😃खीरा के लाभकारी फायदे 😃
खीरा : स्वास्थ्य लाभ, खेती और देखभाल
भूमिका
खीरा एक लोकप्रिय सब्जी और सलाद का अभिन्न हिस्सा है। यह न केवल स्वादिष्ट और ताज़गी देने वाला होता है , बल्कि इसमें कई औषधीय गुण भी पाए जाते हैं। खीरा में उच्च मात्रा में पानी, फाइबर और विटामिन होते हैं, जो पाचन तंत्र को मजबूत करने के साथ-साथ शरीर को हाइड्रेटेड रखते है इसके अलावा, खीरा त्वचा के लिए भी बहुत फायदेमंद होताहै ।
* खीरा खाने के स्वास्थ्य लाभ
* पाचन में सहायक: खीरामे मौजूद फाइबर पाचन को दुरुस्त रखता है और कब्ज की समस्या को दूर करता है
* शरीर को हाइड्रेट रखता है : इसमें 95% पानी होता है, जो शरीर में पानी की कमी को पूरा करताहै
* डायबिटीज के लिए फायदेमंद: खीरा का ग्लाइसेमिक इंडेक्स काम होता है, जिससे यह डायबिटीज रोगियोंके लिए लाभकारी है
* तवच के लिए लाभकारी: खीराका उपयोग त्वचा पर लगाने से नमी बनी रहती है और झुर्रियां काम होती है ।
* गर्मी से बचाव: खीरा शरीरकी गर्मी को काम करता है और जलन, पीलिया, तथा अन्य गर्मी संबंधित रोगों मे राहत देता है
* किडनी हेल्थ: यह मूत्रवर्धक (diuretic) होता है , जिससे पेसाब की जलन में राहत मिलती है
* जोड़ों के दर्द में राहत: खीरा मे मौजूद सिलिकातत्व जोड़ों के दर्दमे राहत देता है
* खीरा की प्रमुख किसमे
* फैजाबादी
* जापानीज लाग
* ग्रीन पाइंसेट
* पुना खीरा
* कल्याणपुर खीरा
* खीरा की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी
खीरा की खेती के लिए हल्की अम्लीय (pH 6 से 7) और जल निकास वाली मिट्टी उपयुक्त होती है। मिट्टी में नमी और पोषक तत्वों की उचित मात्र होनी चाहिए। पानी का सही निकास न होने से जड़ों मे सड़न हो सकती है
खीरा की खेती का सही समय
* गर्मियों की फसल: फरवरी - मार्च
* बरसात की फसल: जून-जुलाई
* बीज बोने की विधी
* 1 हेक्टेयर भूमि के लिएलगभग 2 किलो बीज पर्याप्त होते है
बीजों को 2 इंच गहराई में 1 मीटर की दूरी पर सीधी रेखा में बोया जाता है
उचित दूरी बनाए रखने से पौधे अच्छी तरह फैलते है और उनकी पैदावार अधिक होती है।
* खाद और उर्वरक
प्राकृतिक खाद जैविक खेती के लिए गोबर की सड़ी हुई खाद सर्वोत्तम होती है
रसायनिक खाद से बचें: केमिकल युक्त खाद मिट्टी की गुणवत्ता को खराब कर सकते है और केचुओं को नुकसान पहुंचाते है जिससे मिट्टी की उर्वरता घटती है
* खीरे के पौधों पर लगने वाले कीट और उनके उपाय
* लाल कीड़े: ये कीड़े पत्तियों को खाते हैं, जिसके पौधे कमजोरहो जाते है
* घरेलू उपाय: सुबह के समय पौधों पर लकड़ी की राख का छिड़काव करे इससे कीड़े पत्तों को नुकसान नहीं पहुंचा पाते है
*एफिड्स और थ्रिप्स: ये पौधों का रस चूसकर उन्हे कमजोर कर देते है
* प्राकृतिक उपचार : नीम का तेल या लहसुन-धनिया का मिश्रण छिड़कने से इन कीटों से बचाव किया जा सकता है
खीरा को सलाद के रूप में अधिक प्रयोग किया जाता है ।खीरा को सलाद के रूप में लेने से पेट में भोजन पूरी तरह से पच जाता है।खीरा का उपयोग से हमे अनेको पारकर के लाभ मिलते है जैसे पेट में गैस न होना ,खीरा में अनेक प्रकार के विटामिन पाया जाता है। खीरा में अधिक मात्रा में फाइबर पाया जाता है। खीरा कब्ज दूर करता है पीलिया ,ज्वार,शरीर में जलन,गर्मी के सारे दोष,चर्म रोग में लाभकारी होता है।पेसब के जलन में लाभकारी होता है।मधुमेह में लाभकारी होता है।घुटनों के दर्द को दूर करने के लिए भोजने में खीरा का अधिक मात्रा में प्रयोग करे।
खीरा की अनेक प्रकार की परजतिया पे जाती है ।उनके नाम इस प्रकार है ।
1.फैजाबादी
2.जापानीज लाग
3.गरीन पाइंसेट
4.खीरा पूना
5. कल्याणपुर
* खीरा को पैदावार के लिए उपयुक्त मिटटी/भूमि।
इसकी खेती हल्की अम्लीय मिट्टी में की जाती है जिसका पी एच 6 से 7 पीएच होता है। खीरा की खेती हर प्रकार की मिट्टी के की जाती है खीरा की खेती में ध्यान देना की बात यह होती है की जहा इनकी जिस खेत में खीरा की खेती हो उस खेत में पानी का निकास होना जरूरी होता ।
खीरा के पेड़ को अधिक ठंड सहन नही होता है जिससे ठंडी में पला का असर होने से खीरा का पेड़ सुख जाते है
इसलिए इन्हे अदिकतर गर्मियों के मौसम में इनकी खेती बहुत अधिक तेजी से की जाती है जिससे किसान भाइयों को अधिक लाभ होता है।
*खीरा के पैदावार का एक निश्चित समय होता है
गर्मियों के लिए ..फरवरी और मार्च
बारिश के लिए... जून जुलाई
बीज की सही आकलन= 2 किलो बीज में 1हेक्टेयर के लिए सही है इसमें खीरा के बीजो को खेत में एक सीधी रेखा में मिट्टी में 2 इंच गहराई में 1 मीटर में सीधी रेखा में बोया जाता है। इनमे पर्याप्त दूरी होने से खीरा के पेड़ो में फैलाव ज्यादा होता है जिससे खीरा के पेड़ो का विकास अधिक होता है जिससे पैदावार में वृद्धि होती है।
* खीरा के खेतो में पड़ने वाले खाद
वैसे तो अनेक पारकर केमिकल वाले खाद के खाद आते आते है ।मगर किसानों को अपने खेतो में केमिकल वाला खाद न डालकर गौ माता की गोबर की खाद डालनी चाहिए । गोबर की खाद बहत ही अच्छी होती है ।केमिकल वाली खाद जो हमारे खेतो को बहुत ही बुरा असर डालती है ।केमिकल वाली खाद से सबसे ज्यादा असर हमारे खेतो में जो केचुए होते है। उनको यह पूरी तरह खत्म कर देते है ।केचुए के न रहने से मिट्टी नर्म नही हो पति है। जिससे खीरा के पेड़ो की जड़े मिट्टी में अधिक अंदर तक नहीं जा पति है जिससे खीरा के पेड़ो का विकास नहीं हो पाता है ।इसलिए किसानों को केमिकल वाला खाद न डालकर गोबर की साड़ी हुई खाद डालना चाहिए।
* खीरा के पेड़ो पर लगने वाले कीड़
खीरा के पेड़ो पर लगने वाले कीड़े अक्सर लाल कलर के कीड़े होते है जो गर्मियों के मौसम वाले कीड़े है यह कीड़े अधिकतर खीरा के पत्ते खाते है इन कीड़ो के पत्ते खाने से खीरा के पेड़ धीरे धीरे समाप्त हो जाते है इन कीडो को भागने के लिए हमे घरेलू उपायों का उपयोग करना चाहिए। इन कीड़ो को भागने के लिए किसी भी चीज की राख को लेकर उसे सुबह सुबह खीरा के पत्तो पर छिड़काव करना चाहिए ।छिड़काव करने से कीड़े पत्तियों को नही खा पाते है जिससे कीरा के पेड़ सुरक्षित बचे रहते है।
निसकर्ष
खीरा एक बहुपयोगी सब्जी है । जिसे स्वास्थ्य लाभ और खेती दोनों दृष्टिकोणों से बेहद लाभकारी माना जाता है। उचितदेखभाल जैविक खादोंका उपयोग, और प्राकृतिक कीटनाशक उपाय उपनकर किसान उच्च गुणवत्ता वाली पैदावार प्राप्त कर सकते है
यह लेख न केवल किसानोंके लिए बल्कि स्वास्थ और पोषण मे रुचि रखने वाले सभी लोगों के लिए उपयोगी है
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