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मंगलवार, 30 जुलाई 2024

नीम के पत्तो के फायदे । Neem ke patte ke fayde।नीम के 10 फायदे। नीम के पत्ते के नुकसान








 आखों में खुजली होती है।आखों की पलके मोटी हो जाती है। तथा बरूनी झड़ जाति है। तथा आखों के पलको के नीचे लाल हो जाती है।इस बीमारी में नीम के पत्तो के रस को गाढ़ा कर ले।इसे ठंडा करके काजल के रूप में लगाने से इस रोग में फायदा होता है।

दस ग्राम रूई में बीस नीम के पत्ते को रूई को फैलाकर नीम के पत्ते को उसके ऊपर रख ले इसके बाद नीम के पत्ते के ऊपर कपूर को छिड़कर रूई को लपेटकर इसे एक बत्ती बना ले ।इस बत्ती को गाय के घी में डुबोकर इस बत्ती को जलाकर इसका काजल बना ले। अब इस तैयार काजल को रात में सोते समय लगाकर सो जाए ।इस आखों से पानी गिरना ।आखों की लाली में फायदा करता है । तथा यह उपाय अनेक पारकर के रोगों में लाभ पहुंचता है। 

आखों में मोतियाबिंद,धुधलापन, तथा आखों की ज्योति बढ़ाने के लिए नीम के फूल को किसी छाया में सुखाकर बराबर भाग कलमी शोरा मिलाकर महीन पीसकर सूती कपड़े से छान ले। तथा इसको आखों में काजल की तरह लगाए।

नकसीर (नाक में खून बहना ) ने फायदेमंद है नीम का उपयोग 

अजवायन और नीम की पत्तियों को बराबर भाग में पीस ले । इसे कान की कनपटी पर लेप करने से नाक में से खून का बहना बंद हो जाता है। 

कान को बहने से रुके नीम के उपयोग से 

40 मिली तिल के तेल 40 मिली नीम के पत्ते का रस  को पकाए ।थोड़ा सा तेल बच जाए तो पकना बंद कर दे । तथा उस तेल को तीन  चार  बंद कान में डाले ऐसा करने से कान का बहना बंद हो जाता है । 

2.50ग्राम मोम 40 मिली नीम का तेल को आग पर गर्म करे।मोम गल जाने पर  थोड़ा से फिटकारी को डालकर उसे भी थोड़ा सा गर्म कर ले अब इन्हे अच्छी तरह मिलाकर कांच की शीशी में बंद कर ले ।इस तेल को 3_4 बूंद दिन में दो बार डालने पर कान का बहना बंद हो जाता है।

नीम का इस्तेमाल दातों में लाभदायक होता है। 

बहुत पुराने समय से ही लोग नीम के दातुन का इस्तेमाल लोग करते आ रहे है । तथा इससे दातो को किसी भी पारकर का रोग नही होता है । 

100 ग्राम नीम की जड़ को कूटकर आधा लीटर पानी में उबाल लें। जब पानी एक चौथाई बच जाए तो उबालना बंद कर दे। इस पानी का कुल्ला करने से दातो के अनेक रोग दूर होते है ।

नीम का सेवन करने से पेट के कीड़ों से राहत मिलती है। 

5 मिली नीम के पत्तो का रस पीने से पेट के कीड़े खत्म हो जाते है। अथवा 5 नीम के पत्ते खाने से पेट के कीड़े मर जाते है। 

किसी भी सब्जी में 5 नीम के पत्ते को छौक कर खाने से पेट के कीड़े मर जाते है ।

नीम की छाल और इंद्रजौ को बराबर मंत्रा में लेकर चूर्ण बना ले। 5 ग्राम में एक चौथाई हींग भून ले तथा दिन में दो बार सेवन करने से एसिडिटी में लाभ करी होता है ।

एसिडिटी के कारण होने वाले बुखार में भी यह प्रयोग फायदे मंद होता है ।  धनिया , सोंठ ,शक्कर ,नीम की सिंक सभी को 6/6 ग्राम मिला ले। इसका काढ़ा बनाकर पीने से खट्टी डकारें ,अपच तथा अत्यादिक प्यास लगने की समस्या दूर होती है ।

पेट दर्द में नीम का प्रयोग = 40/50ग्राम नीम की छाल को जौ के साथ कूटकर 400 मिली जल में पकाए और इसमें 10ग्राम नमक भी डाले । आधा शेस रहने पर गुनगुना कर पीला दे।पेट दर्द में आराम मिलता है।

10 ग्राम  पत्ते के साथ  1.5 ग्राम कपूर  मिलाकर ले । इसे पीसकर सेवन करने से हैजा में लाभ होता है । 

रोज सुबह 3/4 नीम की पकी निंबोली खाने से खून की पेचिश बंद होती है । तथा भूख खुल कर लगती है ।

नीम की छाल की राख को 10 मिली दही के साथ दिन में दो बार सेवन करने से आव वाले दस्त में लाभ होता है।

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