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गुरुवार, 25 जुलाई 2024

नीद पूरी नहीं होने की वजह से हो सकती है। ये बड़ी पांच बीमारिया

                             नीद न पूरी होने से होने वाले नुकसान 




जरूरतें पूरी न होने से होने वाले नुकसान


भूमिका


मनुष्य के जीवन में जरूरतें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। हमारी मूलभूत आवश्यकताएँ, जैसे भोजन, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक संबंध, हमारे जीवन को संतुलित बनाए रखने में मदद करती हैं। लेकिन जब ये जरूरतें पूरी नहीं होती हैं, तो इसका हमारे मानसिक, शारीरिक, सामाजिक और आर्थिक जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इस ब्लॉग में हम विभिन्न प्रकार की जरूरतें और उनकी पूर्ति न होने से होने वाले नुकसानों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।


1. शारीरिक जरूरतें पूरी न होने के नुकसान


(क) पोषण और स्वास्थ्य संबंधी नुकसान


यदि किसी व्यक्ति को पर्याप्त पोषण नहीं मिलता है, तो उसका शरीर कमजोर हो जाता है और कई बीमारियों का शिकार हो सकता है। कुपोषण से बच्चों का विकास रुक सकता है और वयस्कों में गंभीर बीमारियाँ उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे कि एनीमिया, हृदय रोग, और प्रतिरोधक क्षमता की कमी।


(ख) पानी और स्वच्छता की कमी


शुद्ध पानी की अनुपलब्धता से डिहाइड्रेशन, गुर्दे की समस्याएँ और जलजनित रोग हो सकते हैं। इसके अलावा, स्वच्छता की कमी से संक्रमण और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।


(ग) आवास की कमी


एक सुरक्षित और स्वस्थ घर की अनुपस्थिति से व्यक्ति को मौसम, बीमारी और सामाजिक असुरक्षा जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।


2. मानसिक जरूरतें पूरी न होने के नुकसान


(क) तनाव और अवसाद


(ख) आत्मविश्वास की कमीयदि किसी व्यक्ति की मानसिक आवश्यकताएँ पूरी नहीं होतीं, जैसे कि प्यार, अपनापन और सम्मान, तो वह तनाव, चिंता और अवसाद का शिकार हो सकता है।



जब व्यक्ति की आवश्यकताओं को बार-बार अनदेखा किया जाता है, तो उसका आत्मविश्वास कमजोर हो जाता है और वह खुद को असफल मानने लगता है।


(ग) सामाजिक अलगाव


जब व्यक्ति को सामाजिक सहयोग और स्वीकृति नहीं मिलती, तो वह अकेलापन महसूस करता है और समाज से कट सकता है। यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक हो सकता

 है।

3. आर्थिक जरूरतें पूरी न होने के नुकसान 


(क) गरीबी और बेरोजगारी


यदि व्यक्ति को रोजगार के अवसर नहीं मिलते, तो उसकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो सकती है, जिससे गरीबी बढ़ती है और जीवन स्तर गिरता है।


(ख) शिक्षा की कमी


शिक्षा प्राप्त करने के संसाधन न होने पर व्यक्ति के लिए अच्छी नौकरी पाना मुश्किल हो जाता है।


(ग) आपराधिक गतिविधियों की ओर झुकाव


आर्थिक जरूरतें पूरी न होने पर कुछ लोग चोरी, ठगी, भ्रष्टाचार और अन्य आपराधिक गतिविधियों में संलग्न हो सकते हैं।


4. सामाजिक जरूरतें पूरी न होने के नुकसान


(क) समाज से अलगाव


जब व्यक्ति को सामाजिक स्वीकृति नहीं मिलती, तो वह समाज से कट सकता है और एकाकी जीवन जीने को मजबूर हो सकता है।


(ख) पारिवारिक संबंधों में तनाव


जब जरूरतें पूरी नहीं होतीं, तो घर के सदस्यों के बीच मनमुटाव और झगड़े बढ़ सकते हैं, जिससे परिवार टूट सकता है।


(ग) अपराध और हिंसा


सामाजिक असुरक्षा के कारण लोग हिंसक प्रवृत्तियों को अपना सकते हैं, जिससे समाज में अपराध और अस्थिरता बढ़ सकती है।


समाधान: जरूरतें पूरी करने के उपाय


सरकार और समाज का सहयोग: सरकार को गरीबी, शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए।


स्वयं का प्रयास: आत्मनिर्भर बनने की कोशिश करें और अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए कौशल विकास करें।


सामाजिक जागरूकता: लोगों को सामाजिक सहयोग और परस्पर समर्थन के महत्व को समझना चाहिए।


परिवार और समुदाय का सहयोग: परिवार और समाज मिलकर जरूरतमंदों की सहायता करें।





 किया आपको पता है जब हम नीद लेते है।यानी जिस वक्त हम सो रहे होते है।उस समय हमारा शरीर अपने से कई विसक्त पदार्थों को साफ करने का काम करता है।जिससे हम सुबह हल्का और फ्रेश महसूस करते है।कया आपको पता है नीद पूरी होने शरीर की अंदरूनी भागो को नही बल्कि बाहरी हिस्सों जैसे तवाचके लिए भी बहुत फायदेमंद होती है।

क्या आप जानते है नीद लेना हमारे लिए किसी उपहार से कम नहीं है ।नीद लेना हमारे दिमाग को तरोताजा और हमारे शरीर के विभिन्न अंगों को आराम देने के लिए बहुत जरूरी होता है।अगर आपको लगता है की जब हम आंख बंद करते है तो शरीर के विभिन्न अंग भी काम करना बंद कर देते है तो आप गलत है।जिस वक्त हम सो रहे होते है उस वक्त हमारा शरीर अपने से विष्क्त पदार्थ निकलने का काम करता है।जिसके कारण हम हल्का और ताजा महसूस करते है।नीद पूरा होने से हमारे शरीर के अंग चाहे वह बाहरी हो या अंदरूनी सभी को अत्यधिक लाभ मिलता है।साथ साथ बहुत आराम भी मिलता है।एक तरफ अच्छा खान पान सेहत के लिए जरूरी है तो दूसरी तरफ पूरी नीद लेना भी सेहत के लिए बहुत लाभदायक होता है।

अच्छी और पर्याप्त नीद न लेने के कारण हमारे सेहत पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है।जो व्यक्ति नाइट शिफ्ट में काम करते है।उन्हें किसी न किसी पारकर समस्या उनके शरीर में बनी रहती है।जो व्यक्ति नाइट ड्यूटी करते है उनको देखने से मालूम पड़ जाता है।वह व्यक्ति असवस्थ  है। क्युकी  ऐसे व्यक्ति का चहरा मायूस सा होता है।चहरे पर दाग धब्बे  दिखाई देते है।और लोगो का चहरा हल्का सा काला दिखाई देता है।त्वचा के साथ कम नीद लेने  पे मानसिक स्थिति पर भी गहरे प्रभाव पड़ता है।

इससे शरीर में दर्द, वजन बढ़ना,तनाव,थकान जैसी कई समस्याएं आ सकती है। 

तो आईए जानते है की नीद पूरी ना होने के कारण कौन सी समस्या आ सकती है।

1.मधुमेह

नीद पूरी ना होने के कारण  जंक फूड और शुगर से भरपूर फूड खाने की इच्छा बढ़ जाती है।जिसके कारण मधुमेह , हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारी बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है।

नीद पूरी ना होने से हड्डियों में स्थित मिनिरल्स का संतुलन बिगड़ जाता है।तथा हड्डियों के जोड़ी के दर्द की समस्या पैदा होने लगती है। तथा हड्डियों का कमजोर होना सुरु हो जाता है।

हार्ट अटैक

जब हम पूरी नीद लेते है। तो हमारे शरीर से सारे विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते है जिससे हमारे शरीर की अंदरूनी मरमत होती है।और सफाई भी होती है।वही अगर नीद पूरा न होने से विषाक्त पदार्थ बाहर न निकले तो हमारे शरीर को काफी तकलीफ होती है।जिसके कारण ब्लैड प्रेसर की आशंका बाद जाति है।जिसके कारण हार्ट अटैक आने का खतरा बढ  जाता है।

मानसिक स्तिथि पर असर

नीद पूरी ना होने से इसका असर हमारी मानसिक स्तिथि पर पड़ता है। जितनी देर हम अधिक सोते है उतनी देर में हमारा दिमाग एक नई शक्ति ,ऊर्जा  एकत्रित कर लेता है। जिससे हमारादिमाग तारो ताजा हो जाता है। वहीं अगर नींद नहीं पूरी हो जाती है तो दिमागतेरा ताजा नहीं हो पाता है । जिसके कारण हमें कई मानसिक रोग पकड़ सकते है। कई बार याददाश् से जुड़ी समस्या होना संभव  होता है।

कैंसर 


 शोधकर्ता ने बताया है कि काम नीद लेने की वजह से ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना रहती है। साथ ही शरीर विभिन्न कोशिकाओं को भी खतरा रहता है।

दोस्तों जीवन में हर किसी व्यक्ति के जीवन में तनाव। रहता है। इसका मतलब यह नहीं की। हम अपनी बहुमत शरीर को ही  नुकसान पहुंचा दे। दोस्तों हमारा शरीर रहेगा तभी तो हमें शेयरके माध्यम से हर एक काम को कर सकते हैं चाहे वह काम हो या ना हो। परंतु हम वह काम तो इस शरीर के  माध्यम से ही करेंगे ना। अगर शरीर ही नहीं रहेगा तो हम काम कैसे करेंगे। इसलिए दोस्तों सबसे पहले हमने अपने शरीर परध्यान देना चाहिए।पुराने समय ने यानी आज के बीस साल पहले की बात करे तो इस एस दुनिया का विकास नहीं हुआ था।किंतु जैसे जैसे विकास हुआ वैसे वैसे हमारे ऊपर जिम्मेदारी भी बड़ते गई।तरह तरह के संसाधन आया तरह तरह के मसीने आती जिससे हमारे समाज में औधयोगिक उन्नति हुई।परंतु हमे कई पारकर से नुकसान भी हुआ ।पेट्रोल और डीजल वाली गाड़ी आने के कारण  पर्यावरण । दूषित हो गया जिसके कारण इंसानों के जीवन पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है। साथ ही जीवजंतुओं के जीवन पर भी बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है। 

इसलिए हमेशा स्वस्थ रहो मस्त रहो।    


निष्कर्ष


हमारी जरूरतों का पूरा होना हमारे जीवन को सुखद और सुरक्षित बनाता है। जब जरूरतें पूरी नहीं होतीं, तो हमें कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए, हमें अपनी जरूरतों को संतुलित तरीके से पूरा करने का प्रयास करना चाहिए और समाज में एक दूसरे की मदद करनी चाहिए। एक संतुलित और खुशहाल जीवन के लिए यह आवश्यक है कि व्यक्ति, समाज और सरकार मिलकर इस दिशा में कार्य करें।


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