हैं, लेकिन इसके  औषधीय गुण अत्यंत लाभकारी होते हैं। प्राचीन काल से  ही नीम को आयुर्वेदिक  चिकित्सा में महत्वपूर्ण स्थान  दिया गया है। इसके  के कारण इसे 'कल्पवृक्ष' भी कहा जाता है।  यह कई प्रकार की बीमारियों मे  उपयोगी होता है,  जैसे चर्म रोग, घाव, संक्रमण, और अन्य स्वास्थ्य समस्याएँ। 

नीम  के उपयोग और फायदे 
1.  बालों की समस्याओं मे  नीम के फायदे 
नीम  बालों के लिए अत्यंत  लाभकारी होता है।  यह  अस्समय  सफेद होने, झड़ने और रूसी जैसी समस्याओं से  बचाव करता है। 

नीम  के तेल का उपयोग:  2-3 बूँदें रोज नाक में डालने से सफेद बाल काले  हो सकते हैं। इस दौरान भोजन मे केवल गाय के दूध का सेवन  करना चाहिए। 

नीम  और भृंगराज: नीम के  बीजों को भृंगराज के  रस में भिगोकर छाया मे  सुखाएँ। फिर इनका  तेल निकालकर 2-2  बूँद नाक में डालें। 

नीम  के पत्तों का  पानी: नीम की पत्तियों को पानी मे  उबालकर ठंड  कर लें और इस पानी से सिर धोने से बाल मजबूत होते है और गिरना बंद  हो जाता है। 

नीम  और बेर का मिश्रण:  नीम और बेर  के पत्तों को पीसकर सिर  पर लगाएँ।  इससे बाल काले,  घने और  लंबे होते हैं। 

नीम का लेप: नीम के  पत्तों का लेप सिर पर  लगाने से जुएँ और लीख समाप्त  हो जाते हैं। 

2. आँखों के रोगों में नीम  के  फायदे
नीम  आँखों की कई समस्याओं मे  राहत देता है, जैसे खुजली, जलन,  लाली आदि। 

नीम  के पत्तों का रस: इसे  गाढ़ा करके ठंडा कारे  और काजल की तरह लगाने से आँखों की  खुजली और जलन  दूर होती है। 

नीम  और कपूर  का काजल: रूई मे  20 नीम के पत्ते रखकर  कपूर छिड़कें।  इसे लपेटकर  बत्ती बना ले  और घी मे जलाकर काजल तैयार करें। इसे रात मे  आँखों में लगाने से  लाभ होता है। 

नीम  और कलमी शोरा: नीम के फूलों को सुखाकर कलमी शोरा के साथ पीसकर आँखों मे  काजल की तरह  लगाने से मोतियाबिंद और  धुंधलापन दूर होता है। 

3 . नकसीर  (नाक से खून आना) मे  नीम के फायदे 
नीम और अजवायन: दोनों को बराबर मात्रा मे पीसकर कनपटी पर लगाने से नकसीर बांड  हो जाती है। 

4 . कान के  रोगों में नीम के  फायदे
नीम और तिल का तेल:  40 मिली तिल का तेल  और 40 मिली नीम के पत्तों का  रस पकाएँ।  ठंडा होने पर  3-4 बूँदें कान में डालें,  इससे कान बहने की समस्या दूर होती है। 

नीम  और मोम: 50 ग्राम मोम और 40 मिली नीम  का तेल गर्म करें,  इसमें थोड़ा फिटकरी  मिलाकर ठंडा करे  यह तेल कान मे  डालने से संक्रमण  और बहने की  समस्या समाप्त होती है। 

5 . दाँतों के लिए  नीम के फायदे
नीम के दातुन का  उपयोग सदियों से  किया जाता रहा है। 

नीम  की जड़ का  पानी: 100 ग्राम नीम की जड़  को आधा  लीटर पानी मे  उबालें और  कुल्ला करें,  इससे  दाँतों की सभी समस्याए दूर होती हैं। 

6 . पेट के रोगों मे नीम के फायदे 
नीम  के पत्तों का रस: 5 मिली  नीम के पत्तों का  रस पीने से पेट के कीड़े खत्म हो जाते हैं। 

नीम और इंद्रजौ : नीम की छाल  और इंद्रजौ बराबर  मात्रा में पीसकर 5  ग्राम पाउडर मे 1/4 हींग मिलाए और दिन में दो बार  लें। इससे एसिडिटी   मे राहत मिलती है। 

एसिडिटी और खट्टी डकारें:  धनिया, सोंठ, शक्कर  और नीम की छाल  को बराबर मात्रा में लें।  इनका काढ़ा  पीने से एसिडिटी , अपच और अत्यधिक  प्यास की समस्या दूर होती है। 

पीट दर्द में नीम का  उपयोग: 40-50  ग्राम नीम की  छाल को जौ के  साथ कूटकर  400 मिली  पानी मे  पकाएँ।  जब आध  पानी बचे,  तो इसे छानकर पीने से  पेट दर्द मे आराम मिलता है। 

7 . दस्त और पेचिश में नीम के  फायदे 
नीम की निंबोली: रोज सुबह 3-4 नीम की पकी निंबोली खाने से  खून की पेचिश बंद हो  जाती है और भूख  अच्छी लगती है। 

नीम  की छाल की राख : इसे 10 मिली  दही के साथ दिन  में दो बार लेने से  दस्त और पेचिश में राहत  मिलती है। 



 नीम के पेड़ के अंगीनत फायदे।नीम के पेड़ को शायद ही कोई पहचानता नही होगा ।नीम में अधिक कड़वापन होता।अधिकतर लोगो को पता होता है ।की नीम में कड़वापन होता है।लेकिन वह सेहत के लिए फायदे मंद होता है।लेकिन नीम का उपयोग किस बीमारी में किया जाता है।अथवा नीम किन बीमारियो में काम आता है। इस बात की जानकारी बहोत कम लोगो को होती है। नीम के अत्यधिक फायदे होने के कारण नीम को कल्प वृक्ष भी कहा गया है।सामान्य तौर पर नीम का उपयोग चर्म रोग ,घाव ,आदि में करते है।नीम के पत्तो के काढ़े से घाव को धोने से घाव जल्दी ही ठीक हो जाता है।नीम एक तरफ से देखा जाय तो नीम एक तरफ खून को साफ करता है।नीम का तेल क्षय रोग,यानी टी वी ,को पैदा करने वाले जीवाणु की तीन जातियों का नास करने वाले गुण नीम के तेल में पाए जाते है।नीम की पत्तियों का गाढ़ा लेप करने से कैंसर को बढ़ाने वाली काशिकावो की क्षमता को कम करता है। 


आईए जानते है की नीम का उपयोग किन किन बीमारियो में किया जाता है।

बालो की समस्या में नीम का फायदे।

नीम बालो के लिए बहुत उपयोगी होता है।बालो का असमय पकना तथा बालो को झड़ने की स्थिति में नीम का प्रयोग किया जाता है।

1. नीम के तेल को नियमपूर्वक दो तीन बूंद नाक में डालने से सफेद बाल काले हो जाते है। जब आप ये विधि का प्रयोग कर रहे हो तो आपको भोजन में गाय के दूध का उपयोग ही करना चाहिए।

2. नीम के पेड़ बिजो को भंगरा के रस  में  था असन पेड़ की छाल के काढ़े में भिगोकर छाया में सुखाकर ।ऐसा कई बार करे ।इसके बाद इसका तेल निकालकर नियमानुसार 2 ,2  बूंद नाक में डाले। इससे असमय सफेद बाल काले हो जाते है।इस दौरान केवल दूध और पके हुए चावल का ही प्रयोग करे।

3. नीम के पत्ते को पानी में अच्छी तरह उबाल कर उसे ठंडा कर ले। इसी पानी से सिर को धोते रहे इससे सिर के बाल मजबूत होते है। बालो का झड़ना या गिरना रुक जाता है।इससे अलावा सिर के कई रोगों में लाभ मिलता है।

4. नीम के पत्ते का एक भाग और बेर के पत्ते का एक भाग अच्छी तरह पीस ले। इसका लेप सिर पर लगाकर  एक दो घंटे बाद दो ले। ऐसे बाल काले ,लंबे ,घने  होते है।

5. नीम के पत्ते को पीसकर सिर पर लेप करने से  सिर के जुए  और लिख मार जाते है


नीम का इस्तेमाल आंख के रोगों के लिए लाभकारी।

नीम का प्रयोग खुजली ,आखों का दर्द,लाली आदि जैसे रोगों में किया जाता है।

जिस आंख में दर्धो उसके दूसरी तरफ  के कान में नीम के कोमल पत्तों को गुनगुना करके  दो दो बूंद टपकाए।दोनो आखों में दर्द हो तो दोनो कानो में टपकाए। ऐसा करने से दर्द खत्म हो जाएगा।

आधा किलोग्राम नीम के पत्तो को मिट्टी के दो बर्तन के बीच रख कंडो की आग यानी गाय के गोबर की आग में  डाल दे । ठंडा होने पर अंदर की राख को 100 मिली नीबू के रस में मिलाकर सुखा लें ।इसे किसी बोतल जिसमे हवा जा सके ऐसे बोतल में भर कर रख ले। इस राख को काजल की तरह आंख में लगाने से आंख की खुजली और आंख की जलन में लाभ होता  है।

यदि आखों के ऊपर सूजन के साथ दर्द हो और अंदर खुजली होती हो ।तो नीम के पत्ते और सोठ को पीसकर थोड़ा सेंधा नमक मिला ले। इसे हल्का गर्म कर ले एक कपड़े की पट्टी पर रख कर इसे आखों पे बांध ले। दो तीन दिन में आखों की सूजन  दूर हो जाती है।

50 ग्राम नीम के पत्ते को पानी में पीसकर टिकिया बनाकर सरसो के तेल में पकाए। जब वह जलकर काली हो जाए तो उसमे दावा भाग कपूर तथा दसवां हिस्सा कलमी शोरा मिला ले। इसे खूब घोटकर काच की सीसी में  रख ले। इसे रात को आखों में काजल की तरह लगाए और सुबह त्रिफला के पानी से आखों को पानी से धो ले। इस आखों की खुजली जलन लालिमा आदि रोग दूर हो जाते है । तथा आखों की रोशनी भी बढ़ती है।

निसकर्ष 
नीम  एक प्राकृतिक औषधि है,  जो शरीर को  अंदर और  बाहर दोनों तरह से  स्वस्थ रखती है।  इसके नियमित उपयोग से  कई प्रकार की बीमारियों से  बचा जा सकता है।  प्राकृतिक उपचार में रुचि रखने  वालों के  लिए यह अअत्यंत  लाभकारी  विकल्प हो सकता है । 




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