ALL IS WELL

ALL  IS WELL
This blogge is very usefull the people. Inside this blog you will find many things that can be very useful in your life. So you guys should read this blog

मंगलवार, 30 जुलाई 2024

नीम के हजारों के फायदे । Neem ke patte ke fayde।नीम के 10 फायदे। नीम के पत्ते के नुकसान






नीम  के अचूक फायदे: सेहत के लिए अमृत 

नीम का पेड़ आयुर्वेद मे एक महत्वपूर्ण स्थान  रखता है। इसे 'कल्प वृक्ष' कहा  जाता है क्योंकि इसके पत्ते, छाल, बीज, तेल और फूल कई बीमारियों  के उपचार में उपयोगी होते हैं।  यह ना केवल हमारी त्वचा और  बालों के लिए लाभदायक है ।  बल्कि आंतरिक बीमारियों को  ठीक करने में भी  सहायक होता है।  इस ब्लॉग में हम जानेंगे की  नीम का उपयोग किन -किन बीमारियों मे  किया जाता है और  इसे किस प्रकार उपयोग  मे लाया जा सकता है। 

नीम के औषधीय गुण 

नीम  में एंटी-बैक्टीरियल , एंटी-फंगल और एंटी- वायरल गुण होते हैं, जो इसे एक प्रभावी प्राकृतिक औसधी  बनाते हैं। इसके सेवन से  शरीर की रोग प्रतिरोधक क्क्षमता  बढ़ती है और यह खून को शुद्ध करने में मदद करता है। 

1 . त्वचा रोगों मे  नीम का उपयोग 

नीम  के पत्तों और उसका  तेल त्वचा संबंदही कई समस्याओं मे उपयोगी होता है। 

कैसे  करे  उपयोग

. मूहासों के लिए: नीम के  पत्तों को पीसकर चेहरे  पर लगाएं और  15 मिनट बाद  धो लें।

. खू जली और चर्म रोग  के लिए:  नीम के पत्तों को  पानी मे  उबालकर  उस पानी से  नहाने से  त्वचा संबंदी  रोग दूर होते हैं। 

.  घाव  भरने के लिए:  नीम  का तेल लगाने से घाव जल्दी भरते हैं और संक्रमण नहीं  फैलता। 

2 . बालों की  समस्या मे  नीम के  फायदे 

नीम  का उपयोग बालों को मजबूत बनाने  और डैंड्रफ को दूर करने के  लिए किया जाता है। 

कैसे  करें उपयोग? 

. डैंड्रफ  से छुटकारा:  नीम के पत्तों को पानी मे उबालकर उस  पानी से सिर धोने से  डैंड्रफ दूर  होता है। 

. बालों का झड़ना रोकने के  लिए:  नीम के  तेल की मालिश करने  से बालों की  जड़ें मजबूत होती हैं। 

. बालों  को काला करने के लिए: नीम के बीजों का तेल नाक  में डालने से असमय सफेद हुए बाल  काले हो सकते हैं। 

3 . आंखों के  लिए नीम के  फायदे 

नीम  आंखों की  समस्याओं मेमे  भी फायदेमंद होता है । 

कैसे  करें उपयोग? 

. आखों की जलन और लालिमा के लिए:  नीम की  राख को  नींबू के रस मे  मिलाकर काजल की  तरह लगाने से आंखों की  खुजली और  जलन मे  आराम मिलता है। 

. आखों की रोशनी बढ़ाने के  लिए: नीम के फूलों को छाया मे  सुखाकर उसमें कलमई  शोरा मिलाकर  पीस लें और  इसे काजल की तरह  आंखों में लगाएं। 

4 . पेट  की समस्याओं मे  नीम का उपयोग 

नीम  पेट के रोगों मे भी कारगर माना  जाता है। 

 कैसे करें उपयोग?

. पेट  के कीड़े खत्म  करने के लिए;  रोजाना 5  मिली नीम का रस पीने से  पेट के कीड़े मर  जाते हैं। 

असीडीटी और अपच में;  नीम की छाल,  सोंठ, और धनिया को उबालकर  काढ़ा बनाकर  पीने से पेट की  समस्याएं दूर होती हैं। 

. पेट दर्द में:  नीम की छाल  को पानी मे उबालकर उसका सेवन करने  से पेट दर्द मे  राहत मिलती है। 

5 . दांतों और  मसूड़ों के  लिए नीम 

नीम  का उपयोग पुराने  समय से दातुन के रूप में किया जाता  रहा है। यह दांतों और मसूड़ों को स्वस्थ रखता है 

कैसे से करें उपयोग? 

दांतों  की सफाई के लिए:  रोजाना नीम  की दातुन करने से  दांतों में कैविटी नहीं  होती और मसूड़ों  मजबूत होते है। 

  • मसूड़ों  की सूजन में: नीम की छाल को  पानी में उबालकर कुल्ला  से मसूड़ों की सूजन काम  होती है। 

6 . नाक से खून बहने  (नकसीर) मे नीम का उपयोग 

कैसे  करें उपयोग? 

  • नकसीर  रोकने के लिए: अजवायन और नीम के पत्तों  पीसकर कनपटी पर  लगाने से नाक से खून आना बंद  हो जाता है । 

7 . कान  के रोगों मे  नीम का उपयोग 

नीम कान बहने की  समस्या की  दूर करने मे  सहायक होता  है । 

कैसे  करें उपयोग? 

  • कान  बहने से रोकने के  लिए: 40 मिली तील का तेल और 40  मिली नीम के  पत्तों के रस  को गर्म कर  लें और  ठंडा होने पर 3-4 बूंद कान मे  डालेंम 

  • इंफेकशिन  के लिए;  नीम का तेल लगाने से कान के  संक्रमण मे  राहत मिलती है 


 आखों में खुजली होती है।आखों की पलके मोटी हो जाती है। तथा बरूनी झड़ जाति है। तथा आखों के पलको के नीचे लाल हो जाती है।इस बीमारी में नीम के पत्तो के रस को गाढ़ा कर ले।इसे ठंडा करके काजल के रूप में लगाने से इस रोग में फायदा होता है।

दस ग्राम रूई में बीस नीम के पत्ते को रूई को फैलाकर नीम के पत्ते को उसके ऊपर रख ले इसके बाद नीम के पत्ते के ऊपर कपूर को छिड़कर रूई को लपेटकर इसे एक बत्ती बना ले ।इस बत्ती को गाय के घी में डुबोकर इस बत्ती को जलाकर इसका काजल बना ले। अब इस तैयार काजल को रात में सोते समय लगाकर सो जाए ।इस आखों से पानी गिरना ।आखों की लाली में फायदा करता है । तथा यह उपाय अनेक पारकर के रोगों में लाभ पहुंचता है। 

आखों में मोतियाबिंद,धुधलापन, तथा आखों की ज्योति बढ़ाने के लिए नीम के फूल को किसी छाया में सुखाकर बराबर भाग कलमी शोरा मिलाकर महीन पीसकर सूती कपड़े से छान ले। तथा इसको आखों में काजल की तरह लगाए।

नकसीर (नाक में खून बहना ) ने फायदेमंद है नीम का उपयोग 

अजवायन और नीम की पत्तियों को बराबर भाग में पीस ले । इसे कान की कनपटी पर लेप करने से नाक में से खून का बहना बंद हो जाता है। 

कान को बहने से रुके नीम के उपयोग से 

40 मिली तिल के तेल 40 मिली नीम के पत्ते का रस  को पकाए ।थोड़ा सा तेल बच जाए तो पकना बंद कर दे । तथा उस तेल को तीन  चार  बंद कान में डाले ऐसा करने से कान का बहना बंद हो जाता है । 

2.50ग्राम मोम 40 मिली नीम का तेल को आग पर गर्म करे।मोम गल जाने पर  थोड़ा से फिटकारी को डालकर उसे भी थोड़ा सा गर्म कर ले अब इन्हे अच्छी तरह मिलाकर कांच की शीशी में बंद कर ले ।इस तेल को 3_4 बूंद दिन में दो बार डालने पर कान का बहना बंद हो जाता है।

नीम का इस्तेमाल दातों में लाभदायक होता है। 

बहुत पुराने समय से ही लोग नीम के दातुन का इस्तेमाल लोग करते आ रहे है । तथा इससे दातो को किसी भी पारकर का रोग नही होता है । 

100 ग्राम नीम की जड़ को कूटकर आधा लीटर पानी में उबाल लें। जब पानी एक चौथाई बच जाए तो उबालना बंद कर दे। इस पानी का कुल्ला करने से दातो के अनेक रोग दूर होते है ।

नीम का सेवन करने से पेट के कीड़ों से राहत मिलती है। 

5 मिली नीम के पत्तो का रस पीने से पेट के कीड़े खत्म हो जाते है। अथवा 5 नीम के पत्ते खाने से पेट के कीड़े मर जाते है। 

किसी भी सब्जी में 5 नीम के पत्ते को छौक कर खाने से पेट के कीड़े मर जाते है ।

नीम की छाल और इंद्रजौ को बराबर मंत्रा में लेकर चूर्ण बना ले। 5 ग्राम में एक चौथाई हींग भून ले तथा दिन में दो बार सेवन करने से एसिडिटी में लाभ करी होता है ।

एसिडिटी के कारण होने वाले बुखार में भी यह प्रयोग फायदे मंद होता है ।  धनिया , सोंठ ,शक्कर ,नीम की सिंक सभी को 6/6 ग्राम मिला ले। इसका काढ़ा बनाकर पीने से खट्टी डकारें ,अपच तथा अत्यादिक प्यास लगने की समस्या दूर होती है ।

पेट दर्द में नीम का प्रयोग = 40/50ग्राम नीम की छाल को जौ के साथ कूटकर 400 मिली जल में पकाए और इसमें 10ग्राम नमक भी डाले । आधा शेस रहने पर गुनगुना कर पीला दे।पेट दर्द में आराम मिलता है।

10 ग्राम  पत्ते के साथ  1.5 ग्राम कपूर  मिलाकर ले । इसे पीसकर सेवन करने से हैजा में लाभ होता है । 

रोज सुबह 3/4 नीम की पकी निंबोली खाने से खून की पेचिश बंद होती है । तथा भूख खुल कर लगती है ।

नीम की छाल की राख को 10 मिली दही के साथ दिन में दो बार सेवन करने से आव वाले दस्त में लाभ होता है।   

निसकर्स 

नीम  एक प्राकृतिक औषधि है  जो अनेक बीमारियों को दूर करने मे सहायक होती है यह त्वचा  बालों, आँखों , पेट और  दांतों से जुड़ी समस्याओं मे  प्रभावी है। यदि आप  अपनी सेहत को  प्राकृतिक तरीके से  सुधारना चाहते  हैं तो  नीम  का नियमित रूप  से उपयोग करे । 

क्या  आप नीम का इस्तेमाल करते  है , अगर हां, तो  हमें कमेंट मे बताएं कि आपने इससे क्या  लाभ प्राप्त किए  है ।  



Share:

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

The news world

This blogge is very usefull the people. Inside this blog you will find many things that can be very useful in your life. So you guys should read this blog

यह ब्लॉग खोजें

Blogger द्वारा संचालित.

Labels

Blog Archive