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बुधवार, 3 जुलाई 2024

स्वर्गलोक से आया यह पौधा इसके लाभ जानकर हो जायेंगे हैरान

                                                        पारिजात 



 





स्वर्गलोक से आया परिजात का पौधा – दुर्लभ और चमत्कारी

परिजात का पौधा एक दिव्य और चमत्कारी पौधा माना जाता है। यह केवल एक साधारण पौधा नहीं है, बल्कि इसकी धार्मिक, वास्तुशास्त्रीय और औषधीय मान्यताएँ इसे अत्यंत महत्वपूर्ण बनाती हैं। यह पौधा भगवान कृष्ण, माता लक्ष्मी और इंद्र देव से जुड़ा हुआ है। इसकी विशेषताओं को जानकर आप भी इसे अपने घर या बगीचे में लगाना चाहेंगे।


परिजात का धार्मिक महत्व

पुरानी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, परिजात का फूल माता लक्ष्मी और भगवान कृष्ण को अत्यंत प्रिय है। पौराणिक कथाओं में कहा जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान परिजात का पौधा उत्पन्न हुआ था और इसे इंद्र देव ने अपने स्वर्गीय वाटिका में स्थापित किया था।


माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए

धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख है कि यदि कोई भक्त माता लक्ष्मी के व्रत में परिजात का फूल चढ़ाए, तो माता लक्ष्मी उस साधक पर विशेष कृपा करती हैं। इसीलिए, कई मंदिरों और पूजा स्थलों में इस पौधे को विशेष रूप से उगाया जाता है।


अयोध्या में परिजात का रोपण

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में पूजन के दौरान परिजात के पौधे का रोपण किया था। इससे यह स्पष्ट होता है कि यह पौधा धार्मिक दृष्टि से कितना महत्वपूर्ण है।


परिजात का वास्तुशास्त्र में महत्व

घर में लगाने के फायदे

परिजात का पौधा घर में लगाने से वास्तु दोष दूर होते हैं। इसके अलावा, यह नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करता है और घर में सकारात्मकता लाता है।


धन और समृद्धि की वृद्धि

मान्यताओं के अनुसार, घर में परिजात का पौधा लगाने से धन की कभी कमी नहीं होती। यह पौधा माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने में सहायक होता है, जिससे आर्थिक समृद्धि बनी रहती है।


परिजात के औषधीय गुण

परिजात न केवल धार्मिक और वास्तुशास्त्रीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह अनेक बीमारियों के इलाज में भी फायदेमंद है।


1. मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया में लाभकारी

परिजात के पत्तों और छाल से बना काढ़ा मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया के इलाज में कारगर माना जाता है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और संक्रमण से लड़ने में मदद करता है।


2. बुखार को कम करता है

यदि किसी व्यक्ति को तेज बुखार हो, तो परिजात के पत्तों और छाल का काढ़ा पीने से बुखार जल्दी कम हो जाता है। यह शरीर को ठंडक प्रदान करता है और जल्द ठीक होने में मदद करता है।


3. घाव भरने में मददगार

परिजात की पत्तियों का पेस्ट बनाने से यह फोड़े-फुंसी को ठीक करने में मदद करता है। इसके एंटीसेप्टिक गुण त्वचा संक्रमण को रोकते हैं और घाव जल्दी भरते हैं।


4. शुगर को नियंत्रित करता है

डायबिटीज के मरीजों के लिए परिजात का काढ़ा अत्यंत लाभकारी होता है। यह शरीर में शुगर लेवल को नियंत्रित करता है और ब्लड शुगर को स्थिर बनाए रखता है।


5. बार-बार पेशाब आने की समस्या में राहत

अगर किसी व्यक्ति को बार-बार पेशाब आने की समस्या हो, तो परिजात के पत्ते, फूल और जड़ से बना काढ़ा पीने से इस समस्या से छुटकारा मिल सकता है।


परिजात का उपयोग कैसे करें?

काढ़ा बनाना: परिजात के पत्ते और छाल को उबालकर काढ़ा बना सकते हैं। इसे दिन में एक या दो बार पीने से स्वास्थ्य लाभ मिलता है।


पेस्ट बनाना: इसकी पत्तियों को पीसकर प्रभावित स्थान पर लगाने से त्वचा संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।


फूलों का प्रयोग: इसके फूलों को पूजा में उपयोग करके धार्मिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है।

                                                                      स्वर्गलोकसे आया यह पौधा  यह बहुत ही दुर्लभ पौधा है  लाभ जानकर आप हैरान हो जाएंगे।                                                                                       

पुरानी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार परिजात के का फूल माता लक्ष्मी भगवान कृष्ण को बहुत पसंद है। कर साधु कहते है

 की माता लक्ष्मी के व्रत के समय में माता लक्ष्मी को परिजात का फूल चढ़ाए तो माता लक्ष्मी उस साधक पर अपनी कृपा अवसय करती है

हमारे प्रकित में ऐसे कर सारे पौधे है जो हमारे लिए धार्मिक रूप से लाभदायक होते है। मान्यताओं के अनुसार समुंदर के मंथन के समय इस पौधे  की उत्पत्ति हुई थी। 

इस दौरान श्री इंद्र देव ने अपने स्वर्ग के वाटिका में इस पौधे को लगाया था ।

 नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में पूजा के समय में इस परिजात के पौधे का पौधा रोपन किया था ।  धार्मिक मान्यताओं के अनुसार परिजात का फूल माता लक्ष्मी भगवान कृष्ण को बहुत पसंद है।

परिजात का पौधा घर में लगाने से वास्तु दोस दूर होता है।और धन की कभी कमी नही होती है। परिजात का पौधा  मलेरिया  डेंगू और चिकन बुनिया बुखार को ठीक करता है। बुखार को तुरंत कम के करने  के लिए परिजात के पत्ते और छाल का काढ़ा को उपयोग में लाया जाता है। 

घाव भरता है _परिजात के पौधा के पेस्ट से फोड़ा फुंसी ठीक को जाता है। तथा घाव को जल्दी ठीक करता है। पारिजात के पौधा का काढ़ा बनाके पीने से शुगर कंट्रोल में रहता है। किसी व्यक्ति को बार  बार पेसाब आने की परेशानी होती है तो वह परिजात के पौधा के पत्ती फूल जड़  का काढ़ा बनाके पीने से  इस समस्या से छुटकारा पा सकता है। 



निष्कर्ष

परिजात का पौधा केवल एक साधारण पौधा नहीं है, बल्कि यह धार्मिक, वास्तुशास्त्रीय और औषधीय दृष्टि से अत्यंत लाभकारी है। इसे घर में लगाने से न केवल सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है, बल्कि यह विभिन्न बीमारियों से बचाव में भी मदद करता है। यदि आप अपने घर में सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य लाभ चाहते हैं, तो परिजात का पौधा अवश्य लगाएँ।

क्या आपने अपने घर में परिजात का पौधा लगाया है? यदि नहीं, तो आज ही इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाएँ!

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