बुधवार, 31 जुलाई 2024
मंगलवार, 30 जुलाई 2024
नीम के हजारों के फायदे । Neem ke patte ke fayde।नीम के 10 फायदे। नीम के पत्ते के नुकसान
नीम के अचूक फायदे: सेहत के लिए अमृत
नीम का पेड़ आयुर्वेद मे एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसे 'कल्प वृक्ष' कहा जाता है क्योंकि इसके पत्ते, छाल, बीज, तेल और फूल कई बीमारियों के उपचार में उपयोगी होते हैं। यह ना केवल हमारी त्वचा और बालों के लिए लाभदायक है । बल्कि आंतरिक बीमारियों को ठीक करने में भी सहायक होता है। इस ब्लॉग में हम जानेंगे की नीम का उपयोग किन -किन बीमारियों मे किया जाता है और इसे किस प्रकार उपयोग मे लाया जा सकता है।
नीम के औषधीय गुण
नीम में एंटी-बैक्टीरियल , एंटी-फंगल और एंटी- वायरल गुण होते हैं, जो इसे एक प्रभावी प्राकृतिक औसधी बनाते हैं। इसके सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्क्षमता बढ़ती है और यह खून को शुद्ध करने में मदद करता है।
1 . त्वचा रोगों मे नीम का उपयोग
नीम के पत्तों और उसका तेल त्वचा संबंदही कई समस्याओं मे उपयोगी होता है।
कैसे करे उपयोग
. मूहासों के लिए: नीम के पत्तों को पीसकर चेहरे पर लगाएं और 15 मिनट बाद धो लें।
. खू जली और चर्म रोग के लिए: नीम के पत्तों को पानी मे उबालकर उस पानी से नहाने से त्वचा संबंदी रोग दूर होते हैं।
. घाव भरने के लिए: नीम का तेल लगाने से घाव जल्दी भरते हैं और संक्रमण नहीं फैलता।
2 . बालों की समस्या मे नीम के फायदे
नीम का उपयोग बालों को मजबूत बनाने और डैंड्रफ को दूर करने के लिए किया जाता है।
कैसे करें उपयोग?
. डैंड्रफ से छुटकारा: नीम के पत्तों को पानी मे उबालकर उस पानी से सिर धोने से डैंड्रफ दूर होता है।
. बालों का झड़ना रोकने के लिए: नीम के तेल की मालिश करने से बालों की जड़ें मजबूत होती हैं।
. बालों को काला करने के लिए: नीम के बीजों का तेल नाक में डालने से असमय सफेद हुए बाल काले हो सकते हैं।
3 . आंखों के लिए नीम के फायदे
नीम आंखों की समस्याओं मेमे भी फायदेमंद होता है ।
कैसे करें उपयोग?
. आखों की जलन और लालिमा के लिए: नीम की राख को नींबू के रस मे मिलाकर काजल की तरह लगाने से आंखों की खुजली और जलन मे आराम मिलता है।
. आखों की रोशनी बढ़ाने के लिए: नीम के फूलों को छाया मे सुखाकर उसमें कलमई शोरा मिलाकर पीस लें और इसे काजल की तरह आंखों में लगाएं।
4 . पेट की समस्याओं मे नीम का उपयोग
नीम पेट के रोगों मे भी कारगर माना जाता है।
कैसे करें उपयोग?
. पेट के कीड़े खत्म करने के लिए; रोजाना 5 मिली नीम का रस पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
असीडीटी और अपच में; नीम की छाल, सोंठ, और धनिया को उबालकर काढ़ा बनाकर पीने से पेट की समस्याएं दूर होती हैं।
. पेट दर्द में: नीम की छाल को पानी मे उबालकर उसका सेवन करने से पेट दर्द मे राहत मिलती है।
5 . दांतों और मसूड़ों के लिए नीम
नीम का उपयोग पुराने समय से दातुन के रूप में किया जाता रहा है। यह दांतों और मसूड़ों को स्वस्थ रखता है
कैसे से करें उपयोग?
दांतों की सफाई के लिए: रोजाना नीम की दातुन करने से दांतों में कैविटी नहीं होती और मसूड़ों मजबूत होते है।
मसूड़ों की सूजन में: नीम की छाल को पानी में उबालकर कुल्ला से मसूड़ों की सूजन काम होती है।
6 . नाक से खून बहने (नकसीर) मे नीम का उपयोग
कैसे करें उपयोग?
नकसीर रोकने के लिए: अजवायन और नीम के पत्तों पीसकर कनपटी पर लगाने से नाक से खून आना बंद हो जाता है ।
7 . कान के रोगों मे नीम का उपयोग
नीम कान बहने की समस्या की दूर करने मे सहायक होता है ।
कैसे करें उपयोग?
कान बहने से रोकने के लिए: 40 मिली तील का तेल और 40 मिली नीम के पत्तों के रस को गर्म कर लें और ठंडा होने पर 3-4 बूंद कान मे डालेंम
इंफेकशिन के लिए; नीम का तेल लगाने से कान के संक्रमण मे राहत मिलती है
आखों में खुजली होती है।आखों की पलके मोटी हो जाती है। तथा बरूनी झड़ जाति है। तथा आखों के पलको के नीचे लाल हो जाती है।इस बीमारी में नीम के पत्तो के रस को गाढ़ा कर ले।इसे ठंडा करके काजल के रूप में लगाने से इस रोग में फायदा होता है।
दस ग्राम रूई में बीस नीम के पत्ते को रूई को फैलाकर नीम के पत्ते को उसके ऊपर रख ले इसके बाद नीम के पत्ते के ऊपर कपूर को छिड़कर रूई को लपेटकर इसे एक बत्ती बना ले ।इस बत्ती को गाय के घी में डुबोकर इस बत्ती को जलाकर इसका काजल बना ले। अब इस तैयार काजल को रात में सोते समय लगाकर सो जाए ।इस आखों से पानी गिरना ।आखों की लाली में फायदा करता है । तथा यह उपाय अनेक पारकर के रोगों में लाभ पहुंचता है।
आखों में मोतियाबिंद,धुधलापन, तथा आखों की ज्योति बढ़ाने के लिए नीम के फूल को किसी छाया में सुखाकर बराबर भाग कलमी शोरा मिलाकर महीन पीसकर सूती कपड़े से छान ले। तथा इसको आखों में काजल की तरह लगाए।
नकसीर (नाक में खून बहना ) ने फायदेमंद है नीम का उपयोग
अजवायन और नीम की पत्तियों को बराबर भाग में पीस ले । इसे कान की कनपटी पर लेप करने से नाक में से खून का बहना बंद हो जाता है।
कान को बहने से रुके नीम के उपयोग से
40 मिली तिल के तेल 40 मिली नीम के पत्ते का रस को पकाए ।थोड़ा सा तेल बच जाए तो पकना बंद कर दे । तथा उस तेल को तीन चार बंद कान में डाले ऐसा करने से कान का बहना बंद हो जाता है ।
2.50ग्राम मोम 40 मिली नीम का तेल को आग पर गर्म करे।मोम गल जाने पर थोड़ा से फिटकारी को डालकर उसे भी थोड़ा सा गर्म कर ले अब इन्हे अच्छी तरह मिलाकर कांच की शीशी में बंद कर ले ।इस तेल को 3_4 बूंद दिन में दो बार डालने पर कान का बहना बंद हो जाता है।
नीम का इस्तेमाल दातों में लाभदायक होता है।
बहुत पुराने समय से ही लोग नीम के दातुन का इस्तेमाल लोग करते आ रहे है । तथा इससे दातो को किसी भी पारकर का रोग नही होता है ।
100 ग्राम नीम की जड़ को कूटकर आधा लीटर पानी में उबाल लें। जब पानी एक चौथाई बच जाए तो उबालना बंद कर दे। इस पानी का कुल्ला करने से दातो के अनेक रोग दूर होते है ।
नीम का सेवन करने से पेट के कीड़ों से राहत मिलती है।
5 मिली नीम के पत्तो का रस पीने से पेट के कीड़े खत्म हो जाते है। अथवा 5 नीम के पत्ते खाने से पेट के कीड़े मर जाते है।
किसी भी सब्जी में 5 नीम के पत्ते को छौक कर खाने से पेट के कीड़े मर जाते है ।
नीम की छाल और इंद्रजौ को बराबर मंत्रा में लेकर चूर्ण बना ले। 5 ग्राम में एक चौथाई हींग भून ले तथा दिन में दो बार सेवन करने से एसिडिटी में लाभ करी होता है ।
एसिडिटी के कारण होने वाले बुखार में भी यह प्रयोग फायदे मंद होता है । धनिया , सोंठ ,शक्कर ,नीम की सिंक सभी को 6/6 ग्राम मिला ले। इसका काढ़ा बनाकर पीने से खट्टी डकारें ,अपच तथा अत्यादिक प्यास लगने की समस्या दूर होती है ।
पेट दर्द में नीम का प्रयोग = 40/50ग्राम नीम की छाल को जौ के साथ कूटकर 400 मिली जल में पकाए और इसमें 10ग्राम नमक भी डाले । आधा शेस रहने पर गुनगुना कर पीला दे।पेट दर्द में आराम मिलता है।
10 ग्राम पत्ते के साथ 1.5 ग्राम कपूर मिलाकर ले । इसे पीसकर सेवन करने से हैजा में लाभ होता है ।
रोज सुबह 3/4 नीम की पकी निंबोली खाने से खून की पेचिश बंद होती है । तथा भूख खुल कर लगती है ।
नीम की छाल की राख को 10 मिली दही के साथ दिन में दो बार सेवन करने से आव वाले दस्त में लाभ होता है।
निसकर्स
नीम एक प्राकृतिक औषधि है जो अनेक बीमारियों को दूर करने मे सहायक होती है यह त्वचा बालों, आँखों , पेट और दांतों से जुड़ी समस्याओं मे प्रभावी है। यदि आप अपनी सेहत को प्राकृतिक तरीके से सुधारना चाहते हैं तो नीम का नियमित रूप से उपयोग करे ।
क्या आप नीम का इस्तेमाल करते है , अगर हां, तो हमें कमेंट मे बताएं कि आपने इससे क्या लाभ प्राप्त किए है ।
नीम के पत्ते के अंगीनत फायदे/ neem ke patte ke angunat phayde। नीम ले 10 फायदे। Neem ke patte ke fayde.सुबह खाली पेट नीम के पत्ते खाने के फायदे ।

आईए जानते है की नीम का उपयोग किन किन बीमारियो में किया जाता है।
बालो की समस्या में नीम का फायदे।
नीम बालो के लिए बहुत उपयोगी होता है।बालो का असमय पकना तथा बालो को झड़ने की स्थिति में नीम का प्रयोग किया जाता है।
1. नीम के तेल को नियमपूर्वक दो तीन बूंद नाक में डालने से सफेद बाल काले हो जाते है। जब आप ये विधि का प्रयोग कर रहे हो तो आपको भोजन में गाय के दूध का उपयोग ही करना चाहिए।
2. नीम के पेड़ बिजो को भंगरा के रस में था असन पेड़ की छाल के काढ़े में भिगोकर छाया में सुखाकर ।ऐसा कई बार करे ।इसके बाद इसका तेल निकालकर नियमानुसार 2 ,2 बूंद नाक में डाले। इससे असमय सफेद बाल काले हो जाते है।इस दौरान केवल दूध और पके हुए चावल का ही प्रयोग करे।
3. नीम के पत्ते को पानी में अच्छी तरह उबाल कर उसे ठंडा कर ले। इसी पानी से सिर को धोते रहे इससे सिर के बाल मजबूत होते है। बालो का झड़ना या गिरना रुक जाता है।इससे अलावा सिर के कई रोगों में लाभ मिलता है।
4. नीम के पत्ते का एक भाग और बेर के पत्ते का एक भाग अच्छी तरह पीस ले। इसका लेप सिर पर लगाकर एक दो घंटे बाद दो ले। ऐसे बाल काले ,लंबे ,घने होते है।
5. नीम के पत्ते को पीसकर सिर पर लेप करने से सिर के जुए और लिख मार जाते है
नीम का इस्तेमाल आंख के रोगों के लिए लाभकारी।
नीम का प्रयोग खुजली ,आखों का दर्द,लाली आदि जैसे रोगों में किया जाता है।
जिस आंख में दर्धो उसके दूसरी तरफ के कान में नीम के कोमल पत्तों को गुनगुना करके दो दो बूंद टपकाए।दोनो आखों में दर्द हो तो दोनो कानो में टपकाए। ऐसा करने से दर्द खत्म हो जाएगा।
आधा किलोग्राम नीम के पत्तो को मिट्टी के दो बर्तन के बीच रख कंडो की आग यानी गाय के गोबर की आग में डाल दे । ठंडा होने पर अंदर की राख को 100 मिली नीबू के रस में मिलाकर सुखा लें ।इसे किसी बोतल जिसमे हवा जा सके ऐसे बोतल में भर कर रख ले। इस राख को काजल की तरह आंख में लगाने से आंख की खुजली और आंख की जलन में लाभ होता है।
यदि आखों के ऊपर सूजन के साथ दर्द हो और अंदर खुजली होती हो ।तो नीम के पत्ते और सोठ को पीसकर थोड़ा सेंधा नमक मिला ले। इसे हल्का गर्म कर ले एक कपड़े की पट्टी पर रख कर इसे आखों पे बांध ले। दो तीन दिन में आखों की सूजन दूर हो जाती है।
50 ग्राम नीम के पत्ते को पानी में पीसकर टिकिया बनाकर सरसो के तेल में पकाए। जब वह जलकर काली हो जाए तो उसमे दावा भाग कपूर तथा दसवां हिस्सा कलमी शोरा मिला ले। इसे खूब घोटकर काच की सीसी में रख ले। इसे रात को आखों में काजल की तरह लगाए और सुबह त्रिफला के पानी से आखों को पानी से धो ले। इस आखों की खुजली जलन लालिमा आदि रोग दूर हो जाते है । तथा आखों की रोशनी भी बढ़ती है।
रविवार, 28 जुलाई 2024
किचन में पड़ी पांच वस्तुएं। जो तुरंत देगी आपको चमकती त्वचा
गर्मियों में त्वचा की देखभाल और वजन बढ़ाने के घरेलू उपाय
गर्मियों का मौसम आते ही त्वचा से जुड़ी कई समस्याएं बढ़ जाती हैं, जैसे कि सनबर्न, टैनिंग और रूखी त्वचा। तेज धूप और गर्म हवाओं के कारण त्वचा डल और डार्क हो जाती है । कई लोग इस समस्या से निजात पाने के लिए महंगे ब्यूटी प्रोडक्ट्कासे उपयोग करते हैं, लेकिन इनमें मौजूद केमिकल्स त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए, घरेलू उपाय अपनाना अधिक सुरक्षित और किफायती होता है।
त्वचा की देखभाल के घरेलू उपाय
1 . टमाटर से टैनिंग दूर करे
टमाटर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और प्राकृतिक ब्लीचिंग गुण त्वचा से दाग-धब्बे हटाने और रंगत निखारने में मदद करते हैं। कैसे उपयोग करें:
एक पके हुए टमाटर का रस निकालें।
इसे चेहरे पर लगाएं और 30 मिनट तक छोड़ दें।
ईसके बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो लें।
यह उपाय हफ्ते मे 3-4 बार करने से असर दिखने लगेगा।
2 . आलू से त्वचा को साफ करे
आलू में ब्लीचिंग गुण होते हैं, जो त्वचा को प्राकृतिक रूप से साफ करने में मदद करते हैं। कैसे उपयोग करें:
एक आलू को कद्दूकस करें और उसका रस निकाल लें।
इसे कॉटन से चेहरे पर लगाएं और 15 मिनट तक सूखने दें।
फिर ठंडे पानी से चेहरा धो लें।
3 . हल्दी से त्वचा मे चमक लाए
हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो त्वचा की रंगत सुधारने और मुंहासे दूर करने मे मदद करते हैं। कैसे उपयोग करें:
एक चम्मच हल्दी में चार चम्मच दूध मिलाएं।
इसे चेहरे पर लगाएं और 10 मिनट बाद धो लें।
इससे त्वचा में निखार आएगा और रंगत में सुधार होगा।
4 . एलोवेरा से त्वचा को ठंडक दे
एलोवेरा जेल त्वचा को नमी प्रदान करता है और जलन से राहत देता है। कैसे उपयोग करें:
ताजे एलोवेरा जेल को निकालकर चेहरे पर लगाएं।
इसे रातभर लगा रहने दे और सुबह धो लें।
यह उपाय त्वचा को ग्लोइंग बनाए रखता है।
वजन बढ़ाने के घरेलू उपाय
दुबले-पतले लोग वजन बढ़ाने के लिए कई तरह के सप्लीमेंट्स का सहारा लेते हैं, लेकिन इनका अधिक सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। यदि आप प्राकृतिक रूप से वजन बढ़ाना चाहते हैं, तो ये घरेलू नुस्खे अपनाएं।
1. केला और दूध
केला कार्बोहाइड्रेट और कैल्शियम से भरपूर होता है, जो वजन बढ़ाने मे मदद करता है। कैसे उपयोग करें:
रोजाना एक गिलास दूध के साथ 2-3 केले खाएं।
इससे शरीर मे एनर्जी बढ़ेगी और वजन बढ़ाने मे मदद मिलेगी।
2 . ड्राई फ्रूट्स का सेवन करे
ड्राई फ्रूट्स में हेल्दी फैट और कैलोरी अधिक मात्रा मे होती है, जिससे वजन तेजी से बढ़ता है। कैसे उपयोग करें:
काजू, बादाम, किशमिश को 3-4 घंटे भिगोकर रखें।
इन्हें दूध मे उबालकर पिएं।
यह उपाय शरीर को ताकतवर और स्वस्थ बनाएगा।
3 . सोयाबीन का सेवन करे
सोयाबीन प्रोटीन का अच्छा स्रोत है और मांसपेशियों के विकास मे सहायक होता है। कैसे उपयोग करें:
रोजाना अपने भोजन मे सोयाबीन को शामिल करें।
इससे शरीर मे प्रोटीन की मात्रा बढ़ेगी और वजन बढ़ाने मे सहायता मिलेगी।
4 . अंडे का सेवन करे
अंडे में हेल्दी फैट, प्रोटीन और कैल्शियम होते हैं, जो शरीर को हेल्दी बनाने में मदद करते हैं। कैसे उपयोग करें:
रोजाना 2-3अंडे खाएं।
इसे उबालकर या आमलेट बनाकर सेवन करें।
इससे शरीर को जरूरी पोसन मिलेगा।
5 . दूध और शहद का सेवन करे
शहद एक प्राकृतिक तत्व है, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। कैसे उपयोग करें:
एक गिलास दूध मे दो चम्मच शहद मिलाकर पिएं।
इससे पाचन शक्ति मजबूत होगी और वजन बढ़ने मे मदद मिलेगी।
वजन बढ़ाने के अन्य टिप्स
समय -समय पर खाना खाएं।
खाना आराम से और चबा-चबा कर खाएं।
अधिक टेंशन न लें और हमेशा खुस रहने की कोशिश करें।
नियमित रूप से प्राणायाम, योग और एक्सरसाइज करें।
रोजाना 7-8 घंटे की नींद लें।
गर्मियों के मौसम के सुरु होते ही।कर तरह के त्वचा सम्बाद समस्या उत्पन होने लगती है।गर्मियों के मौसम में तेज धूप होने के संबर्न और ट्रेनिंग की समस्याएं काफी ज्यादा देखने को मिलती है।ट्रेनिंग के कारण त्वचा का रंग डार्क हो जाता है।और त्वचा रूखा रूखा सा नजर आने लगता है। इसी वजह से कई लोग केमिकल युक्त दवाइयां का उपयोग करते हैं। लेकिन इन सबमें काफी पैसा भी बर्बाद होता है। ऐसेमें आप कुछ घरेलूचीजों का उपयोग करके स्क्रीन को ठीक कर सकते है।
1. टमाटर
ट्रीनिंग की समस्या से छुटकारा पाने में सफल होने के लिए पहला उपाय टमाटर है। टमाटर में पाए जानेवाले एंटीऑक्सीडेंट चेहरे के दाग धब्बे को हटाते हैं। और स्क्रीन का रंग निकालने मेंबहुत सहायक होते हैं। इसके लिए आप एक पके हुए टमाटर के रस को एक कटोरी में निकाल ले। और चेहरे की स्क्रीनपर लगाए। लगाने की 1घंटे तक ऐसेही छोड़ दे फिरपानी से दो ले आपकी त्वचा में थोड़ी थोड़ीनिखार आना शुरू हो जाएगा।
2. आलू
आलूभी रूखी त्वचा को सही करने में सहायक होती है। आलूमें ब्लीचिंग गुण मौजूद होता है। जो रूखी त्वचा को साफकरने में मदद करती है। आप रूखी त्वचासे परेशान है तो आलू के रस को एक कटोरी में निकाल ले। इसके बाद आलूके रस को कॉटनके कपड़े से पूरे चेहरे पर मालिश करें। अब 15 मिनट बाद। चेहरे कोपानी से धो ले। से आपकी त्वचा साफ और चमकदार नजर आएगी।
3. हल्दी
ल्दी भी । क्लीनिंग की समस्या में सहायता प्रदान करती है हल्दीमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं । जो स्क्रीन के दाग धब्बे और मुंहासे को दूर करने में सहायकहोते हैं। इसका उपयोग आप चार चम्मचदूध को एक चम्मच हल्दीमें मिला ले। अभीसे अपने चेहरे पर लगाएं। करीब 10 मिनट बाद अपने चेहरे को पानी से धो ले। आपकी त्वचा पर निखारने लगेगा।
4. एलोवेरा
एलोवेरा का संबंधी विकारों में काम आती है । किसने स्किन को इंफेकन बचाए रखना। स्क्रीन पर ग्लोइंग । और स्किन को भी साफ करती है। अगरआपकी त्वचा रहती है । तो रोजाना एलोवेरा का उपयोग करना चाहिए।
दुबले पतले शरीर को मोटा करने के उपाय
1. केला
दुबले पतले शरीर को मोटा करनेके लिए रोजाना केले का उपयोग कर सकते हैं। केला विटामिन तत्वों से भरपूर होता है। कला में विटामिन बी12 और कैल्शियम होत है। इसलिए केले को एक बेहतरीन फल भी माना जाता है। वजन बढ़ाने के लिए आप रोजाना के लिए और दूध को मिक्स करके खा सकते हैं। जिससे आपको वजन बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी।
2. ड्राई फ्रूट
ड्राई फ्रूटमें पटीन हेल्दी फैट और कैलोरी अधिकमात्रा में होती है। अगर आप रोजाना काजू बादाम किशमिश को पानी में 3 से 4 घंटे के लिए भिगोकर रख दे। और इन सभी ड्राई फ्रूटको दूध मैं उबालकर पी ले। रोजाना इसी तरह करने से आपको वजन बढ़ाने में काफी सहायता प्राप्त होगी।
3. सोयाबीन
सोयाबीन प्रोटीन काफी मात्रा में पाया जाता है। अगर आप वजन बढ़ाना चाहते हैं तो रेगुलर भोजन में सोयाबीन को शामिल करने से शरीर मोटाहोने की संभावना रहती है। सोयाबीन खाने से मांसपेशियों का विकास अधिक तेजी से होता है। से वजन बढ़ाने में काफी सहायता मिलती है।
4. अंडा
अंडे में वह जरूरी तत्व पाए जाते हैं। जो शरीर को हेल्दी बनानेमें सहायक होते हैं। अंडे में फैटप्रोटन और फैटकैल्शियम पाए जाते हैं जो शरीर मेंकाफी एनर्जी पैदा करती है । जिससे शरीर को मोटा होने में अधिक समय नहीं लगता।
दूध और शहद
शहर एक प्राकृतिक तत्व है। जिससे हमें अत्यधिक लाभ प्राप्त होता है। शहर में पोषक तत्वकी मात्रा पाई जाती है। शहद का उपयोग अधिकतर स्वास्थ्यसंबंधी मामले मैं किया जाता है । जो अधिक फायदेमंद भी होता है। पतले शरीर कोमोटा बनानेके लिए आप शहद को नियमित रूप से उपयोग कर सकते हैं। किसके लिए आप एक गिलास दूध में दो चम्मच शहद मिलाकर पी सकते हैं। ऐसा करनेसे आपकी पाचन शक्ति मजबूत होती है। आपको वजन बढ़ने में बहुत ही मदद मिलती है।
वजन बढ़ाने के घरेलू टिप्स
इसकेलिए आप समय समय पर खाना खाए
खाना को आरामसे और चबा चबा कर खाएं
ज्यादा टेंशन की बातें सारी और दिमागमें न डाले। हमेशा खुश रहने की कोशिश करें।
नियमित रूप से प्राणायाम ,व्यायाम, योग, और एक्सरसाइज करे। हमेशा अच्छी नीद ले ।
निसकर्ष
गर्मियों में त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाए रखने के लिए घरेलू उपाय अपनाना सबसे बेहतर विकल्प है। टमाटर, हल्दी, एलोवेर और आलू का उपयोग करके आप त्वचा की रंगत निखार सकते हैं और टैनिंग से छुटकारा पा सकते हैं। वहीं, जो लोग वजन बढ़ाना चाहते हैं, वे केला, अंडा, ड्राई फ्रूट्और दूध जैसे प्राकृतिक आहार को अपनी डाइट मे शामिल कर सकते हैं।
स्वस्थ रहें, खुश रहें ।
शरीर को ताकतवर कैसे बनाए।sharir ko takat var kaise banaye
शरीर को ताकतवर बनाने के आसान से उपाय
शनिवार, 27 जुलाई 2024
शुक्रवार, 26 जुलाई 2024
बारिश में सापो को आने से रोके ।घर में साप आना क्या संकेत है। सांप भागने की जड़ी बूटी।
बारिश में सपा को आने से रोके
नट्स और बींस
नट्स ओमेगा 3। विटामिन ए फैटी एसिड का एक बड़ा भंडार है। इसका नियमितरूप सेवन करने से बढ़ती उम्र के साथ होने वाले नुकसानसे हमें बचाव में मदद मिलती है। इसके लिए आप मूंगफली दाल और काजू को अपने। खाद्यपदार्थ में शामिल कर सकते हैं।
विटामिन सी के लिए खट्टे फल
विटामिन सी बहुत ही उपयोगी एंटीऑक्सीडेंट है। आपको आंखों की फ्रीरेडिकल डैमेज से बचाता है। यह बढ़ती उम्र के साथ अत्यधिक लोगों में होनेवाले मोती बिंदु। को भी रोकता है
इसके लिए आप अपनेखाद्य पदार्थ मैं नींबू टमाटर। स्ट्रॉबेरी संतरा जैसे फल में विटामिन सी की की भरपूर मात्रा पाई जाती है।
विटामिन ई के लिए सूरजमुखी के बीज और बादाम
विटामिन ई सूरजमुखी के बीच में और बादाम में अधिक मात्रा में पाया जाता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंटजो जो आंखों की कोशिकाओंको फ्री रेडिकलसे होने वाले छाती को बचाते हैं।
बींस और जिंक फूड
आप अपने खाने में लिमा बींस ,ब्लैक आइड पीज,। लीन रेड मीट,। इनफूड में जिंक की मात्रा अधिक होती है। जो रेटिनल हेल्थ को सपोर्ट करता है। जो फोटो टाकीसेक । डैमेज को बचाता है। ऊपर बताए गए सभी खाद्य पदार्थों के लिए जरूरीहै। आप इन सभी खाद्य पदार्थों को नियमितरूप से लेते हैं। आपको आपको से संबंधित बीमारियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
शरीर को ताकतवर बनाने के उपाय
आज के दौर में हर कोई अपने शरीर को ताकतवर और स्वस्थ बनाना चाहता है। लेकिन व्यस्त जीवनशैली, अनुचित खानपान और तनाव के कारण शरीर कमजोर हो जाता है। कमजोरी के लक्षणों में अत्यधिक थकान, भूख न लगना, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, और नींद की कमी शामिल हो सकते हैं। यदि आप भी अपने शरीर को मजबूत और ऊर्जावान बनाना चाहते हैं, तो कुछ प्राकृतिक उपाय आपकी मदद कर सकते हैं। आइए जानते हैं कुछ बेहतरीन उपाय जो शरीर की ताकत बढ़ाने में मदद करते हैं।
1. मुलेठी का सेवन
मुलेठी एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो शरीर को ताकत देने का काम करती है। इसमें प्राकृतिक गुण होते हैं जो हमारे हार्मोन को संतुलित करते हैं और शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं। आप मुलेठी पाउडर को दूध में मिलाकर या चाय में डालकर सेवन कर सकते हैं।
2. केला खाएं
केला कार्बोहाइड्रेट, नैचुरल शुगर और पोटैशियम से भरपूर होता है, जो शरीर को तुरंत ऊर्जा देता है। इसमें मौजूद फाइबर ब्लड शुगर को नियंत्रित रखता है और पाचन को दुरुस्त करता है। रोजाना सुबह एक या दो केले खाने से कमजोरी दूर होती है।
3. एक्यूप्रेशर का उपयोग करें
एक्यूप्रेशर शरीर की प्राकृतिक ऊर्जा को संतुलित करने में मदद करता है। शरीर के कुछ खास बिंदुओं पर दबाव डालने से कमजोरी और थकान से राहत मिलती है। नाभि के नीचे तीन उंगलियों की दूरी पर हल्का दबाव देने से पाचन तंत्र मजबूत होता है और शरीर में ऊर्जा का संचार होता है।
4. दूध पिएं
दूध कैल्शियम, विटामिन डी और प्रोटीन का अच्छा स्रोत है, जो हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। रोजाना दूध पीने से शरीर को ताकत मिलती है और थकान दूर होती है। दूध में हल्दी मिलाकर पीने से इम्यूनिटी भी बढ़ती है।
5. डिहाइड्रेशन से बचें
शरीर में पानी की कमी से थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है। इसलिए दिनभर में पर्याप्त मात्रा में पानी, जूस और नारियल पानी का सेवन करें। यह शरीर को हाइड्रेट रखता है और ऊर्जा बनाए रखने में मदद करता है।
6. अंडे का सेवन करें
अंडा प्रोटीन, आयरन और विटामिन ए से भरपूर होता है। यह मांसपेशियों को मजबूत करने और शरीर को ऊर्जावान बनाए रखने में सहायक होता है। रोजाना एक उबला अंडा या ऑमलेट खाने से शरीर की कमजोरी दूर होती है।
7. आम खाएं
आम न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि यह शरीर को ऊर्जा देने का भी काम करता है। इसमें आयरन, विटामिन ए और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो रक्त कोशिकाओं को बढ़ाते हैं और थकान दूर करने में मदद करते हैं।
8. बादाम खाएं
बादाम में विटामिन ई, प्रोटीन और मैग्नीशियम होता है, जो शरीर की कमजोरी को दूर करता है। रात को 4-5 बादाम भिगोकर सुबह खाने से शरीर को ताकत मिलती है और मानसिक थकान भी कम होती है।
9. स्ट्रॉबेरी का सेवन करें
स्ट्रॉबेरी में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी पाया जाता है, जो शरीर की कोशिकाओं को रिपेयर करता है और ताकत बढ़ाने में मदद करता है।
10. व्यायाम करें
रोजाना 15-20 मिनट का व्यायाम शरीर को स्वस्थ और ऊर्जावान बनाए रखता है। व्यायाम करने से शरीर में ऑक्सीजन का संचार बेहतर होता है और ऊर्जा का स्तर बढ़ता है। योग और ध्यान करने से मानसिक शांति मिलती है और तनाव भी कम होता है।
11. पर्याप्त नींद लें
नींद पूरी न होने से शरीर में थकान और कमजोरी बढ़ सकती है। रोजाना कम से कम 7-8 घंटे की अच्छी नींद लें। यह शरीर को रिलैक्स करता है और मांसपेशियों की मरम्मत में मदद करता है।
12. संतुलित आहार लें
स्वस्थ और संतुलित आहार शरीर की ताकत बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अपने खाने में हरी सब्जियां, फल, नट्स, दूध, अंडा और मछली को शामिल करें। यह सभी पोषक तत्व शरीर को आवश्यक ऊर्जा प्रदान करते हैं।
13. जंक फूड से बचें
जंक फूड और अत्यधिक तली-भुनी चीजें खाने से शरीर में सुस्ती आ सकती है। यह पाचन तंत्र पर बुरा प्रभाव डालता है और कमजोरी का कारण बन सकता है। इसलिए स्वस्थ भोजन का चुनाव करें।
14. चीनी का सेवन कम करें
अत्यधिक चीनी का सेवन करने से शरीर में फैट बढ़ता है और एनर्जी का असंतुलन हो सकता है। इसलिए प्रोसेस्ड फूड और मीठे पदार्थों का सेवन कम करें।
15. हर्बल चाय पिएं
हर्बल चाय, जैसे अदरक चाय, ग्रीन टी या तुलसी चाय, शरीर को ऊर्जा देने में मदद करती है और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाती है।
अधिकतर बारिशकी मौसम जीव जंतु के घरों में घुसने उनकेकाटने का खतरा हमेशा बना रहता है। पहाड़ों नदी लालू जंगलों में जिनका घर होता है उन्हें अधिक खतरा महसूस होता है। छोटेमोटे कीड़े मकोड़े को आपआसानी से मार या भाग सकते हैं। वही अगर बात करें सांपोंकी तो आप उनको आसानी से मार या भाग नहीं सकते। ऐसे में उनका का खतरा अधिक बना रहता है। तो आईए जानते हैं कि हम उनको कैसे भगा सकते हैं।
बारिश के मौसममें सांपों को अपने घरों से दूर करनेके लिए मेहनत करने की जरूरत नहीं है। हम आपको एक ऐसा उपाय बतानेजा रहे हैं ।जिसे सुनकर आप कहेंगे कि पहले आपने क्यों नहीं बताया। आई में मुद्दे कीबात करते हैं। एक ऐसा पौधा जिसे आप अपने बालकनी ,दरवाजे , छत के ऊपर लगा सकते है।
उस पौधा का नाम है सर्प गांधा,सर्प गांधा एक ऐसा प्रकृति पौधा है।जो सापों को दूर भगाता है।बारिश के मौसम में आप इस पौधे को अपने घर के आस पास जरूर लगाएं।यह पौधा उन लोगो को जरूर लगाना चाहिए ।जिनके घर के आस पास नदी, नाला ,जंगल इत्यादि हो। उन्हें इस पौधे को जरूर अपने घर कर आस पास लगाना चाहिए।
सर्पगंधा का साइंटिफिक नाम सोवेलिफिय saprtinaa है।लोग बताते है की इस पौधे की महक बहुत खराब है। महक खराब होने के कारण साप इसे बरदास नही कर पाते है।और इस पौधे से दूर रहते है।सर्पगंधा का उपयोग जीव जंतु के कटने पर औसधि के रूप में किया जाता है। इसका उपयोग ग्रामीण लोग अधिकतर मकड़ी,बिच्छू,के जहर को बेअसर करने के लिए करते है।
सर्पगंधा के पौधे की पहचान कैसे करे।
यदि आपको सर्पगंधा का पौधा लेना है तो लेकिन आपको पता नही है की यह किस तरह का होता है।तो इसकी जड़ पीले और भूरे रंग का होता है।पत्ते हरे रंग के चमकीले होते है।यदि आपको सर्पगंधा का पौधा नही मिल रहा है तो आप लहसुन,तुलसी,लेमन,स्नेक प्लांट का पौधा भी लगा सकते है।ये सभी पौधे बारिश में पनपने वाले कीड़े मकोड़े को दूर भागते है
आखों की रोशनी बढ़ाने के उपाय।चस्मा भी है जायेगा।
अगर हम लगातार लैपटॉप,। कंप्यूटर मोबाइल अधिक उपयोग। अथवा अधिक समय तककाम करते हैं जिसके कारण हमारी आंखों पर अधिक प्रभाव पड़ता है। ऐसे में अगर हमें खाने में आंखों की रोशनी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ खाने को ना मिले तो हमारी आंखों की रोशनी काम हो सकती है।
हम इन सुंदर। आंखों की बिना सुंदर जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। जब संपूर्ण स्वास्थ्य की बात आती है तो लोग अधिकतर आंखों की स्वास्थ्य को भूल जाते हैं हमें पताहोता है की आंख एक नाजुक अंग है। जिसको हमें सही देखभाल करने की जरूरत होती है। हमारी खराब जीवन शैली के कारण और हमारी खान पानके कारण जरूरीपोशाक तत्वों कीकमी होने आंखों की रोसानीकमी के कारण आंखों की कई समस्याओं को हम निमंत्रण देते हैं। आंखों को स्वस्थ रखने के लिए सबसे जरूरी होताहै। हमारा खान पान। आप अपनीआंखों को समय से पहले बूढ़ा होने से बचाना चाहते हैं तो। आपको अपना खाद्य पदार्थ सुधारना होगा। सचिन पदार्थ में आंखों की रोशनी बढ़ानेवाले पोषक तत्व मिलते हैं। खाद्यपदार्थ को अपने भोजन के रूप में रोजाना प्रतिदिन शामिलकरना होगा।
ओमेगा 3
आंखों कीरोशनी के लिए ओमेगा 3 जरूरी होता है। विशेषरूप से मछलियों में पाया जाता है। खासकर इन मछलियों में ओमेगा 3 पाया जाता है जिनके नाम कुछ इस प्रकारहै sardin,trauntuba,
पत्तेदार हरी सब्जियां
फूल गोभी पालक। सलाद देसी सब्जियां। पोषक तत्वों से भरपूरहोती है इसमें एंटीऑक्सीडेंट। जो मकयूला को नुकसानसे
बचता है जिससे हमारी आंखों की रोशनीतेज होती है।
विटामिन ए के लिए गाजर
बीटा कैरोटीन के लिए शकरकंद
शकरकंद में बीटा कैरोटीन जो विटामिन ए में बदल जाता है। जिससे आंखों की बीमारी कम हो जाती है। शकरकंद का सेवन करने से। रोजाना के हिसाब से 200% से अधिक। विटामिन ए मिल जाताहै। बेटा कैरोटीनके लिए पालक खरबूजा बटरनल , जैसे अन्यपदार्थ अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं।
नट्स और बींस
नट्स ओमेगा 3। विटामिन ए फैटी एसिड का एक बड़ा भंडार है। इसका नियमितरूप सेवन करने से बढ़ती उम्र के साथ होने वाले नुकसानसे हमें बचाव में मदद मिलती है। इसके लिए आप मूंगफली दाल और काजू को अपने। खाद्यपदार्थ में शामिल कर सकते हैं।
विटामिन सी के लिए खट्टे फल
विटामिन सी बहुत ही उपयोगी एंटीऑक्सीडेंट है। आपको आंखों की फ्रीरेडिकल डैमेज से बचाता है। यह बढ़ती उम्र के साथ अत्यधिक लोगों में होनेवाले मोती बिंदु। को भी रोकता है
इसके लिए आप अपनेखाद्य पदार्थ मैं नींबू टमाटर। स्ट्रॉबेरी संतरा जैसे फल में विटामिन सी की की भरपूर मात्रा पाई जाती है।
विटामिन ई के लिए सूरजमुखी के बीज और बादाम
विटामिन ई सूरजमुखी के बीच में और बादाम में अधिक मात्रा में पाया जाता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंटजो जो आंखों की कोशिकाओंको फ्री रेडिकलसे होने वाले छाती को बचाते हैं।
बींस और जिंक फूड
आप अपने खाने में लिमा बींस ,ब्लैक आइड पीज,। लीन रेड मीट,। इनफूड में जिंक की मात्रा अधिक होती है। जो रेटिनल हेल्थ को सपोर्ट करता है। जो फोटो टाकीसेक । डैमेज को बचाता है। ऊपर बताए गए सभी खाद्य पदार्थों के लिए जरूरीहै। आप इन सभी खाद्य पदार्थों को नियमितरूप से लेते हैं। आपको आपको से संबंधित बीमारियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
निष्कर्ष
शरीर को ताकतवर बनाने के लिए संतुलित आहार, पर्याप्त नींद, व्यायाम और अच्छी जीवनशैली जरूरी है। ऊपर बताए गए उपायों को अपनाकर आप अपनी शारीरिक और मानसिक ऊर्जा को बढ़ा सकते हैं और खुद को फिट रख सकते हैं।
स्वस्थ रहें, मस्त रहें!
गुरुवार, 25 जुलाई 2024
हमारा शरीर बलवान कैसे बने। 1 महीने में शरीर कैसे बनाए।
अपने शरीर को बलवान बनाने के आसान से उपाय
नींद के फायदे और नुकसान
क्या आपको पता है कि जब हम नींद लेते हैं, यानी जिस वक्त हम सो रहे होते हैं, उस समय हमारा शरीर कई विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का काम करता है? इससे हम सुबह हल्का और फ्रेश महसूस करते हैं। नींद पूरी होने से न सिर्फ हमारे अंदरूनी अंगों को लाभ होता है, बल्कि हमारी त्वचा और समग्र स्वास्थ्य के लिए भी यह बहुत फायदेमंद होती है।
नींद के फायदे
1. दिमाग को तरोताजा बनाती है
जब हम गहरी नींद लेते हैं, तो हमारा दिमाग पूरी तरह से आराम करता है। इससे नई ऊर्जा प्राप्त होती है और मानसिक क्षमता बढ़ती है। अच्छी नींद से याददाश्त तेज होती है और दिमागी सक्रियता बढ़ती है।
2. तनाव कम करती है
नींद पूरी होने से तनाव के स्तर में कमी आती है। जब हम पर्याप्त नींद लेते हैं, तो शरीर में कोर्टिसोल (तनाव हार्मोन) का स्तर संतुलित रहता है, जिससे चिंता और डिप्रेशन जैसी समस्याएं कम होती हैं।
3. इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है
अच्छी नींद लेने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। जब हम सोते हैं, तो हमारा शरीर एंटीबॉडीज और रोगों से लड़ने वाले तत्वों का उत्पादन करता है, जिससे सर्दी, जुकाम और अन्य संक्रमणों से बचाव होता है।
4. दिल को स्वस्थ रखती है
नींद पूरी होने से ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। अधूरी नींद लेने से हृदय संबंधी बीमारियों, जैसे हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
5. वजन नियंत्रित रखने में मदद करती है
नींद पूरी न होने से भूख बढ़ाने वाले हार्मोन (घ्रेलिन) का स्तर बढ़ जाता है और भूख कम करने वाले हार्मोन (लेप्टिन) का स्तर कम हो जाता है, जिससे जंक फूड खाने की इच्छा बढ़ती है और वजन बढ़ने का खतरा रहता है। पर्याप्त नींद लेने से वजन नियंत्रण में रहता है।
6. त्वचा को निखारती है
नींद पूरी होने से त्वचा की कोशिकाओं की मरम्मत होती है और नयी कोशिकाओं का निर्माण होता है, जिससे त्वचा ग्लोइंग और हेल्दी दिखती है। अधूरी नींद लेने से त्वचा पर झुर्रियां, डार्क सर्कल और मुंहासे होने लगते हैं।
नींद पूरी न होने के नुकसान
1. मधुमेह का खतरा बढ़ सकता है
नींद की कमी से इंसुलिन के प्रति शरीर की संवेदनशीलता कम हो जाती है, जिससे टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
2. हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है
नींद पूरी न होने से शरीर में विषाक्त पदार्थों का जमाव होने लगता है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है और हार्ट अटैक का खतरा अधिक हो जाता है।
3. मानसिक स्वास्थ्य पर असर
अधूरी नींद मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डालती है। इससे चिंता, डिप्रेशन, चिड़चिड़ापन और एकाग्रता में कमी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
4. कैंसर का खतरा
शोधों के अनुसार, कम नींद लेने से ब्रेस्ट कैंसर और अन्य प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। रात में काम करने वाले लोगों में यह समस्या अधिक देखी गई है।
5. पाचन तंत्र पर असर
अधूरी नींद लेने से मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, जिससे पाचन तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे गैस, एसिडिटी और कब्ज जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
6. हड्डियों पर प्रभाव
नींद पूरी न होने से शरीर में कैल्शियम और अन्य खनिजों का संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। यह ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों का कारण भी बन सकता है।
सोने और जागने का नियमित समय तय करें।
रात को भारी भोजन और कैफीन (चाय/कॉफी) से बचें।
सोने से पहले स्क्रीन (मोबाइल/टीवी) का उपयोग कम करें।
बेडरूम का वातावरण शांत और आरामदायक रखें।
रोजाना 7-9 घंटे की नींद लें।
तनाव कम करने के लिए ध्यान और योग करें।
दिनभर शारीरिक गतिविधि करें, जिससे रात में गहरी नींद आ सके।
सोने से पहले हल्का गुनगुना दूध पिएं, यह अच्छी नींद लाने में सहायक होता है।
लगभग सभी लोग अपने शरीर को ताकतवर बनाना चाहते हैं। अथवा यह भी कर सकते हैं कि शरीर कोसुंदर बनाना चाहते हैं। लेकिन भाग दौड़ और भरी जिंदगी मैं ऐसे कई कारण है। जिसके कारण हमारे शरीर पर बुरा असर पड़ता है। हमारा शरीर दुबला पतला हो जाता है। इसके अलावा शरीर कमजोर होने की और बहुत से कारण है। अत्यधिक पसीना आना, भूख ना लगना ,ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई , नीद का पूरा न होना,। ऐसे कुछ कारण हो सकते हैं। ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है ऐसे कई घरेलू उपाय हैं। जिसके कारण हम अपने शरीर को बलवान बना सकते हैं।
1. मुलेठी
मुलेठी शरीर की ताकत को बढ़ाता है। मुलेठी एक ऐसी औषधि है जो हमें कमजोरी मेंताकत देने का काम करती है। जड़ीबूटी में प्राकृतिक गुण होताहै जो हमारे हार्मोन को प्रेरित करता है। जिससे हमारे शरीर को भरपूर मात्रा में ताकत मिलती है।
2. केला
कला में नेचुरल सूगर और ग्लूकोजकी भारी मात्रा में पाया जाता है। जो आपके शरीर के अंदर अत्यधिक एनर्जी को बढ़ावा देता है। इसकेअलावा केले में पोटेशियम भी मौजूदहोता है। यह एक मिनरलजो शरीर के शुगरको एनर्जी के रूप में परिवर्तन करने का कार्य कर्ता है केले में स्थित फाइबर। ब्लू में ग्लूकोज को लेवल बनाए रखने में सहायता करता है।
3. एक्यूप्रेशर
एक ऐसी। चिकित्सालय जिससे शरीर को मजबूत बनाया जा सकता है। इसमेंशरीर के कुछ प्वाइंट का उपयोग होता है। जैसे कंधे की मांसपेशियोंमें लोअर नेकपॉइंट। नाभि के नीचे तीनउंगली चौड़ाई के नीचे का हिस्सा हल्का सा दबाने पेक मजोरी से छुटकारा पा सकते है।
दूध
दूध एक बहुत अच्छा स्रोत माना जाता है। दूधमें विटामिन सी का बहुत अच्छा स्रोत माना जाता है। जो कमजोरी को दूर करता है। इसके अतिरिक्त दूध कासेवन करने से कैल्शियम की कमी नहीं होती है। जो हमारे शरीर की हड्डी और मांसपेशियों के लिए बहुत जरूरी होती है
डिहाइड्रेशन से हमें थकान महसूस हो सकती है। इसलिए स्वस्थ और तंदुरुस्त रहने के लिए पर्याप्त मात्रा में हमें पानी ,रस ,दूध, फलों का रस ,विटामिन ए, c,b1 ,जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही लाभकारी होता है। इससे हमारे शरीर को अन्य प्रकार के रोगों से खतरा कम होता है।
अंडे
शरीरमें अगर कमजोरी हो गई होतो सबसे सस्ता आहार अंडा है अंडे में लोहा,विटामिन ए,प्रोटीन,। तथा अन्य जरूरी पोषक तत्वपाए जाते हैं। जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही उपयोगी होते हैं। यदि आप रोज एक अंडा खाते हैं। आपको कमजोरी महसूस नहीं होगी। आप पनीर ,या हरी सब्जियां, हार्ड बोएल एक अंडा खा सकते हैं। इससे आपके शरीर में हाई लेवल की एनर्जी बनी रहती है। तथा कमजोरी महसूस नहीं होती है।
4. आम
हम एक मीठा पदार्थहै जो लोगों को बहुत ही पसंदहोता है। के अंदर भरपूर मात्रा में विटामिन एंटीऑक्सीडेंट। कापर का एक महत्वपूर्ण स्रोत माना जाता है। आम के अंदर पोटेशियम और मैग्नीशियम भी पाया जाता है। के अतिरिक्त आम में मौजूद आयरन शरीर के रेड ब्लड की सेल्स की संख्या को बढ़ता है। इसके अलावा आम में स्टार्च भी होता है। जो चीनी में परिवर्तित हो जाता है और हमें तुरंत ऊर्जा प्रदान करताहै।
5 बादाम.
बादाम विटामिन ए का बहुत अच्छा स्रोत माना जाता है।
जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही उपयोगी होता है।जो सुरुआती कमजोरी में कमजोरी से लड़के हमे कमजोरी से राहत देती है।बादाम में प्रोटीन मैग्नीशियम की हाई डोज,फैट होता है।जो हमारे शरीर में अधिक ऊर्जा का संचार करती है।अत्यधिक लोगों में मैग्नीशियम की कमी के कारण भी कमजोरी होती है।
स्ट्राबेरी
स्ट्राबेरी में एंटीआक्सीडेट और विटामिन से भरपूर होती है।जो आपके शरीर को रिपेयर करती है।और शक्ति को बढ़ाता है।और मुक्त कड़ी के नुकसान से हम बचाता है।इसके अलावा इसमें फाइबर ,मैग्निज, पानी,की आज अच्छी डोज मिलती है।
व्यायाम
हरदीन व्यायाम करने से आपकी मांस पेशियों की ताकत बढ़ती है। सुबह सुबह व्यायाम करने से मन सही रहता है। व्यायाम करने से हमारे शरीर को पूरी तरह आक्सीजन मिलता है।हरदिन 15 मिनट तक व्यायाम करने से शरीर के सभी अंग हमेशा तारो ताजा रहते है। कभी भी आप जल्दी बीमार नहीं पड़ेंगे।व्यायाम करने से आपका एनर्जी लेवल पूरे शरीर में अधिक बना रहेगा ।और आप जल्दी बीमार नहीं पड़ेंगे।
निष्कर्ष
नींद हमारे शरीर के लिए उतनी ही जरूरी है जितना अच्छा खान-पान और व्यायाम। पूरी नींद लेने से हम मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहते हैं, जबकि अधूरी नींद कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है। इसलिए, अच्छी जीवनशैली अपनाएं और अपनी नींद को प्राथमिकता दें।
स्वस्थ रहें, मस्त रहें!
नीद पूरी नहीं होने की वजह से हो सकती है। ये बड़ी पांच बीमारिया
नीद न पूरी होने से होने वाले नुकसान
जरूरतें पूरी न होने से होने वाले नुकसान
भूमिका
मनुष्य के जीवन में जरूरतें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। हमारी मूलभूत आवश्यकताएँ, जैसे भोजन, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक संबंध, हमारे जीवन को संतुलित बनाए रखने में मदद करती हैं। लेकिन जब ये जरूरतें पूरी नहीं होती हैं, तो इसका हमारे मानसिक, शारीरिक, सामाजिक और आर्थिक जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इस ब्लॉग में हम विभिन्न प्रकार की जरूरतें और उनकी पूर्ति न होने से होने वाले नुकसानों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
1. शारीरिक जरूरतें पूरी न होने के नुकसान
(क) पोषण और स्वास्थ्य संबंधी नुकसान
यदि किसी व्यक्ति को पर्याप्त पोषण नहीं मिलता है, तो उसका शरीर कमजोर हो जाता है और कई बीमारियों का शिकार हो सकता है। कुपोषण से बच्चों का विकास रुक सकता है और वयस्कों में गंभीर बीमारियाँ उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे कि एनीमिया, हृदय रोग, और प्रतिरोधक क्षमता की कमी।
(ख) पानी और स्वच्छता की कमी
शुद्ध पानी की अनुपलब्धता से डिहाइड्रेशन, गुर्दे की समस्याएँ और जलजनित रोग हो सकते हैं। इसके अलावा, स्वच्छता की कमी से संक्रमण और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
(ग) आवास की कमी
एक सुरक्षित और स्वस्थ घर की अनुपस्थिति से व्यक्ति को मौसम, बीमारी और सामाजिक असुरक्षा जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
2. मानसिक जरूरतें पूरी न होने के नुकसान
(क) तनाव और अवसाद
(ख) आत्मविश्वास की कमीयदि किसी व्यक्ति की मानसिक आवश्यकताएँ पूरी नहीं होतीं, जैसे कि प्यार, अपनापन और सम्मान, तो वह तनाव, चिंता और अवसाद का शिकार हो सकता है।
जब व्यक्ति की आवश्यकताओं को बार-बार अनदेखा किया जाता है, तो उसका आत्मविश्वास कमजोर हो जाता है और वह खुद को असफल मानने लगता है।
(ग) सामाजिक अलगाव
जब व्यक्ति को सामाजिक सहयोग और स्वीकृति नहीं मिलती, तो वह अकेलापन महसूस करता है और समाज से कट सकता है। यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक हो सकता
है।
3. आर्थिक जरूरतें पूरी न होने के नुकसान
(क) गरीबी और बेरोजगारी
यदि व्यक्ति को रोजगार के अवसर नहीं मिलते, तो उसकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो सकती है, जिससे गरीबी बढ़ती है और जीवन स्तर गिरता है।
(ख) शिक्षा की कमी
शिक्षा प्राप्त करने के संसाधन न होने पर व्यक्ति के लिए अच्छी नौकरी पाना मुश्किल हो जाता है।
(ग) आपराधिक गतिविधियों की ओर झुकाव
आर्थिक जरूरतें पूरी न होने पर कुछ लोग चोरी, ठगी, भ्रष्टाचार और अन्य आपराधिक गतिविधियों में संलग्न हो सकते हैं।
4. सामाजिक जरूरतें पूरी न होने के नुकसान
(क) समाज से अलगाव
जब व्यक्ति को सामाजिक स्वीकृति नहीं मिलती, तो वह समाज से कट सकता है और एकाकी जीवन जीने को मजबूर हो सकता है।
(ख) पारिवारिक संबंधों में तनाव
जब जरूरतें पूरी नहीं होतीं, तो घर के सदस्यों के बीच मनमुटाव और झगड़े बढ़ सकते हैं, जिससे परिवार टूट सकता है।
(ग) अपराध और हिंसा
सामाजिक असुरक्षा के कारण लोग हिंसक प्रवृत्तियों को अपना सकते हैं, जिससे समाज में अपराध और अस्थिरता बढ़ सकती है।
समाधान: जरूरतें पूरी करने के उपाय
सरकार और समाज का सहयोग: सरकार को गरीबी, शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए।
स्वयं का प्रयास: आत्मनिर्भर बनने की कोशिश करें और अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए कौशल विकास करें।
सामाजिक जागरूकता: लोगों को सामाजिक सहयोग और परस्पर समर्थन के महत्व को समझना चाहिए।
परिवार और समुदाय का सहयोग: परिवार और समाज मिलकर जरूरतमंदों की सहायता करें।
किया आपको पता है जब हम नीद लेते है।यानी जिस वक्त हम सो रहे होते है।उस समय हमारा शरीर अपने से कई विसक्त पदार्थों को साफ करने का काम करता है।जिससे हम सुबह हल्का और फ्रेश महसूस करते है।कया आपको पता है नीद पूरी होने शरीर की अंदरूनी भागो को नही बल्कि बाहरी हिस्सों जैसे तवाचके लिए भी बहुत फायदेमंद होती है।
क्या आप जानते है नीद लेना हमारे लिए किसी उपहार से कम नहीं है ।नीद लेना हमारे दिमाग को तरोताजा और हमारे शरीर के विभिन्न अंगों को आराम देने के लिए बहुत जरूरी होता है।अगर आपको लगता है की जब हम आंख बंद करते है तो शरीर के विभिन्न अंग भी काम करना बंद कर देते है तो आप गलत है।जिस वक्त हम सो रहे होते है उस वक्त हमारा शरीर अपने से विष्क्त पदार्थ निकलने का काम करता है।जिसके कारण हम हल्का और ताजा महसूस करते है।नीद पूरा होने से हमारे शरीर के अंग चाहे वह बाहरी हो या अंदरूनी सभी को अत्यधिक लाभ मिलता है।साथ साथ बहुत आराम भी मिलता है।एक तरफ अच्छा खान पान सेहत के लिए जरूरी है तो दूसरी तरफ पूरी नीद लेना भी सेहत के लिए बहुत लाभदायक होता है।
अच्छी और पर्याप्त नीद न लेने के कारण हमारे सेहत पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है।जो व्यक्ति नाइट शिफ्ट में काम करते है।उन्हें किसी न किसी पारकर समस्या उनके शरीर में बनी रहती है।जो व्यक्ति नाइट ड्यूटी करते है उनको देखने से मालूम पड़ जाता है।वह व्यक्ति असवस्थ है। क्युकी ऐसे व्यक्ति का चहरा मायूस सा होता है।चहरे पर दाग धब्बे दिखाई देते है।और लोगो का चहरा हल्का सा काला दिखाई देता है।त्वचा के साथ कम नीद लेने पे मानसिक स्थिति पर भी गहरे प्रभाव पड़ता है।
इससे शरीर में दर्द, वजन बढ़ना,तनाव,थकान जैसी कई समस्याएं आ सकती है।
तो आईए जानते है की नीद पूरी ना होने के कारण कौन सी समस्या आ सकती है।
1.मधुमेह
नीद पूरी ना होने के कारण जंक फूड और शुगर से भरपूर फूड खाने की इच्छा बढ़ जाती है।जिसके कारण मधुमेह , हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारी बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है।
नीद पूरी ना होने से हड्डियों में स्थित मिनिरल्स का संतुलन बिगड़ जाता है।तथा हड्डियों के जोड़ी के दर्द की समस्या पैदा होने लगती है। तथा हड्डियों का कमजोर होना सुरु हो जाता है।
हार्ट अटैक
जब हम पूरी नीद लेते है। तो हमारे शरीर से सारे विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते है जिससे हमारे शरीर की अंदरूनी मरमत होती है।और सफाई भी होती है।वही अगर नीद पूरा न होने से विषाक्त पदार्थ बाहर न निकले तो हमारे शरीर को काफी तकलीफ होती है।जिसके कारण ब्लैड प्रेसर की आशंका बाद जाति है।जिसके कारण हार्ट अटैक आने का खतरा बढ जाता है।
मानसिक स्तिथि पर असर
नीद पूरी ना होने से इसका असर हमारी मानसिक स्तिथि पर पड़ता है। जितनी देर हम अधिक सोते है उतनी देर में हमारा दिमाग एक नई शक्ति ,ऊर्जा एकत्रित कर लेता है। जिससे हमारादिमाग तारो ताजा हो जाता है। वहीं अगर नींद नहीं पूरी हो जाती है तो दिमागतेरा ताजा नहीं हो पाता है । जिसके कारण हमें कई मानसिक रोग पकड़ सकते है। कई बार याददाश् से जुड़ी समस्या होना संभव होता है।
कैंसर
शोधकर्ता ने बताया है कि काम नीद लेने की वजह से ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना रहती है। साथ ही शरीर विभिन्न कोशिकाओं को भी खतरा रहता है।
दोस्तों जीवन में हर किसी व्यक्ति के जीवन में तनाव। रहता है। इसका मतलब यह नहीं की। हम अपनी बहुमत शरीर को ही नुकसान पहुंचा दे। दोस्तों हमारा शरीर रहेगा तभी तो हमें शेयरके माध्यम से हर एक काम को कर सकते हैं चाहे वह काम हो या ना हो। परंतु हम वह काम तो इस शरीर के माध्यम से ही करेंगे ना। अगर शरीर ही नहीं रहेगा तो हम काम कैसे करेंगे। इसलिए दोस्तों सबसे पहले हमने अपने शरीर परध्यान देना चाहिए।पुराने समय ने यानी आज के बीस साल पहले की बात करे तो इस एस दुनिया का विकास नहीं हुआ था।किंतु जैसे जैसे विकास हुआ वैसे वैसे हमारे ऊपर जिम्मेदारी भी बड़ते गई।तरह तरह के संसाधन आया तरह तरह के मसीने आती जिससे हमारे समाज में औधयोगिक उन्नति हुई।परंतु हमे कई पारकर से नुकसान भी हुआ ।पेट्रोल और डीजल वाली गाड़ी आने के कारण पर्यावरण । दूषित हो गया जिसके कारण इंसानों के जीवन पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है। साथ ही जीवजंतुओं के जीवन पर भी बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है।
इसलिए हमेशा स्वस्थ रहो मस्त रहो।
निष्कर्ष
हमारी जरूरतों का पूरा होना हमारे जीवन को सुखद और सुरक्षित बनाता है। जब जरूरतें पूरी नहीं होतीं, तो हमें कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए, हमें अपनी जरूरतों को संतुलित तरीके से पूरा करने का प्रयास करना चाहिए और समाज में एक दूसरे की मदद करनी चाहिए। एक संतुलित और खुशहाल जीवन के लिए यह आवश्यक है कि व्यक्ति, समाज और सरकार मिलकर इस दिशा में कार्य करें।
दूध वाली चाय पीने के फायदे और नुकसान
दूध वाली चाय के फायदे और नुकसान
दूध को विटामिन, प्रोटीन और कैल्शियम का अच्छा स्रोत माना जाता है। डॉक्टर भी हमें प्रतिदिन दूध पीने की सलाह देते हैं। कुछ लोग दूध को सीधे पीना पसंद करते हैं, जबकि कई लोग इसे विभिन्न व्यंजनों में इस्तेमाल करते हैं। खासकर, भारत में चाय का विशेष महत्व है। अधिकतर लोग अपनी सुबह की शुरुआत चाय से करते हैं, जिससे उन्हें ऊर्जा और ताजगी का एहसास होता है। हालांकि, अधिक मात्रा में दूध वाली चाय का सेवन स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इस लेख में हम दूध वाली चाय के फायदे, नुकसान और इसे संतुलित मात्रा में पीने के सही तरीकों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
दूध वाली चाय के फायदे
1. ऊर्जा प्रदान करती है
दूध में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और विटामिन डी होता है, जिससे शरीर को आवश्यक ऊर्जा मिलती है। दूध वाली चाय पीने से दिनभर तरोताजा महसूस होता है और कार्य क्षमता भी बढ़ती है।
2. तनाव कम करने में सहायक
दूध वाली चाय में कैफीन की मात्रा होती है, जो मानसिक सतर्कता बढ़ाने में मदद करती है। यह तनाव और सिरदर्द को कम करने में कारगर होती है।
3. इम्यूनिटी को मजबूत करे
यदि दूध वाली चाय में अदरक, इलायची, काली मिर्च, लवंग और तुलसी के पत्ते मिलाए जाएं, तो यह एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर हो जाती है, जिससे इम्यूनिटी मजबूत होती है।
4. पाचन को सुधारती है
अदरक और तुलसी से बनी दूध वाली चाय पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है। यह गैस, अपच और एसिडिटी की समस्या को कम करने में सहायक होती है।
5. वजन घटाने में मददगार
दूध वाली चाय में मौजूद पॉलीफेनोल्स और कैफीन मेटाबॉलिज्म को तेज करने में मदद करते हैं, जिससे वजन घटाने में सहायता मिल सकती है।
दूध वाली चाय के नुकसान
1. अत्यधिक सेवन से डिहाइड्रेशन
अधिक मात्रा में दूध वाली चाय पीने से शरीर में पानी की कमी हो सकती है, जिससे डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है।
2. गैस और एसिडिटी की समस्या
दूध वाली चाय में मौजूद टैनिन्स और कैफीन अधिक मात्रा में लेने पर पेट में गैस और एसिडिटी बढ़ा सकते हैं।
3. नींद पर प्रभाव
कैफीन के कारण नींद न आने की समस्या हो सकती है, इसलिए रात में ज्यादा दूध वाली चाय पीने से बचना चाहिए।
4. त्वचा पर असर
ज्यादा चाय पीने से त्वचा पर पीलापन आ सकता है और मुंहासे जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
खाने के बाद चाय पीने के नुकसान
1. ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है
खाने के तुरंत बाद चाय पीने से ब्लड प्रेशर असंतुलित हो सकता है। खासकर हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को इस आदत से बचना चाहिए।
2. दिल को नुकसान पहुंचा सकता है
लगातार खाने के बाद चाय पीने से हृदय की धड़कन असंतुलित हो सकती है, जिससे दिल से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
3. पाचन संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं
खाने के तुरंत बाद चाय पीने से भोजन का सही तरीके से पाचन नहीं हो पाता, जिससे एसिडिटी और गैस की समस्या हो सकती है।
सावधानियां और सही तरीका
चाय का सेवन सीमित मात्रा में करें।
भोजन के तुरंत बाद चाय न पिएं, कम से कम 2-3 घंटे का अंतराल रखें।
चाय में ज्यादा चीनी न डालें।
अदरक, इलायची, तुलसी आदि मिलाकर चाय को और फायदेमंद बना सकते हैं।
दूध विटामिन ,प्रोटीन और कैल्शियम का बहुत अच्छा श्रोत माना जाता है।इसलिए डाक्टर भी हमे प्रतिदिन दूध पीने
की सलाह देते है। वैसे तो कर लोग दूध को सीधे तौर पर पी जाते है।इसके अलावा कई लोग दूध के कई पारकर के व्यंजन के रूप में भी लेते है।लेकिन बहोत सारे लोग ऐसे भी है जो चाय के शौकीन है।अधिक लोगो को सुबह तो चाय के साथ ही होती है।जिसके कारण उन्हें उचित मात्रा में एनर्जी मिलती है।जिससे ताजगी का एहसास होता है। इसलिए हम काममात्रा में दूधवाली चायका इस्तेमाल कर सकते हैं। कम मात्रा में दूधवाली चाय का इस्तेमाल करने से। हमारे शरीर को अधिक नुकसान भी नहीं होता है। बहुत लोग सो रहे हैं कि चाय पीने से तो नुकसान होता है। तो हम दूध वाली चाय क्यों पिए। लेकिनदूध में इलायची काली मिर्च। लवंग। अदरक होतीहै । जिससे मैं अनेकों प्रकार का लाभ होता है।
हम आपको बताते हैं । कमर में दूधवाली चाय पीने के कतने फायदे हैं।
अगर कम मात्रामें दूध वाली चायको पिया हमें अनेकों प्रकार से लाभ होता है। जैसे हमारी इम्यूनिटी मजबूत होती है। बहुत लोगों को ब्लैक टी पसंद नहीं होती है। तो आपको कम मात्रा में दूध वाली चाय पी सकते हैं। अपने शरीरकी इम्युनिटी बढ़ानेके लिए दूध वाली चय में अदरक ,इलायची, काली मिर्च, लवंग, तुलसीका पत्ता, आदि डाल सकते हैं। इसके कारण दूध वाली चाय के पोशक तत्वों की बढ़ोतरी होती है। इस चाय में एंटीबैक्टीरियल गुण भी मौजूद होते हैं। जो हमारी पाचन तंत्र केलिए काफी फायदेमंद होता है। लेकिन ध्यान रहे दूधवाली चाहे तभीफायदेमंद रहेगी। जब हम इसका सही मात्रा में उपयोगकरें यानी को मात्रा में पीए ।
ऊर्जा पदान करें
1जिससे आपके शरीर को कार्य करने की संभव ऊर्जा मिलती है। तथा दूध में कार्बोहाइड्रेट होता है। जिसके कारण शरीर में काफी ज्यादा ऊर्जा मलती है। इसके अतिरिक्त दूध वाली चाय में। प्रोटीन कैल्शियम विटामिन डी होता है। इसलिए हम दिन भर एनर्जी से भरे हुए महसूस करते है। इसलिए आप कम मंत्रा में दूध वाली चाय पी सकते हैं।
तनाव कम होता है।
दूध वाली चाय में कैफिन होता है। जो शरीर को तारो ताजा रखता है।और स्ट्रेस दूर होता है। सिरदर्द या तनाव सा होनेपर आप चाय पीने के बाद थोड़ा सा आराम सा महसूस होता है।जिसके कारण आप दूध वाली चाय कम मात्रा में पी सकते है।
वजन घटाने के लिए।
दूध वाली चाय वजन घटाने के लिए काफी फायदेमंद हो सकती है।दूध वाली चाय में पालीफेनोल और कैफीन होता है।जिसके कारण वजन घटाने में काफी सहायता मिलती है।दूध वाली चाय पीने के बाद भूख नहीं लगती है।जिसके कारण हमारा वजन घटाने में सहायता मिलती है।लेकिन आप अगर अधिक मात्रा मात्रा में दूध वाली चाय पीते है तो आपका वजन भी बढ़ सकता है।क्युकी दूध में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट होता है।जिसके कारण वजन बढ़ सकता है।
दूध वाली चाय पीने के नुकसान
कम मात्रा में दूध वाली चाय के फायदे हो सकते है।लेकिन वही अधिक मात्रा में दूध वाली चाय का सेवन किया जाए तो हमारे शरीर को अधिक मात्रा में नुकसान भी हो सकता है।अधिक मात्रा में चाय पीने से बोड़ी डिहाइड्रेट भी हो सकती है।और पानी की कमी हो सकती है। दूध की चाय गैस और एसिडिटी पैदा कर सकती है। अथवा कब्ज भी बन सकता है। दूध की चाय पीने से त्वचा पर पीलापन भी हो सकता है।अधिक चाय पीने से तनाव या चिंता का कारण बन सकता है।
दूध वाली चाय तो सेहत के लिए फायदेमंद होती है लेकिन इसका सेवन अधिक मात्रा में किया जाए तो इससे हमारे स्वस्थ को काफी नुकसान भी हो सकता है। इसलिए दूध वाली चाय का इस्तेमाल कम मात्रा में ही करना चाहिए।दूध की चाय में हमें लौंग ,अदरक ,इलायची, काली मिर्च,आदि सामग्री मिलाकर ही पीना चाहिए।जिससे हमे अधिक मात्रा में फायदा होता है।
खाना खाने के बाद चाय पीने के नुकसान
खाना खाने के तुरंत बाद आप अगर चाय का सेवन करते है तो आप कई पारकर की समस्यवाओ का सामना करना पड़ सकता है।अगर आप किसी पारकर की समस्याओं का सामना नहीं करना चाहते है तो आप खाना खाने के तीन चार घंटे बाद ही आप चाय पी सकते है।जिससे आपको किसी पारकर की हानि नहीं होगी।
खाना खाने के बाद चाय पीने से बढ़ता है ब्लड प्रेसर
कई जगहों पे वैसे कहे तो कंपनियों कारखानों में दोपहर के लंच के बाद चाय आ जाती है।लोगो को चाय पीना ही पड़ता है। लेकिन ऐसा करना उन्हे बड़ी समस्या में डाल सकता है।आने वाले समय में उन्हें ब्लड प्रेसर की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। अगर आप पहले से ही ब्लड प्रेसर और हाई डिप्रेसन से परेशान रहते है तो आप को खाना खाने के बाद चाय नहीं पीना चाहिए। खाना खाने के बाद चाय ना पिए इससे आपका ब्लड प्रेसर कंट्रोल में रहेगा।
दिल को करे बीमार
अगर आप चाय पीने के तुरंत बाद चाय पीते है तो आप को ये आदत अभी से छोड़नी होगी।क्योंकि ये आदत आप को गंभीर समस्या में डाल सकती है ।आपकी ये आदत आपके हृदय या दिल को बीमार कर सकती है। साथ ही कई अन्य नई बीमारिय भी पैदा हो सकती है। दिल की धड़कने बढ़ सकती है।अच्छा जीवन जीने के लिए हृदय का स्वस्थ रहना रहना बहुत ही जरूरी होता है। इसलिए दिल को बीमार होने से बचाएं।और खाना खाने के बाद चाय कभी भी न पिए।
पाचन की समस्या
खाना खाने के बाद चाय पीने से पाचन की समस्या बढ़ सकती है।चाय के प एसिडिक गुण होता है।जिससे हमारे पेट में । एसिडिक की मात्रा बढ़ जाती है। जिसके कारण खाना सही तरीके से पच नहीं पता है। जिससे पेट की समस्या पैदा होती है।इसलिए अभी से ही चाय पीना बंद कर दे।
निष्कर्ष
दूध वाली चाय संतुलित मात्रा में पी जाए तो सेहत के लिए फायदेमंद हो सकती है, लेकिन अधिक मात्रा में सेवन करने से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। सही मात्रा और सही समय पर चाय पीना जरूरी है। यदि आप चाय के शौकीन हैं, तो इसे सही तरीके से अपनाएं और स्वस्थ रहें।
अर्जुन के पेड़ के लाभकारी फायदे
शरीर में इन पांच बीमारियो को खत्म करती है अर्जुन की छाल
अर्जुन के पेड़ को औषधि गुडो का भंडार माना जाता है।अर्जुन के पेड़ के पत्ते फल और यह तक की छाल का भी उपयोग हमारे शरीर में छिपी कई बीमारी के लिए किया जाता है। आईए हम आपको इसके बारे में जानकारी परदान करते है ।
अर्जुन का पेड़ एक बहुत ही औषधि गुणों से भरपूर माना जाता है।अर्जुन की पेड़ की छाल का उपयोग आयुर्वेद में अलग अलग स्वस्थ में किया जाता है।अर्जुन की छाल का उपयोग हृदय वाले रोगों में अधिक लाभकारी होता है।अर्जुन की छाल कई लाभकारी तत्वों से भरी होती है। जिसका नाम इस प्रकार है। गैलिक एसिड ,एलेजिक एसिड,तैनिक एसिड, जैसे इसमें औषधि गुण पाए जाते है। अर्जुन की छाल का उपयोग मुख्य रूप से हृदय के रोग को सुधारने के लिए किया जाता है।विभिन्न तौर पर अलग अलग बीमारियो में किया जाता है । किंतु अगर हम अर्जुन की छाल का उपयोग अधिक मात्रा में किया जाए तो हमे हमारे शरीर में कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
* अर्जुन की छाल का अधिक उपयोग करने से आनेवाली समस्याएं
1. पाचन समस्याएं
बड़े बुजुर्ग सही कहते हैं कि। किसी भी चीज को हद से पार नहीं करना चहिए। इस प्रकार अर्जुन की छाल का उपयोग करने से पेटमें गैस। पेट मैं अपच । पेटमें दर्द जैसी समस्याएं आ सकती है। अर्जुन । की छाल से हमारे पेट में । भारीपन एवं असुविधा की समस्या उत्पन्नहो सकती है। जिसके कारण स्वास्थ्य कोई नुकसान भी हो सकता है। इसलिए अर्जुन की छाल का उपयोग। अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए।
रक्तचाप में असंतुलन
अर्जुन की छाल रक्तचाप कीसंतुलित करने में सहायक होती है। लेकिन अर्जुन की छाल का अधिक उपयोग करने से रक्तचापमें संतुलन बिगड़ सकता है। यानी रक्तचापको काम करता है जिससे आपको प्रतिदिन के कामों में असुविधा उत्पन्न होती है और आपके स्वास्थ्य को नुकसान भी हो सकता है
रक्त पतला करने वाला प्रभाव
अर्जुन की छाल का उपयोग हम अपने दैनिकजीवन के स्वास्थ्य को। अच्छा रखने के लिए करते हैं। लेकिन अधिक उपयोग करने से हमारे स्वास्थ्य को बिगाड़ सकता है । बल्कि यह खून को पतला भी कर सकता है। इसलिए अर्जुन की छाल को कम से कम मात्रा में लेना चाहिए। ब्लड प्रेशर की दवाइयां जो पहले से ही खा रहे हैं उन्हें अर्जुन की छाल का। कम से कमसेवन करना चाहिए ।
अस्थमा और श्वसन की समस्या है
कुछ लोगोंको मालूम नहीं अस्थमा जैसी बीमारियों में अर्जुन की छाल का अधिक उपयोग करनेसे अस्थमा की समस्याको बढ़ा सकता है। सांस लेनेमें समस्या खांसी और सीन में अकड़न आ सकती है। इसलिए कोशिश करना चाहिए कि। अस्थमा जैसी बड़ी बीमारियों में अर्जुन की छाल का उपयोग नहीं करना चाहिए।
त्वचा पर एलर्जी
जिन लोगोंको त्वचा एलर्जी होती है। क्या जिन लोगोंको बहुत जल्द किसी कारण सेत्वचा एलर्जी हो जाती है। उन लोगोंको अर्जुन की छाल का सेवन भी त्वचा की एलर्जी का कारण बन सकता है। अर्जुन की छाल कासे होने वाली एलर्जी। खुजली सूजन ललिमा। इसलिए पहले आपको जानकारी होनी चाहिए कि। आप पर अर्जुनकी छाल असर किस प्रकार होता है। जब आपके अर्जुन की छाल का कोई भी बुरा असर नहीं पड़े तभी आपको अर्जुन का उपयोग करना चाहिए।
सावधानियां
*किसी भी हर्बल और औसधी उपयोगकरने से पहले डॉक्टर की सलाह अवस्य ले।
*कम मात्रा में अर्जुन कीचल का उपयोग।
*अगर किसीभी प्रकार का दुष्प्रभाव दिखाई दे तो। अर्जुन की छालका उपयोग तुरंत ही बंद कर दे। और डॉक्टर की सलाह ले
*इन सब सावधानियां का ध्यान रखें। तभी अर्जुन की छाल का सेवन करें।
निष्कर्ष
अर्जुन की छाल एक अद्भुत औषधि है, जो हृदय, पाचन, हड्डियों और त्वचा के लिए अत्यधिक लाभकारी हो सकती है। लेकिन इसके अत्यधिक सेवन से कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं, इसलिए इसे संतुलित मात्रा में और डॉक्टर की सलाह से ही उपयोग करें।
क्या आपने पहले अर्जुन की छाल का उपयोग किया है? अगर हां, तो अपने अनुभव हमें कमेंट में जरूर बताएं!