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गुरुवार, 29 अगस्त 2024

दूध को सही तरीके से खाने के अंगीनत लाभ,dhudh ko sahi tarike se khane ke angunat labh


बादाम और सूखे हुए किसमिस को अगर दूध में सही तरीके से पिए तो आपके पूरे शरीर को पोषण ही नही बाली आपके शरीर को हर एक अंग को सही मात्रा में ऊर्जा प्रदान करती है। इसलिए दूध तो सभी पीते है मगर दूध पीने के बाद उनके शरीर में लगता नही है क्युकी वह लोगे दूध को सही तरीके से पीना नही जानते है।
सेहत और अपने फिटनेस के लिए लोग हमेशा जागरूक रहते है।उनको पता होना चाहिए की उन्हें कया और कैसे खाना चाहिए।  लेकिन क्या आपको पता है। हमारे घर के लोग भीगे बादाम और भीगे किसमिस खाने के लिए क्यू कहते है।अगर बादाम और किसमिस को दूध में भिगोकर खाए तो।हमे अनेको पारकर के लाभ देखने को हमारे शरीर में मिलेंगे।। किसमिस और बादाम को दूध में भिगोकर खाने से अनेक तरह के लाभ मिलता है। इसमें कॉम्बिनेशन पोशाक तत्व अधिक मात्रा में पाया जाता है।  और आपके सेहत को सही और तंदुरुस्त रखने के लिए बहुत जरूरी होता है। 

तो आईए जानते है की दूध में  किसमिस और बादाम को भिगोकर खाने से क्या लाभ मिलता है। 

1. एनर्जी और स्ट्रेथ बढ़ाने में सहायक
बादाम और किसमिस दोनो ही ऊर्जा से भरपूर होते है।इनके अंदर काफी ऊर्जा होती है। अगर आप इनको दूध में पकाकर पीते है तो आप दिन भर में चाहे जितना काम कर ले ।आपको थकावट महसूस नहीं होगी। 
 बादाम और किसमिस को मिलाकर खाने से आपके मांसपेसी को मजबूत बनाती है।और आप सारा दिन काम करते रहते हुए भी थकते नहीं है।
2.पाचन तंत्र को सही तरह से मजबूत बनाता है।
फाइबर की अधिक मात्रा किसमिस में पाई जाती है जिससे पाचन तंत्र को हेल्दी और मजबूत बनाए रखने में  किसमिस के फाइबर काफी सहायता करते है। आप बादाम और किसमिस को दूध में मिलाकर पी सकते है। यह मिश्रण पाचन क्रिया को काफी हद तक सुधरता है।  और गैस ,कब्ज जैसी समस्या से दूर रखता है।

3. त्वचा के लिए असरदार
 बादाम और किसमिस में एंटी आक्सीडेंट होते है। जो हमारे स्किन को युवा और चमकदार बनाए रखने में सहायक होते है। दूध के साथ किसमिस और बादाम का सेवन करने से हमारे स्किन में चमक और निखार आता है। और स्किन जैसी समस्या होने के कम संभावना रहते है।

4. हड्डियों को मजबूत रखने में काफी कामगार है । यह नुस्का
दूध में अधिक मात्रा में कैलसिया होता है। जब इसमें बादाम और किसमिस का एक साथ मिश्रण किया जाता है तो  यह हमारी हड्डियों के लिए अधिक से अधिक कामगार सिद्ध होती है।। यह यौगिक  हड्डी में होने वाले रोगों को कम करती है। तथा हड्डी में होने वाले रोगों को रोकती है।

5.  हार्ट के लिए फायदेमंद
बादाम और किसमिस में पाए जाने वाले विटामिन तत्व  हमारे हार्ट के हेल्थ को सही रखते है। किसमिस और बादाम को मिलाकर पीने से हमारा कोलेस्ट्रॉल लेवल नियंत्रित रहता है। और हार्ट संबंधी से होने वाले रोगों का खतरा कम रहता है। 
6.ब्रेन के लिए फायदेमंद।
ब्रेन के लिए बादाम को बहुत ही जरूरी माना जाता है क्योंकि बादाम में वह जरूरी पोसक तत्व होते है जो ब्रेन के लिए काफी जरूरी होते है। दूध के साथ बादाम को मिलाकर पीने से ब्रेन की  मेमोरी बढ़ती है।  इसका लाभ बूढ़े  और बच्चो के लिए दोनो के लिए फायदेमंद है।
7. नीद को सही बनाने में उपयोगी
अगर आपको गहरी और शांतिपूर्ण नीद चाहिए तो यह उपाय आपको करना चाहिए।  इसके लिए आपको भिगोकर रखे हुए दूध में बादाम और किसमिस को मिलाकर पीना है बस आपको इतना ही करना है। ऐसा करने से आपकी नीद में काफी सुधार आएगा।

सेवन करने के उपाय
रात को खराटे मारने से जस्ट पहले आपको एक गिलास दूध में वह दूध चाहे गाय का हो या फिर भैंस का हो कोई फर्क नहीं पड़ता है।बस दूध होना चाहिए। एक गिलास दूध में  दो तीन बादाम चार पाच किसमिस  को डालकर छोड़ देना है।  इसको रात भर के लिए छोड़ दे ।सुबह में इसको उबाल लें  हल्का गर्म रहे तभी इसको आराम से पिए। इसी तरह रोजाना नियमित सेवन करने से आपको काफी जबरदस्त लाभ मिलेगा। 
 अस्वीकरण== सलाह सहित यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी तरह चिकित्सा की राय नहीं है। अधिक जानकारी के लिए अपने डाक्टर से सलाह ले ।यह साइट जाकारी के लिए जिम्मेदार नहीं है।

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मंगलवार, 27 अगस्त 2024

पुरषों के लिए अंजीर के लाभ। Pursho ke liye anjeer ke labh.

 


भीगे अंजीर खाने के फायदे एंड नुकसान

अंजीर को एक अलग नाम से भी जाना जाता है ।इसका दूसरा नाम है फिग्स यह एक तरह से छोटा फल होता है जिसे सुखा और ताजा भी खा सकता है।यह हल्का लाल तरह का होता है यह स्वाद में मीठा होता हैं अजीर सूखने पे लचीला हो जाता है। यह खराब जल्दी नहीं होता है ताजे होने पर यह अधिक समय तक सही नही रहते है। अंजीर का टेस्ट बहुत अच्छा होता है और इसको खाने पे बहुत सारे लाभ भी होता है। इसकी खेती तुर्की मिस्त्र इटली  स्पेन आदि जैसे देशों में किया जाता है। यह ठंडी गर्म जैसे मौसम में भी होता है।प्राचीन समय से ही अंजीर के पेड़ को भोजन के स्रोत के रूप में मान्यता दी गई है।

अंजीर में कौन कौन से गुण पाए जाते है।

अंजीर में कैलोरी कम होती है।अंजीर में सल्युबाल फाइबर और कहीं भी अधिक मात्रा में पाया जाता है।अंजीर में ल्यूनिट,कैरोटीन,विटामिन ए ,एंटीआक्सिडेंट सही मात्रा में पाया जाता है।इसका उपयोग करने से फ्री रेडिकल्स की परेशानी दूर हो जाती है।जिसके कारण कई पुरानी बीमारी की संभावना को भी काम किया जा सकता है। ताजा अंजीर में खाने से शरीर को कई पारकर के बीमारियो से राहत था शरीर में बीमारी कम होने चांसेंस बहुत कम होते है।

अंजीर का उपयोग कैसे किया जाता है।

अंजीर का उपयोग भारत में अनेकों पारकर से किया जाता है अधिकतर लोगो को अंजीर का हलवा बहुत पसंद है। अंजीर का हलवा बनाने में दूध, बादाम, और चीनी के स्थान पी अंजीर का उपयोग किया जाता है क्योंकि अंजीर में सुक्रोज अच्छी मात्रा में पाया जाता है ।इसलिए चीनी के स्थान पे अंजीर का उपयोग किया जाता है।

अंजीर के फल का पेस्ट रसदार, मीठा, मुलायम होता है इसलिए इसका उपयोग हलवा बनाने के लिए अधिक किया जाता है।

साथ ही इसको उपयोग केक और अन्य बेक समानो के लिए भी किया जाता है।सूखे अंजीर से बनाया हुआ मिल्कसेक बहुत सवादिस्ट होता है। इसलिए मिल्कसेक में चीनी मिलाने की आवश्यकता नहीं होती है। आप अपने किसी भी स्वीट को चीनी के स्थान पे आप अंजीर का उपयोग कर सकते है ।जिससे आप के स्वीट का स्वाद बड़ जायेगा। अंजीर का बीज ,छाल फल पत्तियां ,का उपयोग चिकित्सा में भी किया जाता है।अंजीर का उपयोग पेट में दर्द,भूख न लगना,खासी ,दस्त,आदि कई पारकर की बीमारियो में किया जाता है।

अंजीर खाने के फायदे क्या है।

अंजीर खाने के बहुत सारे फायदे है जिसे निम्न पारकर से दिया गया है।

1.अंजीर में अधिक मात्रा में फाइबर पाया जाता है जिससे मल नर्म हो जाता है और पाचन में काफी सुधार होता है।

ब्लड शुगर का लेवल कम और तनाव को कम करने में सहायक होता है।

अंजीर एक ऐसा फल है जिसमे कैल्सियम ,फासफोर अधिक मात्रा में पाया जाता है।जो हड्डी के विकास में काफी सहायता करता है।और गठन को प्रोत्साहित करने में मदद करता है।पोटैसियम अंजीर में भरपूर मंत्रा में पाया जाता है।तथा शरीर को रक्तचाप को नियंत्रित करने में पोटैसियम काफी मदद करता है।अंजीर में पाए जाने वाले विटामिन ई, सी,ए,त्वचा को पोषण देते है।और त्वचा के सेल्स को पुनर्जीवित करने काफी मदद करते है।

अंजीर खानेअंजीर खाने के नुकसान क्या है। के निम्न नुकसान हो सकते है । 

अंजीर को ज्यादा खाने से दस्त की समस्या हो सकती है।अंजीर की पत्तियां त्वचा को अधिक संवेदन शील बना सकती है।अगर आपको मधुमेह है तो और अगर आप ब्लड शुगर को कम करने की दवा ले रहे है तो आप अंजीर का इस्तेमाल करने से पहले डाक्टर की सलाह जरूर लें।

अंजीर कैसे खाना चाहिए।

सुबह उठने के बाद आप कुछ अंजीर को कुछ टुकड़ों में काट ले।और उन्हे खा ले।अंजीर में अधिक  मंत्रा में फाइबर होने के कारण  आपके पेट को काफी समय तक भरा रखेगा ।जिससे आपको भूख नहीं लगेगी ।इसके कारण आपका वजन घटाने में काफी सहायता मिलेगी।

अंजीर का उपयोग चीनी के स्थान पर भी कर सकते है। क्युकी अंजीर में काफी मिठास होता है जिसके कारण इसका उपयोग हलवा,जैम,बर्फी,केक आदि में किया जाता है।अपने भोजन के पौतिक को बढ़ाने के लिए आप अंजीर का सेवन कर सकते है।सलाद में भी सूखे अंजीर का इस्तेमाल किया जाता है।



भीगे बादाम खाने के क्या फायदे होते है।

पाचन को आसान बनाए= बादाम में सख्त, कठोर बनावट होती है।जिससे उन्हें पचाना मुस्किल हो सकता है।हालांकि भिगोने से वे नरम हो जाते है।जिससे शरीर उनको आसानी से पचा सकता है।

कुछ पोशाक तत्वों के अवशोषण को बढ़ता है= भिगोने से बादाम को चबाना आसान हो जाता है।जिससे पोशाक तत्वों का अवशोषण बढ़ जाता है 

स्वाद और टेक्सचर को बढ़ता है।= भिगोने से बादाम की बनावट और स्वाद बढ़ जाता है।कच्चे बादाम सख्त और कुरकुरे होते है,टैनिन के कारण इनका स्वाद थोड़ा कड़वा होता है।भिगोने पे वे नरम , कम कड़वे,और मक्खन जैसे स्वाद वाले हो जाते है।

सुबह खाली पेट बादाम खाने के फायदे क्या है

सुबह खाली पेट बादाम खाने के फायदे निम्नलिखित है।

पाचन को आसान बनाता है

एंटीआक्सिडेंट कर रूप में काम करता है

वजन घटाने में सहायक होता है

त्वचा के लिए फायदेमंद होता है।

पोशाक तत्वों का अवशोषण बढ़ाता है 

मस्तिष्क के कार्यों को बढ़ावा देता है।

ब्लड शुगर के लेवल को बेहतर बनाने में मदद करता है।

कोलेस्ट्रॉल के स्तर को प्रतिबंध करने में मदद करता है।

सोने से पहले बादाम खाने के फायदे=

यदि आप सोने से पहले ऐसा स्नेक खाना चाहते है।जो रात की एनआईडी में आप की गुण में सुधार करे तो बादाम एक अच्छा विकल्प है।बादाम में ट्रिप्टो फैन पाया जाता है।जो हार्मोन मेलाटोंनिन का एजेंट है।जो नीद  को बढ़ावा देता है। हमारे सोने जागने के चक्र मेलाटोनिन द्वारा नियंत्रित होते है। यही कारण है की सोम से पहले बादाम खाने से नीद अच्छी आती है।

छिलके सहित बादाम खाने के फायदे 

बादाम को छिलके सहित खाने से स्वाथ को कोई नुकसान नहीं होता है। स्वास्थ्य कारणों से कई फलों ,सब्जियों और नैट्स के छिलके में पाए जाने वाले एंटी पोसाक तत्वों से बचना चाहिए।फिर भी बादाम का छिलका अन्य सामग्री की तुलना मे अपेक्षा रहित हानि नहीं पहुंचता है ।

वैसे तो बादाम शरीर के लिए बहुत ही लाभ दयाल होता है।लेकिन किसी भी चीज का अधिक सेवन करने से हानिकात्क भी हो सकता है। इसलिए संतुलित आहार सेवन करना सभी के लिए बहुत जरूरी होता है।


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सोमवार, 26 अगस्त 2024

दुबले पतले शरीर को मोटा करने के आसान से उपाय। Duble patle sharir ko mota karne ke aasan se upay



खाए इन विटामिन से भरपूर चीज को दूर होगी कमजोरी

वजन बढ़ाने  के लिए एक बहुत ही कमाल की चीज है ।जिनका वजन नहीं बढ़ रहा है।उनके लिए हेजलटन  है जो तेजी से वजन बढ़ाने में सहायता करती है।

बहुत सारे लोग कमजोरी से परेशान रहते है। वे हमेशा वजन बढ़ाने के तालाश में जारी रहते है। बहुत सारे लोग यह भी जानना चाहते है की वजन बढ़ाने के लिए क्या खाए पिए।अथवा वजन बढ़ाने के लिए घरेलू उपाय कया अपनाए ।हम लोग किसी भी चीज को पाने की जल्दी हमेशा से बनी रहती है। लेकिन किसी भी चीज को होने में समय लगता है ।किसी भी चीज का नियमित रूप से सेवन करने से वह चीज आपको लाभ जरूर करती है। वजन बढ़ाने के लिए लोग बहुत सारे दवाई तथा प्रोटीन जैसे मेडिकल का इस्तमाल करते है।।लेकिन जाया फायदा और नुकसान भी न हो इसलिए प्रकृति चीज को अधिक ध्यान देना चाहिए। हैजलटन एक ऐसा फल है। इसमेंअधिक मात्रा में प्रोटीन और कैलोरी पाया जाता है । जिससे हमारे शरीर को वजन बढ़ाने में काफी सहायता मिलती है 

वजन बढ़ानेके लिए हेल्टाजन के  फायदे 

हैलोजन में अनेकप्रर के पोषक तत्व पाए जाते हैं जैसे कि। हेल्दी फैट्सप्रोटन विटामिन ए विटामिन विटामिन बी6। एंटीऑक्सीडेंट फाइबर पाए जाते हैं। यह सभी तत्व को वजन बढ़ाने मेंकाफी सहायता करते हैं जो हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंदहोता है। किस में पाए जाने वाले सभीविटामिन जो हमारे हेल्थके लिए काफी फायदेमंदहोती है।

1. हेल्टाजन स्मूदी

आप अपने रोजाना दिनचर्या में डेली स्मूदी शामिल कर सकते हैं 

इसके लिए आप केला दूध और अन्य फलों के साथ हेल्टाजा मिक्सर में मिक्स करके इस स्मूदी को आप रोजाना नियमित रूप सी ले सकते है। जिससे आपके शरीर के काफी ताकत आ सकती है।

2.हेल्टाजन बटर

हेल्टाजन बटर बनाकर टोस्ट या बटर पर लगाकर खा सकते है।यह अधिक टेस्टी होने के साथ साथ बहुत सारे विटामिन से भरपूर होता है।जो शहरी का वजन बढ़ाने में काफी सहायक होता है। 

3.हेल्टाजन के साथ ड्राई फ्रूट्स 

आप बादाम काजू अखरोट को हेल्टाजन के साथ मिलाकर खा सकते है। इस तरह के मिश्रण में काफी मात्रा में हैल्डी फैट्स और हाई कैलोरी पाई जाती है। जो शरीर का वजन बढ़ाने में काफी सहायक होती है।

4. डेजटस में हैजलनटस 

आप अपने कुकीज केक, चाकलेट ,में हैजलनटस का प्रयोग कर सकते है। इस तरह से खाने पे यह आपके भोज्य पदार्थ के टेस्ट को बढ़ता है। जिससे आपको काफी मात्रा में कैलोरी मिलती है।जिससे आपका वजन बढ़ाने में काफी सहायता मिलती है।

5. सलाद में तथा अन्य भोजन सामग्री में हैजलनटस 

आप अपने पास्ता सलाद और अन्य तरह के डिशेज में हैल्जनटस को डालकर टेस्टी बना सकते है।  यह आपके भोजन को टेस्टी बनाने के साथ साथ उसमे पोसक तत्वों की मात्रा ही बढ़ा देता है।

कितनी  मात्रा में सेवन करना चाहिए।

हैल्जनटस  का उपयोग लिमिट में करना चाहिए। डेली आप अगर  रोजाना 15=30,ग्राम हैलजनटस  का उपयोग सही मात्रा में होता है।  यह आपके वजन बढ़ाने के साथ साथ आपके पूरे शरीर के हेल्थ को सुधारने में मदद करता है। 

हैजलनटस वजन बढ़ाने के लिए स्वादिष्ट और पराकृतिक उपाय माना जाता है। इसे आप रोजाना अपने दिन चर्या में शामिल करके आप आसानी से अपना वजन बढ़ा सकते है। आप वजन बढ़ाने के साथ साथ डेली जिम , एक्सरसाइज करे। यह जरूरी भी है।

वैसे ते लोगे अदिकतर मोटापा से परेशान रहते है लेकिन बहुत सारे लोग ऐसे भी है जो अपना वजन बढ़ाना चाहते है लेकिन उनको वजन बढ़ाने में मुस्किल हो रही है। बहुत सारे लोग होते है जो बहुत खाते पीते है लिकिन उनका वजन नहीं बढ़ता है। जिसके चक्कर में लोग बाहर के बहुत जंक फूड  खाते रहते है फिर भी उनका वजन नहीं बढ़ता है। 

वजन कैसे बढ़ाएं? अगर आप भी दुबले पतले शरीर से परेशान है तो कुछ आपको हेल्दी फूड खाना चाहिए।जैसे दूध बादाम काजू आदि चीजे।इन सब में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है।दूध प्रोटीन वसा ,कैसियम,एयर अन्य विटामिन प्रोटीन से भरा होता है।

व्यायाम करने के बाद दूध पीने से मांसपेसी को सही मात्रा में प्रोटीन मिलता है जो शरीर के विकास के लिये बहुत जरूरी होता है। क्युकी दूध में वो जरूरी पोशाक तत्व होता है हमारे शरीर विकास के लिए बहुत जरूरी होता है।आपको रोजाना अक्गीला दूध पीना चाहिए।

चाकलेट नट शेक बनाना

इसे बनाए के लिए आधा लीटर दूध,एक केला चाकलेट एक चम्मच नट बटर मिलाए  इन सभी को अच्छी तरह से मिक्स कर ले अब आपका शेक तैयार हो गया। अब आप इसे सुबह या शाम  को पी सकते है। 

एवोकैडी 

यह एक ऐसा फल है जो हेल्थ के लिए अच्छा माना जाता है।इसका सेवन करने से आपका फैट भी बढ़ता है। इसमें बहुत अधिक कैलोरी नही होती है।लेकिन यह वजन बढ़ाने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। एक इसमें 17 ग्राम फाइबर,332 कैलोरी,29ग्राम फैट होता है इसमें  विटामिन  के, इ,सी होती है। यह वजन बढ़ाने में काफी सहायता करता है।

रेड मीट

रेड मीट में वजन बढ़ाने और मांस पेशियों के विकास के लिए सभी चीजे होती है।  एम फैट और प्रोटीन दोनो होते है। जो आपके वजन को बढ़ता है।लेकी जायदा रेड मीट खाने से बचाना चाहिए।

सोयाबीन

सोयाबीन में आयरन विटामिन k । फास्फोरस का अच्छी मात्रा पाई जाती है। एक कप सोयाबीन में 29ग्राम प्रोटीन ,15,ग्राम फैट,17 ग्राम कबर्स 298कैलोरी होता है। इसके अलावा सोयाबीन में एंटी आक्सीडेंट अधिक होता है।

सेलमन  टूना मछलियां में मांसपेसी के विकास के तथा ओमेगा 3 फैटी एसिड के कारण पूरे मानव शहरी को लाभ पहुंचता है।  इसको चावल के साथ खाने से काफी मात्रा में शरीर को ऊर्जा मिलती है।

डिस्क्लेमर= साल सहित यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी परदान करती है।किसी तरह का योग ,चिकित्सा का विकल्प या राय नहीं है। अधिक जानकारी के लिए अपने डाक्टर से सलाह ले ।यह साइट  जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नही करता है।


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काली मिर्च के असली फायदे आप लोग नही जानते है Kali mirch ke asli phayde aur labh aap log nahi jante hai.

 




4 बीमारियो  के लिए दवा है कालीमिर्च जानिए इसके फायदे और सेवन करने का सही तरीका 

आपको सायद ही मालूम होगा की आप की किचन में पाए जाने वाली काली मिर्च आपके लिए कितना फायदा मंद हो सकती है। तो आईए जानते है की काली मिर्च के क्या क्या फायदे है।

मौसम की बारिश गर्मी से तो राहत देती है लेकिन इस समय अनेक पारकर के इंफेक्सन होते रहते है। नमी वाला मौसम में अधिक बीमारिय बढ़ने का खतरा रहता है क्योंकि इस मौसम में बैक्टीरिया के बढ़ने की संभावना अधिक रहती है जिससे बीमारी भी बढ़ने का खतरा अधिक रहता है। अच्छी बात यह है आप अपने मसाले में काली मिर्च का इस्तमाल करके अनेक पारकर के मौसमी बीमारी को दूर भगा सकते है। काली मिर्च का इस्तेमाल करने से भोजन के स्वाद में भी बढ़ोतरी आती है।  लेकिन आप को जान कर हैरानी होगी की  इसके औषधि गुण भी है। खासकर यह मौसमी चेंज में यह अपना असर अधिक दिखाती है।काली मिर्च को रोज मसाला के साथ इस्तेमाल करने से  आपको पाचन संबंधी , आपकी इन्यूनिटी, आपकी हेल्थ , और बहुत सी परेशानी को आपसे दूर भगाता है ।तो आईए जानते है की काली मिर्च के कितने पारकर के लाभ है।

 1. इन्युनिटी को मजबूत करता है।

जब जब मौसम चेंज होता है तब तब हमारी इम्युनिटी कमजोर हो जाती है। क्यूकी हम हवा में खराब बैक्टीरिया के संपर्क में आता है जिससे हमारा इन्युनिटी का संतुलन बिगड़ जाता है।  इम्यूनिटी को मजबूत रखने के लिए  जरूरी काम करना आवश्यक होता है। इसके लिए आपको काली मिर्च को रोजाना अपने भोजन में सामिल करना चाहिए जिससे आप इसके लाभ आसानी से पा सके।नेशनल हेल्थ के अनुसार काली मिर्च पराकृतिक में जीव जीवाणुरोधक   है 

इसमें एंटी ऑक्सीडेंट काफी मात्रा में होता है जो हमारी इन्युनिटी को मजबूत बनाने में हमारी काफी मदद करता है।

2. सर्दी खासी 

मौसम के बदलाव में सर्दी खासी होना कॉमन सी बात है। लेकिन उस मौसम में काली मिर्च का सेवन करने से आप बीमार पड़ने की संभावना कम होती है। मसाले में मौजूद एंटी बैक्टीरिया हमारे । रिपेयरिंग सिस्टम को मजबूत बनाए रखता है इसलिए आप हमेशा फिट रहना चाहते है तो आप काली मिर्च का इस्तेमाल आप रोजाना करना सुरु कर दीजिए।

3.पोशाक तत्वों को बढ़ता है।

आपको शायद ही मालूम लोग की काली मिर्च के सेवन से पोसक तत्वों के अवशोषण में काफी हद तक सहायता मिलती है। काली मिर्च  में एक पीपेरिन नामक एक यौगिक होता है।जो भोजन के अवश्यक विटामिन मिनिरल्स के अवशोषण को उचित बनाए रखने के लिए माना जाता है।

4. मौसम के बदलाव में काली मिर्च का सेवन करने से आपके पाचन को सही ढंग से सुचारू रूप से सही रखता है। काली मिर्च और भी अनेक प्रकार से लाभ पहुंचता है।  जैसे की गैस , एसिडिटी पेट खराब होना ,पेट फूलना जैसी समस्या से राहत दिलाने के लिए काली मिर्च जायदा लाभ करी होता है।

काली मिर्च  हाइड्रोक्लोरिक एसिड के स्त्राव में बढ़ावा देता है। जिससे आपका पाचन तंत्र ठीक से काम करने में अवश्य होता है।

काली मिर्च को अपने आहार में शामिल कैसे करे

आप अपने आहार में काली मिर्च को बहु सारे तरीको से सामिल कर सकते है  इसे आप चाय में डाले पी सकते है। दूध में डाल के पी सकते है। सूप में डाल के पी सकते है।  या फिर ditacs water बनाए ।आप इसे अपनी चाय में भी शामिल कर सकते है।यह न केवल इसे टेस्टी बनाएगा बल्कि इसे गुणकारी भी बनाएगा।  निबू पानी  या किसी और अन्य पेय जल में भी मिलाके आप पी सकते है यह सभी तरह से लाभ दायक होता है।  अपनी सब्जी में भी काली मिर्च के पावडर को छिड़कर खा सकते है।


लौंग के औषधि गुण

सिर दर्द (सिर दर्द या अधकपारी) में लौंग का प्रयोग लाभ दायक है। सिर दर्द में आप लोग लौंग के तेल का इस्तेमाल कर सकते है। यदि कोई सिर दर्द या अधकपारी से परेशान है तो लौंग के तेल का प्रयोग आपको लाभ पहुंचता है। लौंग का प्रयोग कुछ इस पारकर से आप कर सकते है। 6 ग्राम लौंग को आप पानी में पीस कर सुखा लें ।इसके बाद सूखे हुए लौंग को थोड़ा गर्म कर ले। इसका कान के आस पास गाढ़ा लेप करने से सिर का दर्द या अधकपारी से आराम मिलता है।

2 ग्राम लौंग को पानी के साथ पीसकर गर्म कर ले ।इसको माथे पर लेप करने  सर्दी के वजह से होने वाली सिर दर्द में आराम मिलता है। 

आखों की बीमारी में लौंग के लाभ

कुछ लौंग ले  अब लौंग को तांबे के बर्तन में पीस ले  ।पीस हुए लौंग को सहद में मिलाके आखों में लगाने से आखों में होनेवाले रोगों में लाभ मिलता है।

दातो में लौंग के प्रयोग और उसके लाभ

लौंग से दातों के रोगों में भी लाभ मिलते है। लौंग के तेल को दातो में रूई के माध्यम से लगाए ।लौंग के तेल को लगाने से दातों के दर्द और दातों में लगे कीड़ो खत्म हो जाते है।जिससे दातो को आराम मिलता है।

बलगम की समस्या में लौंग के फायदे 

125 मिली पानी में लौंग के 2ग्राम के पीसे हुए टुकड़ों को उबाल लें। इसे इतना उबाले की लौंग के पानी का एक चौथाई पानी बच जाए।  अब इसे छानकर हल्का गर्म में ही पी ले। यह कफ को बाहर निकलने में मदद करता है। 

लौंग के सेवन से खत्म होती है सासो और मुंह की बदबू

लौंग को मुंह में रख के खाने से सांस  और मुंह की बदबू खत्म होती है।

दम के रोग में भी लाभकारी होता है लौंग का सेवन 

दमा के रोग में भी लौंग को खाने से लाभ मिलता है। आंकड़े के फूल , काला नमक, और लौंग को बराबर मात्रा में ले ले।इनको पीसकर छोटी छोटी गोली बना ले। इसको मुंह में रख कर चूसने से सांसों और दमा के रोगों में लाभ मिलता है। 

कुक्कुर खासी का इलाज लौंग से हो सकता है।

आग पर 3से 4 चार लौंग को भून ले। इसे सहद में मिलाकर चाटने से खासी में लाभ मिलता है।

हैजा में लौंग से लाभ 

हैजा में ज्यादा प्यास लगने के समस्या होती है। अधिक प्यास लगती है। इस स्तिथि में लौंग से काफी आराम मिलता है। दो ग्राम लौंग को एक लीटर पानी में उबाल लें ।अब  इसे पाच मिनट तक उबाल लें ।इसको नीचे उतरकर ढक दे ।अब  इसमें से 200मिली पानी को बार बार समय समय पर पिलाने से हैजा में लगने वाली ज्यादा प्यास में आराम मिलता है।

अपच की समस्या में लौंग के लाभ

3 ग्राम हरड़ 1ग्राम लौंग को काढ़ा बनके रख ले। अब इसमें उचित मात्रा में सेंधा नमक मिला ले ।सेंधा नमक उतना ही मिलाए जितना पी सके ।  इसको अपच की स्तिथि में पिलाने से आराम मिलता है।

जी मिचलाने पर लौंग का इस्तेमाल

अगर किसी का जी मचला रहा है तो आप लौंग का निम्न तरह से उपयोग कर सकते है। यह उपाय इस पारकर है। कुछ लौंग को पीसकर पानी में थोड़ा सा गर्म कर ले। अब इसे उस व्यक्ति को पिला दे जिसका मन मचला रहा है। इसको पिलाने से रोगी को आराम मिलता है। 

बुखार में लौंग का उपयोग करने से लाभ

छोटी पीपली और लौंग को बराबर मंत्रा में पीस ले ।अब इसको इस मिश्रण को  जितना मिश्रण है उसका आधा शहद लेकर  इनको मिलाकर  सुबह शाम चाटने से  बुखार के कारण हुए कमजोरी में लाभ देता है। 

 चिरयता तथा लौंग को समान भाग में ले ले अब इन दोनो को पानी में पीसकर पिलाने से बुखार में लाभ मिलता है। 

पेट की गैस की समस्या में लौंग के लाभ 

40ग्राम गुड़,10ग्राम सेंधा नमक,10ग्राम सोंठ,10ग्राम लौंग,अजवायन इन सबको पीस ले  ।इनकी कुछ गोलियां बना ले  ।इनकी 1 गोली को दिन में  1बार सेवन करने से पेट  की गैस की समस्या में काफी लाभ देखने को मिलता है। 

डिस्कलेमर==सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी देती है। यह साइट इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नही करती है। 


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Viral bukhar se thik hone ke aasan upaay

 





बुखार होना स्वास्थ में सबसे आम बात है ।बुखार होने का पहला कारण है शरीर का तापमान बिगड़ना ।जब जब हमारे शरीर का तापमान बिगड़ता है तब हमे ऐसा लगता है की हमे बुखार हो गया है।सबसे पहले जान लेते है की बुखार आता क्यू क्यू है ।जब हमारा शरीर किसी  बीमारी से लड़ रहा होता है तो तो बुखार होता है।जैसे की मौसम बदलने के बाद कोई नई वायरल चीज /बीमारी आने वाली रहती है तो उससे लड़ते वकत जब हमारा शरीर का तापमान बिगड़ता है तो हमे बुखार हो जाता है।

कभी कभार बिखर आना सही होता है। जिससे शरीर में बीमारियो से लड़ने की रोग प्रतिरोधक की छमता बढ़ती है।लेकिन आप बुखार से परेशान है हो आप घरेलू उपाय करके ठीक हो सकते है। लेकिन याद रहे घरेलू उपाय के साथ साथ यदि बुखार उतर नही रहा है ।तत्काल ही आप डाक्टर की सलाह ले।

बुखरके लक्षण क्या है

कभी कभी बुखार आना सही भी है। जिससे शरीर में रोग प्रतिरोधक की क्षमता बढ़ती है।यह अपने आप ही लक्षण का काम करता है।। शरीर में बुखार होने के कई कारण हो सकते है।जैसे

भूख में कमी

तनाव

सिरदर्द

कमजोरी

मांसपेसीय में दर्द होना

कांपना

बिना कारण पसीना आना

बुखार उतारने की दवा क्या है।

डाक्टर से चेक करके आप बुखार की दवा ले।बुखार उतारने की। पेरासिटामोल ,आइब्रूप्रोफेन ,ज्यादा परचलित दवाएं है।इसके अलावा इसितानिफोमेन, भी बुखार के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

बुखार ठीक करने के घरेलू उपाय

कुछ गहरेलू उपाय बताए जा रहे है ।जिसका इस्तेमाल करके आप बुखार को ठीक कर सकते है।

बुखार की वजह से आपके शरीर का तापमान बढ़ जाता है जिससे आपके शरीर से पसीना आता है। जिससे शरीर डिहाइट्रे हो जाती है  किसकी वजह से हमारे शरीर में कई तरह के बीमारी भी हो सकती है।इसलिए जरूरी है अपने शरीर को उचित मात्रा में आहार  देना। 

ठंडे पानी की पट्टियां 

यह नुस्का बहुत पुराना नुस्का है जो की ठंडे पानी की पट्टी सर पे रखी जाती है। यह नुस्खा बहुत जायदा कई जगहों पर किया जाता है। अगर आपको कभी बुखार आता है तो आप साफ सूती के कपड़े की पट्टी को साफ पानी में भिगोकर पट्टी को निचोड़कर माथे पर रख ले। बुखार में गीला कपड़ा रखने से बुखार कम होता जाता है। पट्टी को थोड़े थोड़े समय के बाद उसे बदलते रहे। बदलने का मतलब है की कपड़े को नहीं बदलना है कपड़े के पानी को निचोड़कर दूसरा पानी में भिगोकर उसे निचोड़ ले फिर माथे पर रख दे। ऐसा बार बार करने से बुखार कम होने की संभावना रहती है।

गिलोय

तेज बुखार को उतारने में गिलोय बहुत ही पुरानी दावा है।जी पुराने समय में हमारे दादा दादी नाना नानी करते थे। वैसे तो गिलोय का उपयोग बहुत तरह के स्वतथ तरह के कामों में लाया जाता है  गिलोय का उपयोग करने के लिए एक गिलास में पानी ले इसके बाद गिलोय को कूटकर पानी में डाले इसके बाद पानी को उबाल लें। पानी को इतना उबाले की पानी आधा हो जाए। इसके बाद उसे छान कर चाय की तरह गर्म गर्म पी ले।स्वाद में थोड़ा अलग तो आयेगा लेकिन आपको उसे पीना है। इससे आपका बुखार कम हो जाएगा। यदि आपका बुखार पूरी तरह से ठीक नहीं हो रहा है तो आप डाक्टर को दिखा सकते है

लहसुन

लहसुन की तासीर गर्म होती है। लेकिन यह बुखार को ठीक करने में काफी सहायता करती है। यह शरीर के तापमान को कम करने में मदद करता है। और शरीर के विषाक्त पदार्थ को बाहर निकालता है। लहसुन में बीमारी से लड़ने की ताकत होती है क्युकी लहसुन में एंटीबैकटिरियल गुण होते है। जो बीमारी से लड़ने में हमारी मदद करता है।लहसुन का उपयोग करने के लिए आप दो लहसुन के टुकड़ों को ले। इसके बाद एक गिलास पानी में आप लहसुन को पानी में डालकर उबाल लें।इसके बाद पानी को छान कर पी ले। दूसरा उपाय जैतून के तेल में लहसुन के पेस्ट को मिलाके पैर के तलवे में लगा ले  जिससे आपको आराम मिलेगा।

अदरक

हड्डी बुखार के लिए अदरक को बहुत अच्छा उपाय माना जाता है।यह भी बुखार को ठीक करता है यह एक अच्छा एम्यूनिटी बूस्टर है।पराकृतिक रूप से अदरक एंटीवेयरल एव एंटी बैक्टीरियल का अच्छा स्रोत माना जाता है।जो संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। यह खासी और सर्दी को भी दूर भगाता है। अदरक की चाय पीने से बुखार में आराम मिलता है। इसके अलावा आप अदरक का काढ़ा भी बनाके आप पी सकते है। 

तुलसी

आयुर्वेदिक में तुलसी का प्रयोग सादियो से होता आ रहा है। अंदरूनी बुखार में तुलसी का पयोग किया जाता है।

पोशाक तत्वों से भरपूर तुलसी यह जड़ी बूटी की तरह काम करती है। तुलसी का प्रयोग करने से बुखार तेजी से काम होता है। इसके प्रयोग के लिए एक गिलास पानी में 15=20 तुलसी के पत्तियां  और एक चमच अदरक का पेस्ट ले इसको अच्छे से उबाल लें।जब पानी आधा हो जाय तो  इसमें सहद मिलाके  इसका दिन में दो बार सेवन करे।

सारंस 

बुखार होना कोई बहुत बड़ी बात नहीं है। शरीर में किसी तरह की वजह से शहरी का तापमान में वृद्धि होने से बुखार हो सकता है। बुखार होने से शरीर की इम्यूनिटी बढ़ोतरी होती है।बुखार अपने आप में एक लक्षण है।जो शरीर में हो रही समस्या को दर्शाता है।बुखार को आप घरेलू नुस्खे अपनाके भी ठीक कर सकते है।  जैसे गिलोय।अदरक।लहसुन।

जब बीमारी आती है तो कभी बताकर नहीं आती है। जब बीमारी आती है तो  हमारे पास उस समय उतना साधन नही होता है। इसलिए आप हमेशा सतर्क रहे। हर वायरल चोटी बीमारी का घरेलू इलाज रखना चाहिए। 

स्वास्थ बीमा बहुत जरूरी है। स्वास्थ बीमा करने से आपको पड़ने वाला खर्चा से आपको बचाता है।जिससे आप और आपका परिवार आर्थिक रूप से काजोर नही होता होता है। 

फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस यह एक अच्छा विचार है। जिससे आप हमेशा सुरछित रहते है। 

डिस्क्लेमर= बुखार में किसी भी घरेलू नुस्खा अपनाने से पहले डाक्टर की सलाह ले।

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बुधवार, 21 अगस्त 2024

बादाम से होनेवाले फायदे जो आपको कई बीमारियो से बचाता है।badam ke anjinat fayde aur labh


` बादाम  के  छिलके है चमत्कारी चीज ऐसे खाने से होगा दिमाग तेज शरीर में होगा अनेक प्रकार के लाभ

बादाम के छिलके को फेकने की गलती कभी न करे।इसके अंदर ताकतवर गुण होते है।साथ ही टाइप 2  डायबिटीज को मैनेज करने में भूमिका निभाती है। आई छिलके सहित बादाम खाने की फायदे जानते हैं 

शरीरको हेल्दीबनाने के लिए लोग बादाम खातेहैं इसमें ओमेगा एसिड विटामिन ई होता है अक्सर बादामको भिगोकर उसका छिलका उतार कर खाया जाता है किसका चिल्का फेंक दिया जाता है। मगर क्या आप जानतेहैं बादाम केछिलके में स्वास्थ्यवर्धक गुण होते हैं। जोआपके पूरे शरीर की क्षमता को बढ़ा सकते हैं। 


रिसर्च के मुताबिक बादम के छिलकों में परचूर पालीफेनोल होते है। यह आपका फॉक्स और मेमोरी बढ़ाने के लिए जाने जातेहैं। यह शॉर्ट टर्ममेमोरी लाश का भी बेहतर उपाय है।

इंसुलिन बढ़ाने के उपाय

ब्लड क्लाट के खतरे में कमी

शरीर में ब्लड क्लाट बनना खतरनाक है। इसकी वजह । ब्लड सर्कुलेशन रुक जाताहै।मगर पालीफेनोलस ब्लड क्लोट बने में खतरा कम करता है।

डाइजेशन में सुधार 

पाली फेनोलस आपका डाइजेशन भी बढ़ाता है। यह  गट के हेल्दीबैक्टीरिया । बढ़ानेमें असरदार साबित होती है। जिसकी वजह से कब्ज गर्ड एसिड रिफलेक्स से बचाव होता है।

कैंसर से बचाव 

कई ताजा रिसर्च ने इस बात की तरफ इसरा किया है कि पालीफेनोलस में कैंसर का खतरा कम होता है।इनमे antiaaksident और एंटी inflomentri होती है।जो कैंसर से बचाने के लिए जानी जाती है।

बादाम के छिलके कैसे खाए

बादाम के छिलके खाने के लिए आपको अलग अलग तरीके अपनाने की जरूरत नहीं है।आप भीगे बादाम को बिना छिलके उतारे खा सकते है। इस तरह बादाम और उसके छिलके दोनो के लाभ मिलेंगे। 

बादाम दुनिया में सबसे लोकप्रिय ट्री नटस में से एक है सबसे पहले बादाम सोलहवीं सदी में फारसी लोगो के द्वारा कसमीर में ले गए थे। लेकिन अब केरल  आंध प्रदेश आदि राज्यों में बादाम की खेती होती है।बादाम को कच्चा ,टुकड़ों में कटकर या अन्य तरीकों  से खा सकते है । इनमे बादाम का दूध भी बनाया जाता है ।इनमे मेवे की त्वचा झुरीदार होती है ।और इनकी ऊपर परत थोड़ी सख्त होती है। छिलके के पारकर के आधार पर बादाम कर पारकर के होते है ।कहा जाता है की सबसे अच्छा किसम कैलिफोनिय किस्म है। तथा अन्य पारकर है।हरे बादाम ,मोलर , सनोरा,फेराडु और कर्मेल बादाम 

बादाम में कौन से पोसक तत्व पाए जाते है

बादाम में बहुत सारे पोषक तत्व पाए जाते है । जैसे की फैट,प्रोटीन,फाइबर,पोटैसियम,कैल्सियम मैग्निसिय,फैसफोरस ,विटामिन ई,फैटी एसिड और आयरन।

बदमकी खूबियां 

    

विटामिन ई,बादाम में पाए जाने वाले विटामिन ई और एंटी आक्सीडेंट सेल डैमेज को रोकने में मदद करते है।शरीर में मजूद फ्री रेडिकल्स,असिथिर रसायन होते है।जो यदि समाप्त न हो कोसिकाओ को नुकसान पहुंचाते है। विटामिन ई जैसे एंटी आक्सीडेंट इन फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करती है।इस पारकर विटामिन ई जो बादाम में परचुर मात्रा में पाया जाता है।फ्री रेडिकल्स से होनी वाली छत्ती की रोकथाम में मदद करती है। और साथ ही इम्यूनिटी भी बढ़ देता है।

हेल्दी फिट्स 

बादाम अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर में यगदान  करते हैं। बादाममें अच्छे। मात्रा में अच्छे हेड्स होते हैं।इनमे monoansaichurets faits। की कंसंट्रेशन बहुत ज्यादा होती है। पर्याप्त मात्रामें फैट्स शामिल होनी चाहिए।

कोलेस्ट्रॉल 

बादाम खाने सेखराब कोलेस्ट्रोल का स्तर कम होता है। बादामसे रक्त मैं मौजूद कोलेस्ट्रॉल को कम करने। हृदयरोग की जो जोखिम को कम करने क्षमता होतीहै। इनमें मोनू अनसैचुरेटेड। फैटी एसिड होती है। जो खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में हमारी मदद करती है। साथी स्वस्थ कोलेस्ट्रॉल को बढ़नीहै। 

ब्लड प्रेशर 

बादाम में मैग्नीशियमकी मात्रा अधिक होती है। जिसमें रक्तचाप कम होता है। बादाममें प्रचुर मात्रा में मैग्नीशियमपाया जाता है। जो सूजन और कोलेस्ट्रॉल को कम करने के अलावा। रक्तचाप को भी कम करता है । मैग्नीशियम सेभरपूर का खाद्य पदार्थ को खाने में रक्तचाप को कम करने में मदद मिल सकती है। जो मैग्नीशियम की कमी का एक और प्रभाव है।

फाइबर 

बादाम हृदयके स्वस्थ रखने वाले फाइबर। और मांसपेशियोंका निर्माण करने वाले प्रोटीन से भरपूर होते हैं। एक ओस बादाम में लगभग 4 ग्राम फाइबर  6 ग्राम थोड़ा सा अधिक प्रोटीन होता है। प्रोटीन हमारे शरीर के ब्लीडिंग ब्लाक्स होतेहैं। और मांसपेशियों केविकास के लिए आवश्यक होते हैं। बादाममें उच्च मात्रा में फाइबर होता है। जो आप और हृदय के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्णहोती है। 

बादाम खाने के नुकसान 

जैसे कि हम सभी जानते हैं बादाम हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत। अच्छा होता है। इसलिए हम सभी शारीरिक और मानिक कल्याण के लिए पोषक तत्वों से भरपूर पावर हाउस का। सेवन करते हैं। हालांकि कुछ सोच बताते हैं कि बादाम का अधिक सेवन करने से स्वास्थ्य संबंधी खतरे भी हो सकते हैं। 

1.एलर्जी

अगर आपको अखरोट से एलर्जी है तोआपको बादाम और अन्य सभी प्रकार के नटस से दूर रहना चाहिए।

एलर्जीके लक्षण. गले में दर्द, मुंह में कैविटी खुजली, सूजन में होठ।

2. कब्ज= हालांकिबादाम आहार एक फाइबर का बहुत बड़ा स्रोत है। जिससे हम सभीको अपने आंतों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए आवश्यक होतीहै लेकिन कभी-कभी अधिक बादाम खाने से कब्ज भी ह सकता है

3. वजन बढ़ाना=एक कोष बादाम मेंलगभग 160 कैलोरी होती है इसलिए इससे अधिक संभावना होती कि हमारे शरीर का वजन बढ़ जाता है. 

4.किडनी स्टोन=जबकिबादाम ज्यादातर लोगों के लिए स्वस्थ माने जाते हैं मैं ऑक्सलेट मात्रा अधिकहोती है. और किडनी वाले स्टोन से लोगों को बादामखाने से बचाना चाहिए. 

5. सीने में जलन=यदि आपको एसिड रिफलेक्स या गैस रिफलेक्स डीजीज का निदान हुआ है तोआपको बादाम का सेवन अधिक करना चाहिए।क्युकी उनमें वीएसए की मात्रा अधिक होती है।

6.विटामिन ए का सेवन अधिक= शरीर में विटामिन ए की अधिक मात्रा से रक्त के जमने के कार्य में रुकावट आती है।और रक्त स्राव जैसे गंभीर परिणाम हो सकते है।

भीगे बादाम खाने से कया फायदा होता है।

पचनको आसान बनाए=बादाम में सख्त,कठोर बनावट होती है।जिससे उन्हें पचाना मुस्किल हो सकता है।हालांकि भिगोने से वे नरम हो जाते है।जिससे संभवत शरीर उनको आसानी से पच सकता है।?

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मंगलवार, 30 जुलाई 2024

नीम के पत्तो के फायदे । Neem ke patte ke fayde।नीम के 10 फायदे। नीम के पत्ते के नुकसान








 आखों में खुजली होती है।आखों की पलके मोटी हो जाती है। तथा बरूनी झड़ जाति है। तथा आखों के पलको के नीचे लाल हो जाती है।इस बीमारी में नीम के पत्तो के रस को गाढ़ा कर ले।इसे ठंडा करके काजल के रूप में लगाने से इस रोग में फायदा होता है।

दस ग्राम रूई में बीस नीम के पत्ते को रूई को फैलाकर नीम के पत्ते को उसके ऊपर रख ले इसके बाद नीम के पत्ते के ऊपर कपूर को छिड़कर रूई को लपेटकर इसे एक बत्ती बना ले ।इस बत्ती को गाय के घी में डुबोकर इस बत्ती को जलाकर इसका काजल बना ले। अब इस तैयार काजल को रात में सोते समय लगाकर सो जाए ।इस आखों से पानी गिरना ।आखों की लाली में फायदा करता है । तथा यह उपाय अनेक पारकर के रोगों में लाभ पहुंचता है। 

आखों में मोतियाबिंद,धुधलापन, तथा आखों की ज्योति बढ़ाने के लिए नीम के फूल को किसी छाया में सुखाकर बराबर भाग कलमी शोरा मिलाकर महीन पीसकर सूती कपड़े से छान ले। तथा इसको आखों में काजल की तरह लगाए।

नकसीर (नाक में खून बहना ) ने फायदेमंद है नीम का उपयोग 

अजवायन और नीम की पत्तियों को बराबर भाग में पीस ले । इसे कान की कनपटी पर लेप करने से नाक में से खून का बहना बंद हो जाता है। 

कान को बहने से रुके नीम के उपयोग से 

40 मिली तिल के तेल 40 मिली नीम के पत्ते का रस  को पकाए ।थोड़ा सा तेल बच जाए तो पकना बंद कर दे । तथा उस तेल को तीन  चार  बंद कान में डाले ऐसा करने से कान का बहना बंद हो जाता है । 

2.50ग्राम मोम 40 मिली नीम का तेल को आग पर गर्म करे।मोम गल जाने पर  थोड़ा से फिटकारी को डालकर उसे भी थोड़ा सा गर्म कर ले अब इन्हे अच्छी तरह मिलाकर कांच की शीशी में बंद कर ले ।इस तेल को 3_4 बूंद दिन में दो बार डालने पर कान का बहना बंद हो जाता है।

नीम का इस्तेमाल दातों में लाभदायक होता है। 

बहुत पुराने समय से ही लोग नीम के दातुन का इस्तेमाल लोग करते आ रहे है । तथा इससे दातो को किसी भी पारकर का रोग नही होता है । 

100 ग्राम नीम की जड़ को कूटकर आधा लीटर पानी में उबाल लें। जब पानी एक चौथाई बच जाए तो उबालना बंद कर दे। इस पानी का कुल्ला करने से दातो के अनेक रोग दूर होते है ।

नीम का सेवन करने से पेट के कीड़ों से राहत मिलती है। 

5 मिली नीम के पत्तो का रस पीने से पेट के कीड़े खत्म हो जाते है। अथवा 5 नीम के पत्ते खाने से पेट के कीड़े मर जाते है। 

किसी भी सब्जी में 5 नीम के पत्ते को छौक कर खाने से पेट के कीड़े मर जाते है ।

नीम की छाल और इंद्रजौ को बराबर मंत्रा में लेकर चूर्ण बना ले। 5 ग्राम में एक चौथाई हींग भून ले तथा दिन में दो बार सेवन करने से एसिडिटी में लाभ करी होता है ।

एसिडिटी के कारण होने वाले बुखार में भी यह प्रयोग फायदे मंद होता है ।  धनिया , सोंठ ,शक्कर ,नीम की सिंक सभी को 6/6 ग्राम मिला ले। इसका काढ़ा बनाकर पीने से खट्टी डकारें ,अपच तथा अत्यादिक प्यास लगने की समस्या दूर होती है ।

पेट दर्द में नीम का प्रयोग = 40/50ग्राम नीम की छाल को जौ के साथ कूटकर 400 मिली जल में पकाए और इसमें 10ग्राम नमक भी डाले । आधा शेस रहने पर गुनगुना कर पीला दे।पेट दर्द में आराम मिलता है।

10 ग्राम  पत्ते के साथ  1.5 ग्राम कपूर  मिलाकर ले । इसे पीसकर सेवन करने से हैजा में लाभ होता है । 

रोज सुबह 3/4 नीम की पकी निंबोली खाने से खून की पेचिश बंद होती है । तथा भूख खुल कर लगती है ।

नीम की छाल की राख को 10 मिली दही के साथ दिन में दो बार सेवन करने से आव वाले दस्त में लाभ होता है।

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नीम के पत्ते के अंगीनत फायदे/ neem ke patte ke angunat phayde। नीम ले 10 फायदे। Neem ke patte ke fayde.सुबह खाली पेट नीम के पत्ते खाने के फायदे ।





 नीम के पेड़ के अंगीनत फायदे।नीम के पेड़ को शायद ही कोई पहचानता नही होगा ।नीम में अधिक कड़वापन होता।अधिकतर लोगो को पता होता है ।की नीम में कड़वापन होता है।लेकिन वह सेहत के लिए फायदे मंद होता है।लेकिन नीम का उपयोग किस बीमारी में किया जाता है।अथवा नीम किन बीमारियो में काम आता है। इस बात की जानकारी बहोत कम लोगो को होती है। नीम के अत्यधिक फायदे होने के कारण नीम को कल्प वृक्ष भी कहा गया है।सामान्य तौर पर नीम का उपयोग चर्म रोग ,घाव ,आदि में करते है।नीम के पत्तो के काढ़े से घाव को धोने से घाव जल्दी ही ठीक हो जाता है।नीम एक तरफ से देखा जाय तो नीम एक तरफ खून को साफ करता है।नीम का तेल क्षय रोग,यानी टी वी ,को पैदा करने वाले जीवाणु की तीन जातियों का नास करने वाले गुण नीम के तेल में पाए जाते है।नीम की पत्तियों का गाढ़ा लेप करने से कैंसर को बढ़ाने वाली काशिकावो की क्षमता को कम करता है। 


आईए जानते है की नीम का उपयोग किन किन बीमारियो में किया जाता है।

बालो की समस्या में नीम का फायदे।

नीम बालो के लिए बहुत उपयोगी होता है।बालो का असमय पकना तथा बालो को झड़ने की स्थिति में नीम का प्रयोग किया जाता है।

1. नीम के तेल को नियमपूर्वक दो तीन बूंद नाक में डालने से सफेद बाल काले हो जाते है। जब आप ये विधि का प्रयोग कर रहे हो तो आपको भोजन में गाय के दूध का उपयोग ही करना चाहिए।

2. नीम के पेड़ बिजो को भंगरा के रस  में  था असन पेड़ की छाल के काढ़े में भिगोकर छाया में सुखाकर ।ऐसा कई बार करे ।इसके बाद इसका तेल निकालकर नियमानुसार 2 ,2  बूंद नाक में डाले। इससे असमय सफेद बाल काले हो जाते है।इस दौरान केवल दूध और पके हुए चावल का ही प्रयोग करे।

3. नीम के पत्ते को पानी में अच्छी तरह उबाल कर उसे ठंडा कर ले। इसी पानी से सिर को धोते रहे इससे सिर के बाल मजबूत होते है। बालो का झड़ना या गिरना रुक जाता है।इससे अलावा सिर के कई रोगों में लाभ मिलता है।

4. नीम के पत्ते का एक भाग और बेर के पत्ते का एक भाग अच्छी तरह पीस ले। इसका लेप सिर पर लगाकर  एक दो घंटे बाद दो ले। ऐसे बाल काले ,लंबे ,घने  होते है।

5. नीम के पत्ते को पीसकर सिर पर लेप करने से  सिर के जुए  और लिख मार जाते है


नीम का इस्तेमाल आंख के रोगों के लिए लाभकारी।

नीम का प्रयोग खुजली ,आखों का दर्द,लाली आदि जैसे रोगों में किया जाता है।

जिस आंख में दर्धो उसके दूसरी तरफ  के कान में नीम के कोमल पत्तों को गुनगुना करके  दो दो बूंद टपकाए।दोनो आखों में दर्द हो तो दोनो कानो में टपकाए। ऐसा करने से दर्द खत्म हो जाएगा।

आधा किलोग्राम नीम के पत्तो को मिट्टी के दो बर्तन के बीच रख कंडो की आग यानी गाय के गोबर की आग में  डाल दे । ठंडा होने पर अंदर की राख को 100 मिली नीबू के रस में मिलाकर सुखा लें ।इसे किसी बोतल जिसमे हवा जा सके ऐसे बोतल में भर कर रख ले। इस राख को काजल की तरह आंख में लगाने से आंख की खुजली और आंख की जलन में लाभ होता  है।

यदि आखों के ऊपर सूजन के साथ दर्द हो और अंदर खुजली होती हो ।तो नीम के पत्ते और सोठ को पीसकर थोड़ा सेंधा नमक मिला ले। इसे हल्का गर्म कर ले एक कपड़े की पट्टी पर रख कर इसे आखों पे बांध ले। दो तीन दिन में आखों की सूजन  दूर हो जाती है।

50 ग्राम नीम के पत्ते को पानी में पीसकर टिकिया बनाकर सरसो के तेल में पकाए। जब वह जलकर काली हो जाए तो उसमे दावा भाग कपूर तथा दसवां हिस्सा कलमी शोरा मिला ले। इसे खूब घोटकर काच की सीसी में  रख ले। इसे रात को आखों में काजल की तरह लगाए और सुबह त्रिफला के पानी से आखों को पानी से धो ले। इस आखों की खुजली जलन लालिमा आदि रोग दूर हो जाते है । तथा आखों की रोशनी भी बढ़ती है।



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रविवार, 28 जुलाई 2024

किचन में पड़ी पांच वस्तुएं। जो तुरंत देगी आपको चमकती त्वचा






 गर्मियों के मौसम के सुरु होते ही।कर तरह के त्वचा सम्बाद समस्या उत्पन होने लगती है।गर्मियों के मौसम में तेज धूप होने के संबर्न और ट्रेनिंग की समस्याएं काफी ज्यादा देखने को मिलती है।ट्रेनिंग के कारण त्वचा का रंग डार्क हो जाता है।और त्वचा रूखा रूखा सा नजर आने लगता है। इसी वजह से कई लोग केमिकल युक्त दवाइयां का उपयोग करते हैं। लेकिन इन सबमें काफी पैसा भी बर्बाद होता है। ऐसेमें आप कुछ घरेलूचीजों का उपयोग करके स्क्रीन को ठीक कर सकते है।

1. टमाटर 

ट्रीनिंग की समस्या से छुटकारा पाने में सफल होने के लिए पहला उपाय टमाटर है। टमाटर में पाए जानेवाले एंटीऑक्सीडेंट चेहरे के दाग धब्बे को हटाते हैं। और स्क्रीन का रंग निकालने मेंबहुत सहायक होते हैं। इसके लिए आप एक पके हुए टमाटर के रस को एक कटोरी में निकाल ले। और चेहरे की स्क्रीनपर लगाए। लगाने की 1घंटे तक ऐसेही छोड़ दे फिरपानी से दो ले आपकी त्वचा में थोड़ी थोड़ीनिखार आना शुरू हो जाएगा।

2. आलू 

आलूभी रूखी त्वचा को सही करने में सहायक होती है। आलूमें ब्लीचिंग गुण मौजूद होता है। जो रूखी त्वचा को साफकरने में मदद करती है। आप रूखी त्वचासे परेशान है तो आलू के रस को एक कटोरी में निकाल ले। इसके बाद आलूके रस को कॉटनके कपड़े से पूरे चेहरे पर मालिश करें। अब 15 मिनट बाद। चेहरे कोपानी से धो ले। से आपकी त्वचा साफ और चमकदार नजर आएगी।

3. हल्दी

 

ल्दी भी । क्लीनिंग की समस्या में सहायता प्रदान करती है हल्दीमें एंटीऑक्सीडेंट और  एंटी  इन्फ्लेमेटरी गुण  होते हैं । जो स्क्रीन के दाग धब्बे और मुंहासे को दूर करने में सहायकहोते हैं। इसका उपयोग आप चार चम्मचदूध को एक चम्मच हल्दीमें मिला ले। अभीसे अपने चेहरे पर लगाएं। करीब 10 मिनट बाद अपने चेहरे को पानी से धो ले। आपकी त्वचा पर निखारने लगेगा।

4. एलोवेरा

एलोवेरा का संबंधी विकारों में   काम आती है । किसने स्किन को इंफेकन बचाए रखना। स्क्रीन पर ग्लोइंग । और स्किन को भी साफ करती है। अगरआपकी त्वचा रहती है । तो रोजाना एलोवेरा का उपयोग करना चाहिए। 

दुबले पतले शरीर को मोटा करने के उपाय 

1. केला 

दुबले पतले शरीर  को मोटा करनेके लिए रोजाना केले का उपयोग कर सकते हैं। केला विटामिन तत्वों से भरपूर होता है। कला में विटामिन बी12 और कैल्शियम होत है। इसलिए केले को एक बेहतरीन फल भी माना जाता है। वजन बढ़ाने के लिए आप रोजाना के लिए और दूध को मिक्स करके खा सकते हैं। जिससे आपको वजन बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी। 

2. ड्राई फ्रूट

ड्राई फ्रूटमें पटीन हेल्दी फैट और कैलोरी अधिकमात्रा में होती है। अगर आप रोजाना काजू बादाम किशमिश को पानी में 3 से 4 घंटे के लिए भिगोकर रख दे। और इन सभी ड्राई फ्रूटको दूध मैं उबालकर पी ले। रोजाना इसी तरह करने से आपको वजन बढ़ाने में काफी सहायता प्राप्त होगी। 

3. सोयाबीन

सोयाबीन प्रोटीन काफी मात्रा में पाया जाता है। अगर आप वजन बढ़ाना चाहते हैं तो रेगुलर भोजन में सोयाबीन को शामिल करने से शरीर मोटाहोने की संभावना रहती है। सोयाबीन खाने से मांसपेशियों का विकास अधिक तेजी से होता है। से वजन बढ़ाने में काफी सहायता मिलती है। 

4. अंडा 

अंडे में वह जरूरी तत्व पाए जाते हैं। जो शरीर को हेल्दी बनानेमें सहायक होते हैं। अंडे में फैटप्रोटन और फैटकैल्शियम पाए जाते हैं जो शरीर मेंकाफी एनर्जी पैदा करती है । जिससे शरीर को मोटा होने में अधिक समय नहीं लगता। 

दूध और शहद 

शहर एक प्राकृतिक तत्व है। जिससे हमें अत्यधिक लाभ प्राप्त होता है। शहर में पोषक तत्वकी मात्रा पाई जाती है। शहद  का उपयोग अधिकतर स्वास्थ्यसंबंधी मामले मैं किया जाता है ।  जो अधिक फायदेमंद भी होता है। पतले शरीर कोमोटा बनानेके लिए आप शहद को नियमित रूप से उपयोग कर सकते हैं। किसके लिए आप एक गिलास दूध में दो चम्मच शहद मिलाकर पी सकते हैं। ऐसा करनेसे आपकी पाचन शक्ति मजबूत होती है। आपको वजन बढ़ने में बहुत ही मदद मिलती है। 

वजन बढ़ाने के घरेलू  टिप्स

इसकेलिए आप समय समय पर खाना खाए 

खाना को आरामसे और चबा चबा कर खाएं

ज्यादा टेंशन की बातें सारी और दिमागमें न डाले। हमेशा खुश रहने की कोशिश करें।

नियमित रूप से प्राणायाम ,व्यायाम, योग, और एक्सरसाइज करे। हमेशा अच्छी नीद ले ।


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शरीर को ताकतवर कैसे बनाए।sharir ko takat var kaise banaye

 

Your paragraph text by Brijesh Rajbhar https://www.canva.com/design/DAGMKuxlNU8/tGhaYPT2zXtt7qrKOcnIvA/view
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शुक्रवार, 26 जुलाई 2024

बारिश में सापो को आने से रोके ।घर में साप आना क्या संकेत है। सांप भागने की जड़ी बूटी।

 बारिश में सपा को आने से रोके




अधिकतर बारिशकी मौसम जीव जंतु के घरों में घुसने उनकेकाटने का खतरा हमेशा बना रहता है। पहाड़ों नदी लालू जंगलों में जिनका घर होता है उन्हें अधिक खतरा महसूस होता है। छोटेमोटे कीड़े मकोड़े को आपआसानी से  मार या भाग सकते हैं। वही अगर बात करें सांपोंकी तो आप उनको आसानी से मार या भाग नहीं सकते। ऐसे में उनका का खतरा अधिक बना रहता है। तो आईए जानते हैं कि हम उनको कैसे भगा सकते हैं।

बारिश के मौसममें सांपों को अपने घरों से दूर करनेके लिए मेहनत करने की जरूरत नहीं है। हम आपको एक ऐसा उपाय बतानेजा रहे हैं ।जिसे सुनकर आप कहेंगे कि पहले आपने क्यों नहीं बताया। आई में मुद्दे कीबात करते हैं। एक ऐसा पौधा जिसे आप अपने बालकनी ,दरवाजे , छत के ऊपर लगा  सकते है।

उस पौधा का नाम है सर्प गांधा,सर्प गांधा एक ऐसा प्रकृति पौधा है।जो सापों को दूर भगाता है।बारिश के मौसम में आप इस पौधे को अपने घर के आस पास जरूर लगाएं।यह पौधा उन लोगो को जरूर लगाना चाहिए ।जिनके घर के आस पास नदी, नाला ,जंगल इत्यादि हो। उन्हें इस पौधे को जरूर अपने घर कर आस पास लगाना चाहिए।

सर्पगंधा का साइंटिफिक नाम सोवेलिफिय saprtinaa है।लोग बताते है की इस पौधे की महक बहुत खराब है। महक खराब होने के कारण साप इसे बरदास नही कर पाते है।और इस पौधे से दूर रहते है।सर्पगंधा का उपयोग जीव जंतु के कटने पर औसधि के रूप में किया जाता है। इसका उपयोग ग्रामीण लोग अधिकतर मकड़ी,बिच्छू,के जहर को बेअसर करने के लिए करते है। 

सर्पगंधा के पौधे की पहचान कैसे करे।

यदि आपको सर्पगंधा का पौधा लेना है तो लेकिन आपको पता नही है की यह किस तरह का होता है।तो इसकी जड़ पीले और भूरे रंग का होता है।पत्ते हरे रंग के चमकीले होते है।यदि आपको सर्पगंधा का पौधा नही मिल रहा है तो आप लहसुन,तुलसी,लेमन,स्नेक प्लांट का पौधा भी लगा सकते है।ये सभी पौधे बारिश में पनपने वाले कीड़े मकोड़े को दूर भागते है 

आखों की रोशनी बढ़ाने के उपाय।चस्मा भी है जायेगा।

अगर हम लगातार लैपटॉप,। कंप्यूटर मोबाइल अधिक उपयोग। अथवा अधिक समय तककाम करते हैं जिसके कारण हमारी आंखों पर अधिक प्रभाव पड़ता है। ऐसे में अगर हमें खाने में आंखों की रोशनी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ खाने को ना मिले तो हमारी आंखों की रोशनी काम हो सकती है। 

हम इन सुंदर। आंखों की बिना सुंदर जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। जब संपूर्ण स्वास्थ्य की बात आती है तो लोग अधिकतर आंखों की स्वास्थ्य को भूल जाते हैं हमें पताहोता है की आंख एक नाजुक अंग है। जिसको हमें सही देखभाल करने की जरूरत होती है। हमारी खराब जीवन शैली के कारण और हमारी खान पानके कारण जरूरीपोशाक तत्वों कीकमी होने आंखों की रोसानीकमी के कारण आंखों की कई समस्याओं को हम निमंत्रण देते हैं। आंखों को स्वस्थ रखने के लिए सबसे जरूरी होताहै। हमारा खान पान। आप अपनीआंखों को समय से पहले बूढ़ा होने से बचाना चाहते हैं तो। आपको अपना खाद्य पदार्थ सुधारना होगा। सचिन पदार्थ में आंखों की रोशनी बढ़ानेवाले पोषक तत्व मिलते हैं। खाद्यपदार्थ को अपने भोजन के रूप में रोजाना प्रतिदिन शामिलकरना होगा। 

ओमेगा 3 



आंखों कीरोशनी के लिए ओमेगा 3 जरूरी होता है। विशेषरूप से मछलियों में पाया जाता है। खासकर इन मछलियों में ओमेगा 3 पाया जाता है जिनके नाम कुछ इस प्रकारहै sardin,trauntuba,

पत्तेदार हरी सब्जियां

फूल गोभी पालक। सलाद देसी सब्जियां। पोषक तत्वों से भरपूरहोती है इसमें एंटीऑक्सीडेंट। जो मकयूला को नुकसानसे

बचता है जिससे हमारी आंखों की रोशनीतेज होती है। 

विटामिन ए के लिए गाजर 

बीटा कैरोटीन के लिए शकरकंद 

शकरकंद में बीटा  कैरोटीन जो विटामिन ए में बदल जाता है। जिससे आंखों की बीमारी कम हो जाती है। शकरकंद का सेवन करने से। रोजाना के हिसाब से 200% से अधिक। विटामिन ए मिल जाताहै। बेटा कैरोटीनके लिए पालक खरबूजा बटरनल , जैसे अन्यपदार्थ अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं।

नट्स और बींस 

नट्स ओमेगा 3। विटामिन ए फैटी एसिड का एक बड़ा भंडार है। इसका नियमितरूप सेवन करने  से बढ़ती उम्र के साथ होने वाले नुकसानसे हमें बचाव में मदद मिलती है। इसके लिए आप मूंगफली दाल और काजू को अपने। खाद्यपदार्थ में शामिल कर सकते हैं। 

विटामिन सी के लिए खट्टे फल 

विटामिन सी बहुत ही उपयोगी एंटीऑक्सीडेंट है। आपको आंखों की फ्रीरेडिकल डैमेज से बचाता है। यह बढ़ती उम्र के साथ अत्यधिक लोगों में होनेवाले मोती बिंदु। को भी रोकता है

इसके लिए आप अपनेखाद्य पदार्थ मैं नींबू टमाटर। स्ट्रॉबेरी संतरा जैसे फल में विटामिन सी की की भरपूर मात्रा पाई जाती है।

विटामिन ई के लिए सूरजमुखी के बीज और बादाम 

विटामिन ई सूरजमुखी के बीच में और बादाम में अधिक मात्रा में पाया जाता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंटजो जो आंखों की कोशिकाओंको फ्री रेडिकलसे होने वाले छाती को बचाते हैं।  

बींस और जिंक फूड

आप अपने खाने में लिमा बींस ,ब्लैक आइड पीज,। लीन रेड मीट,। इनफूड में जिंक की मात्रा अधिक होती है। जो रेटिनल हेल्थ को सपोर्ट करता है। जो फोटो टाकीसेक । डैमेज को बचाता है। ऊपर बताए गए सभी खाद्य पदार्थों के लिए जरूरीहै। आप इन सभी खाद्य पदार्थों को नियमितरूप से लेते हैं। आपको आपको से संबंधित बीमारियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।


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गुरुवार, 25 जुलाई 2024

हमारा शरीर बलवान कैसे बने। 1 महीने में शरीर कैसे बनाए।





 लगभग सभी लोग अपने शरीर को ताकतवर बनाना चाहते हैं। अथवा यह भी कर सकते हैं कि शरीर कोसुंदर बनाना चाहते हैं। लेकिन भाग दौड़ और भरी जिंदगी मैं ऐसे कई कारण है। जिसके कारण हमारे शरीर पर बुरा असर पड़ता है। हमारा शरीर दुबला पतला हो जाता है। इसके अलावा शरीर कमजोर होने की और बहुत से कारण है। अत्यधिक पसीना आना, भूख ना लगना ,ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई  , नीद का पूरा न होना,। ऐसे कुछ कारण हो सकते हैं। ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है ऐसे कई घरेलू उपाय हैं। जिसके कारण हम अपने शरीर को बलवान बना सकते हैं। 

1. मुलेठी 

मुलेठी शरीर की ताकत को बढ़ाता है। मुलेठी एक ऐसी औषधि है जो हमें कमजोरी मेंताकत देने का काम करती है। जड़ीबूटी में प्राकृतिक गुण होताहै जो हमारे हार्मोन को प्रेरित करता है। जिससे हमारे शरीर को भरपूर मात्रा में ताकत मिलती है। 

2. केला 

कला में नेचुरल सूगर और ग्लूकोजकी भारी मात्रा में पाया जाता है। जो आपके शरीर के अंदर अत्यधिक एनर्जी को बढ़ावा देता है। इसकेअलावा केले में पोटेशियम भी मौजूदहोता है। यह एक मिनरलजो शरीर के शुगरको एनर्जी के रूप में परिवर्तन करने का  कार्य कर्ता है केले में स्थित फाइबर। ब्लू में ग्लूकोज को लेवल बनाए रखने में सहायता करता है।

3. एक्यूप्रेशर 

एक ऐसी। चिकित्सालय जिससे शरीर को मजबूत बनाया जा सकता है। इसमेंशरीर के कुछ प्वाइंट का उपयोग होता है। जैसे कंधे की मांसपेशियोंमें लोअर नेकपॉइंट। नाभि के नीचे तीनउंगली चौड़ाई के नीचे का हिस्सा  हल्का सा दबाने पेक मजोरी से छुटकारा पा सकते है।

दूध 

दूध एक बहुत अच्छा स्रोत माना जाता है। दूधमें विटामिन सी का बहुत अच्छा स्रोत माना जाता है। जो कमजोरी को दूर करता है। इसके अतिरिक्त दूध कासेवन करने से कैल्शियम की कमी नहीं होती है। जो हमारे शरीर की हड्डी और मांसपेशियों के लिए बहुत जरूरी होती है

डिहाइड्रेशन से हमें थकान महसूस हो सकती है। इसलिए स्वस्थ और तंदुरुस्त रहने के लिए पर्याप्त मात्रा में हमें पानी ,रस ,दूध, फलों का रस ,विटामिन ए, c,b1 ,जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही लाभकारी होता है। इससे हमारे शरीर को अन्य प्रकार के रोगों से खतरा कम होता है।

 अंडे 

शरीरमें अगर कमजोरी हो गई होतो सबसे सस्ता आहार अंडा है अंडे में लोहा,विटामिन ए,प्रोटीन,। तथा अन्य जरूरी पोषक तत्वपाए जाते हैं। जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही उपयोगी होते हैं। यदि आप रोज एक अंडा खाते हैं। आपको कमजोरी महसूस नहीं होगी। आप पनीर ,या हरी सब्जियां, हार्ड बोएल एक अंडा खा सकते हैं। इससे आपके शरीर में हाई लेवल की एनर्जी बनी रहती है। तथा कमजोरी महसूस नहीं होती है।

4. आम 

हम एक मीठा पदार्थहै जो लोगों को बहुत ही पसंदहोता है। के अंदर भरपूर मात्रा में विटामिन एंटीऑक्सीडेंट। कापर का एक महत्वपूर्ण स्रोत माना जाता है। आम के अंदर पोटेशियम और मैग्नीशियम भी पाया जाता है। के अतिरिक्त आम में मौजूद आयरन शरीर के रेड ब्लड की सेल्स की संख्या को बढ़ता है। इसके अलावा आम में स्टार्च  भी होता है। जो चीनी में परिवर्तित हो जाता है और हमें तुरंत ऊर्जा प्रदान करताहै।


5 बादाम.

बादाम विटामिन ए का बहुत अच्छा स्रोत माना जाता है।

जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही उपयोगी होता है।जो सुरुआती कमजोरी में कमजोरी से लड़के हमे कमजोरी से राहत देती है।बादाम में प्रोटीन मैग्नीशियम की  हाई डोज,फैट होता है।जो हमारे शरीर में अधिक ऊर्जा का संचार करती है।अत्यधिक लोगों में मैग्नीशियम की कमी के कारण भी कमजोरी होती है।

स्ट्राबेरी

स्ट्राबेरी में एंटीआक्सीडेट और विटामिन से भरपूर होती है।जो आपके शरीर को रिपेयर करती है।और शक्ति को बढ़ाता है।और मुक्त कड़ी के नुकसान से हम बचाता है।इसके अलावा इसमें फाइबर ,मैग्निज, पानी,की आज अच्छी डोज मिलती है।

व्यायाम

हरदीन व्यायाम करने से आपकी मांस पेशियों की ताकत बढ़ती है। सुबह सुबह व्यायाम करने से मन सही रहता है। व्यायाम करने से हमारे शरीर को पूरी तरह आक्सीजन मिलता है।हरदिन 15 मिनट तक व्यायाम करने से शरीर के सभी अंग हमेशा तारो ताजा रहते है। कभी भी आप जल्दी बीमार नहीं पड़ेंगे।व्यायाम करने से आपका एनर्जी लेवल पूरे शरीर में अधिक बना रहेगा ।और आप जल्दी बीमार नहीं पड़ेंगे।

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नीद पूरी नहीं होने की वजह से हो सकती है। ये बड़ी पांच बीमारिया






 किया आपको पता है जब हम नीद लेते है।यानी जिस वक्त हम सो रहे होते है।उस समय हमारा शरीर अपने से कई विसक्त पदार्थों को साफ करने का काम करता है।जिससे हम सुबह हल्का और फ्रेश महसूस करते है।कया आपको पता है नीद पूरी होने शरीर की अंदरूनी भागो को नही बल्कि बाहरी हिस्सों जैसे तवाचके लिए भी बहुत फायदेमंद होती है।

क्या आप जानते है नीद लेना हमारे लिए किसी उपहार से कम नहीं है ।नीद लेना हमारे दिमाग को तरोताजा और हमारे शरीर के विभिन्न अंगों को आराम देने के लिए बहुत जरूरी होता है।अगर आपको लगता है की जब हम आंख बंद करते है तो शरीर के विभिन्न अंग भी काम करना बंद कर देते है तो आप गलत है।जिस वक्त हम सो रहे होते है उस वक्त हमारा शरीर अपने से विष्क्त पदार्थ निकलने का काम करता है।जिसके कारण हम हल्का और ताजा महसूस करते है।नीद पूरा होने से हमारे शरीर के अंग चाहे वह बाहरी हो या अंदरूनी सभी को अत्यधिक लाभ मिलता है।साथ साथ बहुत आराम भी मिलता है।एक तरफ अच्छा खान पान सेहत के लिए जरूरी है तो दूसरी तरफ पूरी नीद लेना भी सेहत के लिए बहुत लाभदायक होता है।

अच्छी और पर्याप्त नीद न लेने के कारण हमारे सेहत पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है।जो व्यक्ति नाइट शिफ्ट में काम करते है।उन्हें किसी न किसी पारकर समस्या उनके शरीर में बनी रहती है।जो व्यक्ति नाइट ड्यूटी करते है उनको देखने से मालूम पड़ जाता है।वह व्यक्ति असवस्थ  है। क्युकी  ऐसे व्यक्ति का चहरा मायूस सा होता है।चहरे पर दाग धब्बे  दिखाई देते है।और लोगो का चहरा हल्का सा काला दिखाई देता है।त्वचा के साथ कम नीद लेने  पे मानसिक स्थिति पर भी गहरे प्रभाव पड़ता है।

इससे शरीर में दर्द, वजन बढ़ना,तनाव,थकान जैसी कई समस्याएं आ सकती है। 

तो आईए जानते है की नीद पूरी ना होने के कारण कौन सी समस्या आ सकती है।

1.मधुमेह

नीद पूरी ना होने के कारण  जंक फूड और शुगर से भरपूर फूड खाने की इच्छा बढ़ जाती है।जिसके कारण मधुमेह , हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारी बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है।

नीद पूरी ना होने से हड्डियों में स्थित मिनिरल्स का संतुलन बिगड़ जाता है।तथा हड्डियों के जोड़ी के दर्द की समस्या पैदा होने लगती है। तथा हड्डियों का कमजोर होना सुरु हो जाता है।

हार्ट अटैक

जब हम पूरी नीद लेते है। तो हमारे शरीर से सारे विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते है जिससे हमारे शरीर की अंदरूनी मरमत होती है।और सफाई भी होती है।वही अगर नीद पूरा न होने से विषाक्त पदार्थ बाहर न निकले तो हमारे शरीर को काफी तकलीफ होती है।जिसके कारण ब्लैड प्रेसर की आशंका बाद जाति है।जिसके कारण हार्ट अटैक आने का खतरा बढ  जाता है।

मानसिक स्तिथि पर असर

नीद पूरी ना होने से इसका असर हमारी मानसिक स्तिथि पर पड़ता है। जितनी देर हम अधिक सोते है उतनी देर में हमारा दिमाग एक नई शक्ति ,ऊर्जा  एकत्रित कर लेता है। जिससे हमारादिमाग तारो ताजा हो जाता है। वहीं अगर नींद नहीं पूरी हो जाती है तो दिमागतेरा ताजा नहीं हो पाता है । जिसके कारण हमें कई मानसिक रोग पकड़ सकते है। कई बार याददाश् से जुड़ी समस्या होना संभव  होता है।

कैंसर 


 शोधकर्ता ने बताया है कि काम नीद लेने की वजह से ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना रहती है। साथ ही शरीर विभिन्न कोशिकाओं को भी खतरा रहता है।

दोस्तों जीवन में हर किसी व्यक्ति के जीवन में तनाव। रहता है। इसका मतलब यह नहीं की। हम अपनी बहुमत शरीर को ही  नुकसान पहुंचा दे। दोस्तों हमारा शरीर रहेगा तभी तो हमें शेयरके माध्यम से हर एक काम को कर सकते हैं चाहे वह काम हो या ना हो। परंतु हम वह काम तो इस शरीर के  माध्यम से ही करेंगे ना। अगर शरीर ही नहीं रहेगा तो हम काम कैसे करेंगे। इसलिए दोस्तों सबसे पहले हमने अपने शरीर परध्यान देना चाहिए।पुराने समय ने यानी आज के बीस साल पहले की बात करे तो इस एस दुनिया का विकास नहीं हुआ था।किंतु जैसे जैसे विकास हुआ वैसे वैसे हमारे ऊपर जिम्मेदारी भी बड़ते गई।तरह तरह के संसाधन आया तरह तरह के मसीने आती जिससे हमारे समाज में औधयोगिक उन्नति हुई।परंतु हमे कई पारकर से नुकसान भी हुआ ।पेट्रोल और डीजल वाली गाड़ी आने के कारण  पर्यावरण । दूषित हो गया जिसके कारण इंसानों के जीवन पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है। साथ ही जीवजंतुओं के जीवन पर भी बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है। 

इसलिए हमेशा स्वस्थ रहो मस्त रहो।

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दूध वाली चाय पीने के फायदे और नुकसान







 दूध विटामिन ,प्रोटीन और कैल्शियम का बहुत अच्छा श्रोत माना जाता है।इसलिए डाक्टर भी हमे प्रतिदिन दूध पीने

 की सलाह देते है। वैसे तो कर लोग दूध को सीधे तौर पर पी जाते है।इसके अलावा कई लोग दूध के कई पारकर के व्यंजन के रूप में भी लेते है।लेकिन बहोत सारे लोग ऐसे भी है जो चाय के शौकीन है।अधिक लोगो को सुबह तो चाय के साथ ही होती है।जिसके कारण उन्हें उचित मात्रा में एनर्जी मिलती है।जिससे ताजगी का एहसास होता है। इसलिए हम काममात्रा में दूधवाली चायका इस्तेमाल कर सकते हैं। कम मात्रा में दूधवाली चाय का इस्तेमाल करने से। हमारे शरीर को अधिक नुकसान भी नहीं होता है। बहुत लोग सो रहे हैं कि चाय पीने से तो नुकसान होता है। तो हम दूध वाली चाय क्यों पिए। लेकिनदूध में इलायची काली मिर्च। लवंग। अदरक होतीहै । जिससे मैं अनेकों प्रकार का लाभ होता है। 

हम आपको बताते हैं । कमर में दूधवाली चाय पीने के कतने फायदे हैं।

अगर कम मात्रामें दूध वाली चायको पिया हमें अनेकों प्रकार से लाभ होता है। जैसे हमारी इम्यूनिटी मजबूत होती है। बहुत लोगों को ब्लैक टी पसंद नहीं होती है। तो आपको कम मात्रा में दूध वाली चाय पी सकते हैं। अपने शरीरकी इम्युनिटी बढ़ानेके लिए दूध वाली चय में अदरक ,इलायची, काली मिर्च, लवंग, तुलसीका पत्ता, आदि डाल सकते हैं। इसके कारण दूध वाली चाय के पोशक तत्वों  की बढ़ोतरी होती है। इस चाय में एंटीबैक्टीरियल गुण भी मौजूद  होते हैं। जो हमारी पाचन तंत्र केलिए काफी फायदेमंद होता है। लेकिन ध्यान रहे दूधवाली चाहे तभीफायदेमंद रहेगी। जब हम इसका सही मात्रा में उपयोगकरें यानी को मात्रा में पीए ।

ऊर्जा पदान करें

1जिससे आपके शरीर को कार्य करने की संभव ऊर्जा मिलती है। तथा दूध में  कार्बोहाइड्रेट होता है। जिसके कारण शरीर में काफी ज्यादा ऊर्जा मलती है। इसके अतिरिक्त दूध वाली चाय में। प्रोटीन कैल्शियम विटामिन डी होता है। इसलिए हम दिन भर एनर्जी से भरे हुए महसूस करते है। इसलिए आप कम  मंत्रा में दूध वाली चाय पी सकते हैं।

तनाव कम होता है।

दूध वाली चाय में कैफिन होता है। जो शरीर को तारो ताजा रखता है।और स्ट्रेस दूर होता है। सिरदर्द या तनाव सा होनेपर आप चाय पीने के बाद थोड़ा सा आराम सा महसूस होता है।जिसके कारण आप दूध वाली चाय कम मात्रा में पी सकते है।

वजन घटाने के लिए।

दूध वाली चाय वजन घटाने के लिए काफी फायदेमंद हो सकती है।दूध वाली चाय में पालीफेनोल और कैफीन होता है।जिसके कारण वजन घटाने में काफी सहायता मिलती है।दूध वाली चाय पीने के बाद भूख नहीं लगती है।जिसके कारण हमारा वजन घटाने में सहायता मिलती है।लेकिन आप अगर अधिक मात्रा मात्रा में दूध वाली चाय पीते है तो आपका वजन भी बढ़ सकता है।क्युकी दूध में प्रोटीन और  कार्बोहाइड्रेट होता है।जिसके कारण वजन बढ़ सकता है।

दूध वाली चाय पीने के नुकसान

कम मात्रा में दूध वाली चाय के फायदे हो सकते है।लेकिन वही अधिक मात्रा में दूध वाली चाय का सेवन  किया जाए तो हमारे शरीर को अधिक मात्रा में नुकसान भी हो सकता है।अधिक मात्रा में चाय पीने से बोड़ी  डिहाइड्रेट भी हो सकती है।और पानी की कमी हो सकती है। दूध की चाय गैस और  एसिडिटी पैदा कर सकती है। अथवा कब्ज भी बन सकता है। दूध की चाय पीने से त्वचा पर पीलापन भी हो सकता है।अधिक चाय पीने से तनाव या चिंता का कारण बन सकता है।

दूध वाली चाय तो सेहत के लिए फायदेमंद होती है लेकिन इसका सेवन अधिक मात्रा में किया जाए तो इससे हमारे स्वस्थ को काफी नुकसान भी हो सकता है। इसलिए दूध वाली चाय का इस्तेमाल कम मात्रा में ही करना चाहिए।दूध की चाय में हमें लौंग ,अदरक ,इलायची, काली मिर्च,आदि सामग्री मिलाकर ही पीना चाहिए।जिससे हमे अधिक मात्रा में फायदा होता है।

खाना खाने के बाद चाय पीने के नुकसान

खाना खाने के तुरंत बाद आप अगर चाय का सेवन करते है तो आप कई पारकर की समस्यवाओ का सामना करना पड़ सकता है।अगर आप किसी पारकर की समस्याओं का सामना नहीं करना चाहते है तो आप खाना खाने के तीन चार घंटे बाद ही आप चाय पी सकते है।जिससे आपको किसी पारकर की हानि नहीं होगी। 

खाना खाने के बाद चाय पीने से बढ़ता है ब्लड प्रेसर 

कई जगहों पे वैसे कहे तो कंपनियों कारखानों में  दोपहर के लंच के बाद चाय आ जाती है।लोगो को चाय पीना ही पड़ता है। लेकिन ऐसा करना उन्हे बड़ी समस्या में डाल सकता है।आने वाले समय में उन्हें ब्लड प्रेसर की समस्या  का सामना करना पड़ सकता है। अगर आप पहले से ही  ब्लड प्रेसर और हाई डिप्रेसन से परेशान रहते है तो आप को खाना खाने के बाद चाय नहीं पीना चाहिए। खाना खाने के बाद चाय ना पिए इससे आपका ब्लड प्रेसर कंट्रोल में रहेगा।

दिल को करे बीमार

अगर आप चाय पीने के तुरंत बाद चाय पीते है तो आप को ये आदत अभी से छोड़नी होगी।क्योंकि ये आदत आप को गंभीर समस्या में डाल सकती है ।आपकी ये आदत आपके हृदय या दिल को बीमार कर सकती है। साथ ही कई अन्य नई बीमारिय भी पैदा हो सकती है। दिल की धड़कने बढ़ सकती है।अच्छा जीवन जीने के लिए हृदय का स्वस्थ रहना रहना बहुत ही जरूरी होता है। इसलिए दिल को बीमार होने से बचाएं।और खाना खाने के बाद चाय कभी भी न पिए। 

पाचन की समस्या

खाना खाने के बाद चाय पीने से पाचन की समस्या बढ़ सकती है।चाय के प  एसिडिक गुण होता है।जिससे हमारे पेट में । एसिडिक की मात्रा बढ़ जाती है। जिसके कारण खाना सही तरीके से पच नहीं पता है। जिससे पेट की समस्या पैदा होती है।इसलिए अभी से ही चाय पीना बंद कर दे।

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अर्जुन के पेड़ के लाभकारी फायदे

 शरीर में इन पांच बीमारियो को खत्म करती है अर्जुन की छाल





अर्जुन के पेड़ को औषधि गुडो का भंडार माना जाता है।अर्जुन के पेड़ के पत्ते फल और यह तक की छाल का भी उपयोग हमारे शरीर में  छिपी कई बीमारी के लिए किया जाता है। आईए हम आपको इसके बारे में जानकारी परदान करते है ।

अर्जुन का पेड़ एक बहुत ही औषधि गुणों से भरपूर माना जाता है।अर्जुन की पेड़ की छाल का उपयोग आयुर्वेद में अलग अलग स्वस्थ में किया जाता है।अर्जुन की छाल का उपयोग हृदय वाले रोगों में अधिक लाभकारी होता है।अर्जुन की छाल कई लाभकारी तत्वों से भरी होती है। जिसका नाम इस प्रकार है। गैलिक एसिड ,एलेजिक एसिड,तैनिक एसिड, जैसे इसमें औषधि गुण पाए जाते है। अर्जुन की छाल का उपयोग मुख्य रूप से हृदय के रोग को सुधारने के लिए किया जाता है।विभिन्न तौर पर अलग अलग बीमारियो में किया जाता है । किंतु अगर हम अर्जुन की छाल का उपयोग अधिक मात्रा में किया जाए तो हमे हमारे शरीर में कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

* अर्जुन की छाल का अधिक उपयोग करने से आनेवाली समस्याएं

1. पाचन समस्याएं 

बड़े बुजुर्ग सही कहते हैं कि। किसी भी चीज को हद से पार नहीं करना चहिए। इस प्रकार अर्जुन की छाल का उपयोग करने से पेटमें गैस। पेट मैं अपच । पेटमें दर्द जैसी समस्याएं आ सकती है। अर्जुन । की छाल से हमारे पेट में । भारीपन एवं असुविधा की समस्या उत्पन्नहो सकती है। जिसके कारण स्वास्थ्य कोई नुकसान भी हो सकता है। इसलिए अर्जुन की छाल का उपयोग। अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए। 

रक्तचाप में असंतुलन 

अर्जुन की छाल रक्तचाप कीसंतुलित करने में सहायक होती है। लेकिन अर्जुन की छाल का अधिक उपयोग करने से रक्तचापमें संतुलन बिगड़ सकता है। यानी रक्तचापको काम करता है जिससे आपको प्रतिदिन के कामों में असुविधा उत्पन्न होती है और आपके स्वास्थ्य को नुकसान भी हो सकता है 

रक्त पतला करने वाला प्रभाव 

अर्जुन की छाल का उपयोग हम अपने दैनिकजीवन के स्वास्थ्य को। अच्छा रखने के लिए करते हैं। लेकिन अधिक उपयोग करने से हमारे स्वास्थ्य को बिगाड़ सकता है । बल्कि यह खून को पतला भी कर सकता है। इसलिए अर्जुन की छाल को कम से कम मात्रा में लेना चाहिए। ब्लड प्रेशर की दवाइयां जो पहले से ही खा रहे हैं उन्हें अर्जुन की छाल का। कम से कमसेवन करना चाहिए ।

अस्थमा और श्वसन की समस्या है 

कुछ लोगोंको मालूम नहीं अस्थमा जैसी बीमारियों में अर्जुन की छाल का अधिक उपयोग करनेसे अस्थमा की समस्याको बढ़ा सकता है। सांस लेनेमें समस्या खांसी और सीन में अकड़न आ सकती है। इसलिए कोशिश करना चाहिए कि। अस्थमा जैसी बड़ी बीमारियों में अर्जुन की छाल का उपयोग नहीं करना चाहिए।

त्वचा पर एलर्जी 

जिन लोगोंको त्वचा एलर्जी होती है। क्या जिन लोगोंको बहुत जल्द किसी कारण सेत्वचा एलर्जी हो जाती है। उन लोगोंको अर्जुन की छाल का सेवन भी त्वचा की एलर्जी का कारण बन सकता है। अर्जुन की छाल कासे होने वाली एलर्जी। खुजली सूजन ललिमा। इसलिए पहले आपको जानकारी होनी चाहिए कि। आप पर अर्जुनकी छाल असर किस प्रकार होता है। जब आपके अर्जुन की छाल का कोई भी बुरा असर नहीं पड़े तभी आपको अर्जुन का उपयोग करना चाहिए। 

सावधानियां 

*किसी भी हर्बल और औसधी उपयोगकरने से पहले डॉक्टर की सलाह अवस्य ले।

*कम मात्रा में अर्जुन कीचल का उपयोग।

*अगर किसीभी प्रकार का दुष्प्रभाव दिखाई दे तो। अर्जुन की छालका उपयोग तुरंत ही बंद कर दे। और डॉक्टर की सलाह ले

*इन सब सावधानियां का ध्यान रखें। तभी अर्जुन की छाल का सेवन करें।

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सोमवार, 22 जुलाई 2024

मेथी के चमत्कारी लाभ जानकर हो जायेंगे हैरान

                                         मेथी के चमत्कारी  लाभ




 


भारत के रसोई में अनेक सारि चिजे ना खाली हमारे स्वाद को लाभ पहुंचाती है ।बल्कि हमे अनेक पारकर से भी लाभ पहुंचाती है।

ऐसी ही एक सामग्री का नाम है।मैथी मैथी को तो आप लोग बहुत अच्छी तरह पहचानते ही होंगे।मैथी का उपयोग हर सब्जी को बनाने में तड़के के रूप में किया जाता है।बहुत सारे लोग जिनको मेथी के बारे में अच्छी जानकारी है ऐसे लोग तो मेथी का काढ़ा बनाकर पीते है।लेकिन आप को बता से की अंकुरित मेथी का सेवन करने से अधिक लाभ होता है।अंकुरित मेथी का उपयोग हम अपने स्वस्थ में अनेक पारकर से कर सकते है।अंकुरित मेथी का उपयोग करने से  डायबिटीज और  अर्थराइटिस जैसी समस्या को दूर करने के लिए हमेंमेथी का सेवन करना चाहिए। 

मेथी के सेवन कैसे करे

1. हार्मोन संतुलन। अंकुरित मेथी का सेवन करने से स्त्री और पुरुषों में दोनों में हार्मोन स्तर को बराबर रखता  है।अंकुरित मेथी हारमोंस संबंधी समस्या  में राहत देती है।और यह प्रजनन संबंधी स्वास्थ में बेहतर लाभ पहुंचाती है।

2. ब्लड शुगर करे कंट्रोल

यह संतुलित संवेदनशीलता में सुधार करने में सहायक होता है जो आपको डायबिटीज के खतरो से दूर  रखता है। शरीर में ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में अंकुरी मेथी  को खाने से शुगर कंट्रोल में रहता है 

3. पाचन स्वास्थ को बढ़ाए 

मेथी का उपयोग हमारे घरों में पुराने समय से पाचन संबंधी कब्ज गैस अपचन जैसी समस्या के लिए हमारे घरों में अधिक समय से मेथी का उपयोग किया जाता है। पेट में बनने वाली सूजन में काफी हद तक  कम करने में सहायक होती है।

4.हार्ट की समस्या से  छुटकारा पाने के लिए 

अगर आपको मालूम नही है तो आपको बता दे हार्ट की समस्या तभी आती है जब हमारे शरीर में  कोलेस्ट्रॉल के स्तर में वृद्धि होती है। लेकिन नियमित रूप से मेथी का सेवन कैने से हार्ट की समस्या कम हो जाती है।

5.वजन कम करने के लिए

जब हम अपने वजन को लेकर काफी परेशान रहते है तो बाजार से अनेक दवाइयों का इस्तेमाल करते है।लेकिन हमारे घर में रखी हुए औषधि का उपयोग हम लोग नही करते है।मेथी में मौजूद फाइबर आपके पेट को लंबे समय तक भरा हुआ रखता है । जिससे आपको लगता है की अभी कुछ खाने की आवश्यकता नहीं है। जिससे हम अधिक सेवन पदार्थ का सेवन नहीं करते है । जिसके कारण हमे केलोरी नही मिलती है।जिससे हमारे वजन में काफी गिरावट आती है। 

    किस तरह तैयार करे अंकुरित मैथी 

सबसे पहले तो मेथी को रातभर के लिए भिगोकर रख दे।इसके बाद सुबह में मेथी के पानी को फेककर मेथी को एक सूती कपड़े में लपेटर रख दे ।दो से तीन दिन के बाद मेथी अंकुरित हो जायेगी । इस मेथी का उपयोग आप सलाद के रूप में करे तो काफी ज्यादा फायदे मंद होगा। 


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बुधवार, 17 जुलाई 2024

क्या खाने से हमारे खून की कमी दूर हो सकती है

                    


हीमोग्लोबिन बढ़ाने का सबसे अच्छा उपाय





हीमोग्लोबिन जो आयरन से भरपूर होता है। जो लाल रक्त की कोशिकाओं में पाया जाता है। यह हमारे रक्त कोलाल कर देता है। मूलरूप से हीमोग्लोबिन बहुत जरूरी प्रोटीनहै। जो सेहतमंद जीवन के लिए बहुत जरूरीहोता है। यह शरीर के हर भाग में ऑक्सीजन पहुंचाने का कामकरता है। साथ साथ कोशिकाओं में कार्बन डाइऑक्साइड हटाने और निष्कासन के लिए फेफड़ों तक उसे ले जाने का काम करता है। 

हीमोग्लोबिन कम हो जाने परक्या होता है 





कंपलीट ब्लड काउंट टेस्ट करवाए । और हमें पता लगाना चाहिए कि। हमें एनीमिया है क नहीं। हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन कम हो जाने से शरीर में सही मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है। जिसके कारण कई समस्या आ सकती है। जैसे कि सर दर्द चिड़चिड़ापन थकान सांस फूलना दिल कादिल धड़काना त्वचा का पीला पड़ना आदि खून में हिमोग्लोबिन की कमी को एनिमिया कहते है। वयस्क पुरुषों मेंहीमोग्लोबिन । का स्तर 14 से 189 DL होना चाहिए। वही महिलावो में12से 169DLहोना  चाहिए। इससे कम स्तर होने पर व्यक्ति को एनीमिया हो सकता है।

हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए बहतर भोजन

चुकंदर प्राकृतिक आयरन कॉपर, फास्फोरस , विटामिन बी 12,बी 6, बी 1 बी 2 , से भरपूर होता है। आप चुकंदर को सलाद के रूप में खा सकते हैं। चकुंदर को खाने से इसमें आपके  हीमोग्लोबिन बढ़ाने लाल नई रक्त कोशिका को बढ़ाने में मदद करता है

सहजन की पत्तियां 

सहजन की पत्तियों में कॉपर आयरन जिंक मैग्नीशियम  जैसे मिनरल और विटामिन ,बी, ए, सी, से भरपूर होता है। सहजन की पत्ती का पेस्ट बनाकर। 1 टेबल स्पून पिसा हुआ गुड मिला ले इसका खाली पेट सेवन करने से हीमोग्लोबिन का स्तर और लाल रक्त की कोशिकाओंका संख्या  बढ़ जाता है। 

हरी पत्तेदार सब्जियां 

पालक सरसों जैसी हरी पत्तेदार सब्जियों में भरपूर मात्रा में आयरन होता है। पालक खाने की साल इसलिए दी जाती है। की पलक की पत्तियों में लैंगिक एसिड होता है । हरी सब्जियां विटामिन बी 12  फोलिक एसिड। और अन्य जरूरी पोषक तत्वों से भरीहोती है। अगर आपको अपनाहीमोग्लोबिन बढ़ाना है ।तो  हरी पत्तेदार सब्जियों का इस्तेमाल रोजाना करना चाहिए।

हर  पत्तियों  वाली सब्जियां खाने से हमें अनेकों प्रकार केलाभ होते हैं। इसमें ब्रोकली आयरन  बी कंपलेक्स,  विटामिन ए मैग्नीशियम से हरी सब्जियां भरपूर होती हैं। हरी सब्जियों में कम कैलोरी होती है। हरी सब्जियां वजन घटाने और पाचनदुरुस्त करने में हमारी मदद करती हैं। इसमें डाइटरी फाइबर का अच्छा स्रोत होता है।

तिल के बीज

काले तिल के बीज खाने से आयरन अच्छी मात्रा मिलते हैं। कैल्शियम, कापर, जिंक सेलेनियम,। और विटामिन b6। विटामिन ई, और फोलेट से भरपूर  होता है ।काले तिल को तार में भिगोकर सुबह खाली पेट खा और पी सकते है ।  काले तिल को  भूनकर  गुड के साथ  लडडू बनाकर  हैं खा सकते है।जिससे हमे बहुत स्तर के फायदे होते है।

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गुरुवार, 11 जुलाई 2024

ब्लेक टी के फायदे,black tea ke phayde





 दोस्तों ब्लैक टी ऐसीचीज है जिसे शायद हीकोई पसंद ना करता हो । तो दोस्तों मैं आपको बता दूं कि। आप दूध वाली चायना पिए। क्योंकि सेहत के मामले में काली चाय दूधवाली चाय के मामले में अच्छी होती है। तो दोस्तों लिए जानते हैं की काली चाय पीने केकितने लाभ है। 

वजन घटानेमें शाह सहायता प्रदान करता है । ब्लैक टी पीनेसे मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है । इससे वजन कमहोने में मदद मिलती हैं। इसमें पाएजाने वाले फ्लेवोनॉयड् वेट कंट्रोल करनेमें सहायक होता है 

दांतों के लिएफायद

ब्लैक टी में मौजूद पॉलिफिनॉल्स। कैविटी काम करती है। दांतों में बैक्टीरिया बढ़ने से रुकती है। जिसके कारण दांत स्वस्थ रहते हैं। 

पाचन को स्वस्थ रखता है 

ब्लैक टी को पीनेसे गुडबैक्टीरिया को बढ़ावा मिलता है। जो हमारीआंतों के लिए फायदेमंद है। ब्लैक टी में एंटीबैक्टीरियल अच्छा होते हैं। जो आंतो के खराब बैक्टीरिया को मारते हैं इसके कारण हमारी आते शस्वस्थ रहती है । और पाचन तंत्र सही रहता है। 

बेड कोलस्ट्रॉल को काम करता है 

एक रिसर्च के मुताबिक ब्लैक टी। हृदयरोग यह मोटापेवाले व्यक्ति के कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में सहायताहोती है। शरीर में बेड  कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक होने से शरीर में रोग उत्पन्न हो सकता है। इसलिए समय रहते कोलेस्ट्रॉलको कम करके। आप कई बीमारियोंसे बच सकते हैं। इसमेंब्लै टी बहुत लाभकारीहोती है 

ब्लैक टी हार्ट के लिए फायदेमंदहोती है 

ब्लैक टी में फवोनॉयड्स नामक एंटीऑक्सीडेंट होती है। जो दिल के लिए लाभकारी होतीहै अगर ब्लैकटी का सेवन नियमितरूप से किया जाएतो हाई ब्लड प्रेशर। कुछ कोलेस्ट्रॉल हृदय रोग मोटापा से बच सकते हैं। 

कैंसर के जोखिम को कम करने में सहायक होतीहै। एक शोध के अनुसार काली चाय मेंपाए जाने वाला लिफेनोलस । ट्यूमर केविकास को रोकती है। विशेषरूप से फेफड़े । स्तन त्वचा और। प्रोटेस्टकैंसर को काम करके। हमेंकैंसर से बचता है।

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