नीम के पेड़ के अंगीनत फायदे।नीम के पेड़ को शायद ही कोई पहचानता नही होगा ।नीम में अधिक कड़वापन होता।अधिकतर लोगो को पता होता है ।की नीम में कड़वापन होता है।लेकिन वह सेहत के लिए फायदे मंद होता है।लेकिन नीम का उपयोग किस बीमारी में किया जाता है।अथवा नीम किन बीमारियो में काम आता है। इस बात की जानकारी बहोत कम लोगो को होती है। नीम के अत्यधिक फायदे होने के कारण नीम को कल्प वृक्ष भी कहा गया है।सामान्य तौर पर नीम का उपयोग चर्म रोग ,घाव ,आदि में करते है।नीम के पत्तो के काढ़े से घाव को धोने से घाव जल्दी ही ठीक हो जाता है।नीम एक तरफ से देखा जाय तो नीम एक तरफ खून को साफ करता है।नीम का तेल क्षय रोग,यानी टी वी ,को पैदा करने वाले जीवाणु की तीन जातियों का नास करने वाले गुण नीम के तेल में पाए जाते है।नीम की पत्तियों का गाढ़ा लेप करने से कैंसर को बढ़ाने वाली काशिकावो की क्षमता को कम करता है।
आईए जानते है की नीम का उपयोग किन किन बीमारियो में किया जाता है।
बालो की समस्या में नीम का फायदे।
नीम बालो के लिए बहुत उपयोगी होता है।बालो का असमय पकना तथा बालो को झड़ने की स्थिति में नीम का प्रयोग किया जाता है।
1. नीम के तेल को नियमपूर्वक दो तीन बूंद नाक में डालने से सफेद बाल काले हो जाते है। जब आप ये विधि का प्रयोग कर रहे हो तो आपको भोजन में गाय के दूध का उपयोग ही करना चाहिए।
2. नीम के पेड़ बिजो को भंगरा के रस में था असन पेड़ की छाल के काढ़े में भिगोकर छाया में सुखाकर ।ऐसा कई बार करे ।इसके बाद इसका तेल निकालकर नियमानुसार 2 ,2 बूंद नाक में डाले। इससे असमय सफेद बाल काले हो जाते है।इस दौरान केवल दूध और पके हुए चावल का ही प्रयोग करे।
3. नीम के पत्ते को पानी में अच्छी तरह उबाल कर उसे ठंडा कर ले। इसी पानी से सिर को धोते रहे इससे सिर के बाल मजबूत होते है। बालो का झड़ना या गिरना रुक जाता है।इससे अलावा सिर के कई रोगों में लाभ मिलता है।
4. नीम के पत्ते का एक भाग और बेर के पत्ते का एक भाग अच्छी तरह पीस ले। इसका लेप सिर पर लगाकर एक दो घंटे बाद दो ले। ऐसे बाल काले ,लंबे ,घने होते है।
5. नीम के पत्ते को पीसकर सिर पर लेप करने से सिर के जुए और लिख मार जाते है
नीम का इस्तेमाल आंख के रोगों के लिए लाभकारी।
नीम का प्रयोग खुजली ,आखों का दर्द,लाली आदि जैसे रोगों में किया जाता है।
जिस आंख में दर्धो उसके दूसरी तरफ के कान में नीम के कोमल पत्तों को गुनगुना करके दो दो बूंद टपकाए।दोनो आखों में दर्द हो तो दोनो कानो में टपकाए। ऐसा करने से दर्द खत्म हो जाएगा।
आधा किलोग्राम नीम के पत्तो को मिट्टी के दो बर्तन के बीच रख कंडो की आग यानी गाय के गोबर की आग में डाल दे । ठंडा होने पर अंदर की राख को 100 मिली नीबू के रस में मिलाकर सुखा लें ।इसे किसी बोतल जिसमे हवा जा सके ऐसे बोतल में भर कर रख ले। इस राख को काजल की तरह आंख में लगाने से आंख की खुजली और आंख की जलन में लाभ होता है।
यदि आखों के ऊपर सूजन के साथ दर्द हो और अंदर खुजली होती हो ।तो नीम के पत्ते और सोठ को पीसकर थोड़ा सेंधा नमक मिला ले। इसे हल्का गर्म कर ले एक कपड़े की पट्टी पर रख कर इसे आखों पे बांध ले। दो तीन दिन में आखों की सूजन दूर हो जाती है।
50 ग्राम नीम के पत्ते को पानी में पीसकर टिकिया बनाकर सरसो के तेल में पकाए। जब वह जलकर काली हो जाए तो उसमे दावा भाग कपूर तथा दसवां हिस्सा कलमी शोरा मिला ले। इसे खूब घोटकर काच की सीसी में रख ले। इसे रात को आखों में काजल की तरह लगाए और सुबह त्रिफला के पानी से आखों को पानी से धो ले। इस आखों की खुजली जलन लालिमा आदि रोग दूर हो जाते है । तथा आखों की रोशनी भी बढ़ती है।
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