बादाम और सूखे हुए किसमिस को अगर दूध में सही तरीके से पिए तो आपके पूरे शरीर को पोषण ही नही बाली आपके शरीर को हर एक अंग को सही मात्रा में ऊर्जा प्रदान करती है। इसलिए दूध तो सभी पीते है मगर दूध पीने के बाद उनके शरीर में लगता नही है क्युकी वह लोगे दूध को सही तरीके से पीना नही जानते है।
गुरुवार, 29 अगस्त 2024
दूध को सही तरीके से खाने के अंगीनत लाभ,dhudh ko sahi tarike se khane ke angunat labh
बादाम और सूखे हुए किसमिस को अगर दूध में सही तरीके से पिए तो आपके पूरे शरीर को पोषण ही नही बाली आपके शरीर को हर एक अंग को सही मात्रा में ऊर्जा प्रदान करती है। इसलिए दूध तो सभी पीते है मगर दूध पीने के बाद उनके शरीर में लगता नही है क्युकी वह लोगे दूध को सही तरीके से पीना नही जानते है।
मंगलवार, 27 अगस्त 2024
पुरषों के लिए अंजीर के लाभ। Pursho ke liye anjeer ke labh.
भीगे अंजीर खाने के फायदे एंड नुकसान
अंजीर को एक अलग नाम से भी जाना जाता है ।इसका दूसरा नाम है फिग्स यह एक तरह से छोटा फल होता है जिसे सुखा और ताजा भी खा सकता है।यह हल्का लाल तरह का होता है यह स्वाद में मीठा होता हैं अजीर सूखने पे लचीला हो जाता है। यह खराब जल्दी नहीं होता है ताजे होने पर यह अधिक समय तक सही नही रहते है। अंजीर का टेस्ट बहुत अच्छा होता है और इसको खाने पे बहुत सारे लाभ भी होता है। इसकी खेती तुर्की मिस्त्र इटली स्पेन आदि जैसे देशों में किया जाता है। यह ठंडी गर्म जैसे मौसम में भी होता है।प्राचीन समय से ही अंजीर के पेड़ को भोजन के स्रोत के रूप में मान्यता दी गई है।
अंजीर में कौन कौन से गुण पाए जाते है।
अंजीर में कैलोरी कम होती है।अंजीर में सल्युबाल फाइबर और कहीं भी अधिक मात्रा में पाया जाता है।अंजीर में ल्यूनिट,कैरोटीन,विटामिन ए ,एंटीआक्सिडेंट सही मात्रा में पाया जाता है।इसका उपयोग करने से फ्री रेडिकल्स की परेशानी दूर हो जाती है।जिसके कारण कई पुरानी बीमारी की संभावना को भी काम किया जा सकता है। ताजा अंजीर में खाने से शरीर को कई पारकर के बीमारियो से राहत था शरीर में बीमारी कम होने चांसेंस बहुत कम होते है।
अंजीर का उपयोग कैसे किया जाता है।
अंजीर का उपयोग भारत में अनेकों पारकर से किया जाता है अधिकतर लोगो को अंजीर का हलवा बहुत पसंद है। अंजीर का हलवा बनाने में दूध, बादाम, और चीनी के स्थान पी अंजीर का उपयोग किया जाता है क्योंकि अंजीर में सुक्रोज अच्छी मात्रा में पाया जाता है ।इसलिए चीनी के स्थान पे अंजीर का उपयोग किया जाता है।
अंजीर के फल का पेस्ट रसदार, मीठा, मुलायम होता है इसलिए इसका उपयोग हलवा बनाने के लिए अधिक किया जाता है।
साथ ही इसको उपयोग केक और अन्य बेक समानो के लिए भी किया जाता है।सूखे अंजीर से बनाया हुआ मिल्कसेक बहुत सवादिस्ट होता है। इसलिए मिल्कसेक में चीनी मिलाने की आवश्यकता नहीं होती है। आप अपने किसी भी स्वीट को चीनी के स्थान पे आप अंजीर का उपयोग कर सकते है ।जिससे आप के स्वीट का स्वाद बड़ जायेगा। अंजीर का बीज ,छाल फल पत्तियां ,का उपयोग चिकित्सा में भी किया जाता है।अंजीर का उपयोग पेट में दर्द,भूख न लगना,खासी ,दस्त,आदि कई पारकर की बीमारियो में किया जाता है।
अंजीर खाने के फायदे क्या है।
अंजीर खाने के बहुत सारे फायदे है जिसे निम्न पारकर से दिया गया है।
1.अंजीर में अधिक मात्रा में फाइबर पाया जाता है जिससे मल नर्म हो जाता है और पाचन में काफी सुधार होता है।
ब्लड शुगर का लेवल कम और तनाव को कम करने में सहायक होता है।
अंजीर एक ऐसा फल है जिसमे कैल्सियम ,फासफोर अधिक मात्रा में पाया जाता है।जो हड्डी के विकास में काफी सहायता करता है।और गठन को प्रोत्साहित करने में मदद करता है।पोटैसियम अंजीर में भरपूर मंत्रा में पाया जाता है।तथा शरीर को रक्तचाप को नियंत्रित करने में पोटैसियम काफी मदद करता है।अंजीर में पाए जाने वाले विटामिन ई, सी,ए,त्वचा को पोषण देते है।और त्वचा के सेल्स को पुनर्जीवित करने काफी मदद करते है।
अंजीर खानेअंजीर खाने के नुकसान क्या है। के निम्न नुकसान हो सकते है ।
अंजीर को ज्यादा खाने से दस्त की समस्या हो सकती है।अंजीर की पत्तियां त्वचा को अधिक संवेदन शील बना सकती है।अगर आपको मधुमेह है तो और अगर आप ब्लड शुगर को कम करने की दवा ले रहे है तो आप अंजीर का इस्तेमाल करने से पहले डाक्टर की सलाह जरूर लें।
अंजीर कैसे खाना चाहिए।
सुबह उठने के बाद आप कुछ अंजीर को कुछ टुकड़ों में काट ले।और उन्हे खा ले।अंजीर में अधिक मंत्रा में फाइबर होने के कारण आपके पेट को काफी समय तक भरा रखेगा ।जिससे आपको भूख नहीं लगेगी ।इसके कारण आपका वजन घटाने में काफी सहायता मिलेगी।
अंजीर का उपयोग चीनी के स्थान पर भी कर सकते है। क्युकी अंजीर में काफी मिठास होता है जिसके कारण इसका उपयोग हलवा,जैम,बर्फी,केक आदि में किया जाता है।अपने भोजन के पौतिक को बढ़ाने के लिए आप अंजीर का सेवन कर सकते है।सलाद में भी सूखे अंजीर का इस्तेमाल किया जाता है।
भीगे बादाम खाने के क्या फायदे होते है।
पाचन को आसान बनाए= बादाम में सख्त, कठोर बनावट होती है।जिससे उन्हें पचाना मुस्किल हो सकता है।हालांकि भिगोने से वे नरम हो जाते है।जिससे शरीर उनको आसानी से पचा सकता है।
कुछ पोशाक तत्वों के अवशोषण को बढ़ता है= भिगोने से बादाम को चबाना आसान हो जाता है।जिससे पोशाक तत्वों का अवशोषण बढ़ जाता है
स्वाद और टेक्सचर को बढ़ता है।= भिगोने से बादाम की बनावट और स्वाद बढ़ जाता है।कच्चे बादाम सख्त और कुरकुरे होते है,टैनिन के कारण इनका स्वाद थोड़ा कड़वा होता है।भिगोने पे वे नरम , कम कड़वे,और मक्खन जैसे स्वाद वाले हो जाते है।
सुबह खाली पेट बादाम खाने के फायदे क्या है
सुबह खाली पेट बादाम खाने के फायदे निम्नलिखित है।
पाचन को आसान बनाता है
एंटीआक्सिडेंट कर रूप में काम करता है
वजन घटाने में सहायक होता है
त्वचा के लिए फायदेमंद होता है।
पोशाक तत्वों का अवशोषण बढ़ाता है
मस्तिष्क के कार्यों को बढ़ावा देता है।
ब्लड शुगर के लेवल को बेहतर बनाने में मदद करता है।
कोलेस्ट्रॉल के स्तर को प्रतिबंध करने में मदद करता है।
सोने से पहले बादाम खाने के फायदे=
यदि आप सोने से पहले ऐसा स्नेक खाना चाहते है।जो रात की एनआईडी में आप की गुण में सुधार करे तो बादाम एक अच्छा विकल्प है।बादाम में ट्रिप्टो फैन पाया जाता है।जो हार्मोन मेलाटोंनिन का एजेंट है।जो नीद को बढ़ावा देता है। हमारे सोने जागने के चक्र मेलाटोनिन द्वारा नियंत्रित होते है। यही कारण है की सोम से पहले बादाम खाने से नीद अच्छी आती है।
छिलके सहित बादाम खाने के फायदे
बादाम को छिलके सहित खाने से स्वाथ को कोई नुकसान नहीं होता है। स्वास्थ्य कारणों से कई फलों ,सब्जियों और नैट्स के छिलके में पाए जाने वाले एंटी पोसाक तत्वों से बचना चाहिए।फिर भी बादाम का छिलका अन्य सामग्री की तुलना मे अपेक्षा रहित हानि नहीं पहुंचता है ।
वैसे तो बादाम शरीर के लिए बहुत ही लाभ दयाल होता है।लेकिन किसी भी चीज का अधिक सेवन करने से हानिकात्क भी हो सकता है। इसलिए संतुलित आहार सेवन करना सभी के लिए बहुत जरूरी होता है।
सोमवार, 26 अगस्त 2024
दुबले पतले शरीर को मोटा करने के आसान से उपाय। Duble patle sharir ko mota karne ke aasan se upay
खाए इन विटामिन से भरपूर चीज को दूर होगी कमजोरी
वजन बढ़ाने के लिए एक बहुत ही कमाल की चीज है ।जिनका वजन नहीं बढ़ रहा है।उनके लिए हेजलटन है जो तेजी से वजन बढ़ाने में सहायता करती है।
बहुत सारे लोग कमजोरी से परेशान रहते है। वे हमेशा वजन बढ़ाने के तालाश में जारी रहते है। बहुत सारे लोग यह भी जानना चाहते है की वजन बढ़ाने के लिए क्या खाए पिए।अथवा वजन बढ़ाने के लिए घरेलू उपाय कया अपनाए ।हम लोग किसी भी चीज को पाने की जल्दी हमेशा से बनी रहती है। लेकिन किसी भी चीज को होने में समय लगता है ।किसी भी चीज का नियमित रूप से सेवन करने से वह चीज आपको लाभ जरूर करती है। वजन बढ़ाने के लिए लोग बहुत सारे दवाई तथा प्रोटीन जैसे मेडिकल का इस्तमाल करते है।।लेकिन जाया फायदा और नुकसान भी न हो इसलिए प्रकृति चीज को अधिक ध्यान देना चाहिए। हैजलटन एक ऐसा फल है। इसमेंअधिक मात्रा में प्रोटीन और कैलोरी पाया जाता है । जिससे हमारे शरीर को वजन बढ़ाने में काफी सहायता मिलती है
वजन बढ़ानेके लिए हेल्टाजन के फायदे
हैलोजन में अनेकप्रर के पोषक तत्व पाए जाते हैं जैसे कि। हेल्दी फैट्सप्रोटन विटामिन ए विटामिन विटामिन बी6। एंटीऑक्सीडेंट फाइबर पाए जाते हैं। यह सभी तत्व को वजन बढ़ाने मेंकाफी सहायता करते हैं जो हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंदहोता है। किस में पाए जाने वाले सभीविटामिन जो हमारे हेल्थके लिए काफी फायदेमंदहोती है।
1. हेल्टाजन स्मूदी
आप अपने रोजाना दिनचर्या में डेली स्मूदी शामिल कर सकते हैं
इसके लिए आप केला दूध और अन्य फलों के साथ हेल्टाजा मिक्सर में मिक्स करके इस स्मूदी को आप रोजाना नियमित रूप सी ले सकते है। जिससे आपके शरीर के काफी ताकत आ सकती है।
2.हेल्टाजन बटर
हेल्टाजन बटर बनाकर टोस्ट या बटर पर लगाकर खा सकते है।यह अधिक टेस्टी होने के साथ साथ बहुत सारे विटामिन से भरपूर होता है।जो शहरी का वजन बढ़ाने में काफी सहायक होता है।
3.हेल्टाजन के साथ ड्राई फ्रूट्स
आप बादाम काजू अखरोट को हेल्टाजन के साथ मिलाकर खा सकते है। इस तरह के मिश्रण में काफी मात्रा में हैल्डी फैट्स और हाई कैलोरी पाई जाती है। जो शरीर का वजन बढ़ाने में काफी सहायक होती है।
4. डेजटस में हैजलनटस
आप अपने कुकीज केक, चाकलेट ,में हैजलनटस का प्रयोग कर सकते है। इस तरह से खाने पे यह आपके भोज्य पदार्थ के टेस्ट को बढ़ता है। जिससे आपको काफी मात्रा में कैलोरी मिलती है।जिससे आपका वजन बढ़ाने में काफी सहायता मिलती है।
5. सलाद में तथा अन्य भोजन सामग्री में हैजलनटस
आप अपने पास्ता सलाद और अन्य तरह के डिशेज में हैल्जनटस को डालकर टेस्टी बना सकते है। यह आपके भोजन को टेस्टी बनाने के साथ साथ उसमे पोसक तत्वों की मात्रा ही बढ़ा देता है।
कितनी मात्रा में सेवन करना चाहिए।
हैल्जनटस का उपयोग लिमिट में करना चाहिए। डेली आप अगर रोजाना 15=30,ग्राम हैलजनटस का उपयोग सही मात्रा में होता है। यह आपके वजन बढ़ाने के साथ साथ आपके पूरे शरीर के हेल्थ को सुधारने में मदद करता है।
हैजलनटस वजन बढ़ाने के लिए स्वादिष्ट और पराकृतिक उपाय माना जाता है। इसे आप रोजाना अपने दिन चर्या में शामिल करके आप आसानी से अपना वजन बढ़ा सकते है। आप वजन बढ़ाने के साथ साथ डेली जिम , एक्सरसाइज करे। यह जरूरी भी है।
वैसे ते लोगे अदिकतर मोटापा से परेशान रहते है लेकिन बहुत सारे लोग ऐसे भी है जो अपना वजन बढ़ाना चाहते है लेकिन उनको वजन बढ़ाने में मुस्किल हो रही है। बहुत सारे लोग होते है जो बहुत खाते पीते है लिकिन उनका वजन नहीं बढ़ता है। जिसके चक्कर में लोग बाहर के बहुत जंक फूड खाते रहते है फिर भी उनका वजन नहीं बढ़ता है।
वजन कैसे बढ़ाएं? अगर आप भी दुबले पतले शरीर से परेशान है तो कुछ आपको हेल्दी फूड खाना चाहिए।जैसे दूध बादाम काजू आदि चीजे।इन सब में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है।दूध प्रोटीन वसा ,कैसियम,एयर अन्य विटामिन प्रोटीन से भरा होता है।
व्यायाम करने के बाद दूध पीने से मांसपेसी को सही मात्रा में प्रोटीन मिलता है जो शरीर के विकास के लिये बहुत जरूरी होता है। क्युकी दूध में वो जरूरी पोशाक तत्व होता है हमारे शरीर विकास के लिए बहुत जरूरी होता है।आपको रोजाना अक्गीला दूध पीना चाहिए।
चाकलेट नट शेक बनाना
इसे बनाए के लिए आधा लीटर दूध,एक केला चाकलेट एक चम्मच नट बटर मिलाए इन सभी को अच्छी तरह से मिक्स कर ले अब आपका शेक तैयार हो गया। अब आप इसे सुबह या शाम को पी सकते है।
एवोकैडी
यह एक ऐसा फल है जो हेल्थ के लिए अच्छा माना जाता है।इसका सेवन करने से आपका फैट भी बढ़ता है। इसमें बहुत अधिक कैलोरी नही होती है।लेकिन यह वजन बढ़ाने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। एक इसमें 17 ग्राम फाइबर,332 कैलोरी,29ग्राम फैट होता है इसमें विटामिन के, इ,सी होती है। यह वजन बढ़ाने में काफी सहायता करता है।
रेड मीट
रेड मीट में वजन बढ़ाने और मांस पेशियों के विकास के लिए सभी चीजे होती है। एम फैट और प्रोटीन दोनो होते है। जो आपके वजन को बढ़ता है।लेकी जायदा रेड मीट खाने से बचाना चाहिए।
सोयाबीन
सोयाबीन में आयरन विटामिन k । फास्फोरस का अच्छी मात्रा पाई जाती है। एक कप सोयाबीन में 29ग्राम प्रोटीन ,15,ग्राम फैट,17 ग्राम कबर्स 298कैलोरी होता है। इसके अलावा सोयाबीन में एंटी आक्सीडेंट अधिक होता है।
सेलमन टूना मछलियां में मांसपेसी के विकास के तथा ओमेगा 3 फैटी एसिड के कारण पूरे मानव शहरी को लाभ पहुंचता है। इसको चावल के साथ खाने से काफी मात्रा में शरीर को ऊर्जा मिलती है।
डिस्क्लेमर= साल सहित यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी परदान करती है।किसी तरह का योग ,चिकित्सा का विकल्प या राय नहीं है। अधिक जानकारी के लिए अपने डाक्टर से सलाह ले ।यह साइट जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नही करता है।
काली मिर्च के असली फायदे आप लोग नही जानते है Kali mirch ke asli phayde aur labh aap log nahi jante hai.
4 बीमारियो के लिए दवा है कालीमिर्च जानिए इसके फायदे और सेवन करने का सही तरीका
आपको सायद ही मालूम होगा की आप की किचन में पाए जाने वाली काली मिर्च आपके लिए कितना फायदा मंद हो सकती है। तो आईए जानते है की काली मिर्च के क्या क्या फायदे है।
मौसम की बारिश गर्मी से तो राहत देती है लेकिन इस समय अनेक पारकर के इंफेक्सन होते रहते है। नमी वाला मौसम में अधिक बीमारिय बढ़ने का खतरा रहता है क्योंकि इस मौसम में बैक्टीरिया के बढ़ने की संभावना अधिक रहती है जिससे बीमारी भी बढ़ने का खतरा अधिक रहता है। अच्छी बात यह है आप अपने मसाले में काली मिर्च का इस्तमाल करके अनेक पारकर के मौसमी बीमारी को दूर भगा सकते है। काली मिर्च का इस्तेमाल करने से भोजन के स्वाद में भी बढ़ोतरी आती है। लेकिन आप को जान कर हैरानी होगी की इसके औषधि गुण भी है। खासकर यह मौसमी चेंज में यह अपना असर अधिक दिखाती है।काली मिर्च को रोज मसाला के साथ इस्तेमाल करने से आपको पाचन संबंधी , आपकी इन्यूनिटी, आपकी हेल्थ , और बहुत सी परेशानी को आपसे दूर भगाता है ।तो आईए जानते है की काली मिर्च के कितने पारकर के लाभ है।
1. इन्युनिटी को मजबूत करता है।
जब जब मौसम चेंज होता है तब तब हमारी इम्युनिटी कमजोर हो जाती है। क्यूकी हम हवा में खराब बैक्टीरिया के संपर्क में आता है जिससे हमारा इन्युनिटी का संतुलन बिगड़ जाता है। इम्यूनिटी को मजबूत रखने के लिए जरूरी काम करना आवश्यक होता है। इसके लिए आपको काली मिर्च को रोजाना अपने भोजन में सामिल करना चाहिए जिससे आप इसके लाभ आसानी से पा सके।नेशनल हेल्थ के अनुसार काली मिर्च पराकृतिक में जीव जीवाणुरोधक है
इसमें एंटी ऑक्सीडेंट काफी मात्रा में होता है जो हमारी इन्युनिटी को मजबूत बनाने में हमारी काफी मदद करता है।
2. सर्दी खासी
मौसम के बदलाव में सर्दी खासी होना कॉमन सी बात है। लेकिन उस मौसम में काली मिर्च का सेवन करने से आप बीमार पड़ने की संभावना कम होती है। मसाले में मौजूद एंटी बैक्टीरिया हमारे । रिपेयरिंग सिस्टम को मजबूत बनाए रखता है इसलिए आप हमेशा फिट रहना चाहते है तो आप काली मिर्च का इस्तेमाल आप रोजाना करना सुरु कर दीजिए।
3.पोशाक तत्वों को बढ़ता है।
आपको शायद ही मालूम लोग की काली मिर्च के सेवन से पोसक तत्वों के अवशोषण में काफी हद तक सहायता मिलती है। काली मिर्च में एक पीपेरिन नामक एक यौगिक होता है।जो भोजन के अवश्यक विटामिन मिनिरल्स के अवशोषण को उचित बनाए रखने के लिए माना जाता है।
4. मौसम के बदलाव में काली मिर्च का सेवन करने से आपके पाचन को सही ढंग से सुचारू रूप से सही रखता है। काली मिर्च और भी अनेक प्रकार से लाभ पहुंचता है। जैसे की गैस , एसिडिटी पेट खराब होना ,पेट फूलना जैसी समस्या से राहत दिलाने के लिए काली मिर्च जायदा लाभ करी होता है।
काली मिर्च हाइड्रोक्लोरिक एसिड के स्त्राव में बढ़ावा देता है। जिससे आपका पाचन तंत्र ठीक से काम करने में अवश्य होता है।
काली मिर्च को अपने आहार में शामिल कैसे करे
आप अपने आहार में काली मिर्च को बहु सारे तरीको से सामिल कर सकते है इसे आप चाय में डाले पी सकते है। दूध में डाल के पी सकते है। सूप में डाल के पी सकते है। या फिर ditacs water बनाए ।आप इसे अपनी चाय में भी शामिल कर सकते है।यह न केवल इसे टेस्टी बनाएगा बल्कि इसे गुणकारी भी बनाएगा। निबू पानी या किसी और अन्य पेय जल में भी मिलाके आप पी सकते है यह सभी तरह से लाभ दायक होता है। अपनी सब्जी में भी काली मिर्च के पावडर को छिड़कर खा सकते है।
लौंग के औषधि गुण
सिर दर्द (सिर दर्द या अधकपारी) में लौंग का प्रयोग लाभ दायक है। सिर दर्द में आप लोग लौंग के तेल का इस्तेमाल कर सकते है। यदि कोई सिर दर्द या अधकपारी से परेशान है तो लौंग के तेल का प्रयोग आपको लाभ पहुंचता है। लौंग का प्रयोग कुछ इस पारकर से आप कर सकते है। 6 ग्राम लौंग को आप पानी में पीस कर सुखा लें ।इसके बाद सूखे हुए लौंग को थोड़ा गर्म कर ले। इसका कान के आस पास गाढ़ा लेप करने से सिर का दर्द या अधकपारी से आराम मिलता है।
2 ग्राम लौंग को पानी के साथ पीसकर गर्म कर ले ।इसको माथे पर लेप करने सर्दी के वजह से होने वाली सिर दर्द में आराम मिलता है।
आखों की बीमारी में लौंग के लाभ
कुछ लौंग ले अब लौंग को तांबे के बर्तन में पीस ले ।पीस हुए लौंग को सहद में मिलाके आखों में लगाने से आखों में होनेवाले रोगों में लाभ मिलता है।
दातो में लौंग के प्रयोग और उसके लाभ
लौंग से दातों के रोगों में भी लाभ मिलते है। लौंग के तेल को दातो में रूई के माध्यम से लगाए ।लौंग के तेल को लगाने से दातों के दर्द और दातों में लगे कीड़ो खत्म हो जाते है।जिससे दातो को आराम मिलता है।
बलगम की समस्या में लौंग के फायदे
125 मिली पानी में लौंग के 2ग्राम के पीसे हुए टुकड़ों को उबाल लें। इसे इतना उबाले की लौंग के पानी का एक चौथाई पानी बच जाए। अब इसे छानकर हल्का गर्म में ही पी ले। यह कफ को बाहर निकलने में मदद करता है।
लौंग के सेवन से खत्म होती है सासो और मुंह की बदबू
लौंग को मुंह में रख के खाने से सांस और मुंह की बदबू खत्म होती है।
दम के रोग में भी लाभकारी होता है लौंग का सेवन
दमा के रोग में भी लौंग को खाने से लाभ मिलता है। आंकड़े के फूल , काला नमक, और लौंग को बराबर मात्रा में ले ले।इनको पीसकर छोटी छोटी गोली बना ले। इसको मुंह में रख कर चूसने से सांसों और दमा के रोगों में लाभ मिलता है।
कुक्कुर खासी का इलाज लौंग से हो सकता है।
आग पर 3से 4 चार लौंग को भून ले। इसे सहद में मिलाकर चाटने से खासी में लाभ मिलता है।
हैजा में लौंग से लाभ
हैजा में ज्यादा प्यास लगने के समस्या होती है। अधिक प्यास लगती है। इस स्तिथि में लौंग से काफी आराम मिलता है। दो ग्राम लौंग को एक लीटर पानी में उबाल लें ।अब इसे पाच मिनट तक उबाल लें ।इसको नीचे उतरकर ढक दे ।अब इसमें से 200मिली पानी को बार बार समय समय पर पिलाने से हैजा में लगने वाली ज्यादा प्यास में आराम मिलता है।
अपच की समस्या में लौंग के लाभ
3 ग्राम हरड़ 1ग्राम लौंग को काढ़ा बनके रख ले। अब इसमें उचित मात्रा में सेंधा नमक मिला ले ।सेंधा नमक उतना ही मिलाए जितना पी सके । इसको अपच की स्तिथि में पिलाने से आराम मिलता है।
जी मिचलाने पर लौंग का इस्तेमाल
अगर किसी का जी मचला रहा है तो आप लौंग का निम्न तरह से उपयोग कर सकते है। यह उपाय इस पारकर है। कुछ लौंग को पीसकर पानी में थोड़ा सा गर्म कर ले। अब इसे उस व्यक्ति को पिला दे जिसका मन मचला रहा है। इसको पिलाने से रोगी को आराम मिलता है।
बुखार में लौंग का उपयोग करने से लाभ
छोटी पीपली और लौंग को बराबर मंत्रा में पीस ले ।अब इसको इस मिश्रण को जितना मिश्रण है उसका आधा शहद लेकर इनको मिलाकर सुबह शाम चाटने से बुखार के कारण हुए कमजोरी में लाभ देता है।
चिरयता तथा लौंग को समान भाग में ले ले अब इन दोनो को पानी में पीसकर पिलाने से बुखार में लाभ मिलता है।
पेट की गैस की समस्या में लौंग के लाभ
40ग्राम गुड़,10ग्राम सेंधा नमक,10ग्राम सोंठ,10ग्राम लौंग,अजवायन इन सबको पीस ले ।इनकी कुछ गोलियां बना ले ।इनकी 1 गोली को दिन में 1बार सेवन करने से पेट की गैस की समस्या में काफी लाभ देखने को मिलता है।
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Viral bukhar se thik hone ke aasan upaay
बुखार होना स्वास्थ में सबसे आम बात है ।बुखार होने का पहला कारण है शरीर का तापमान बिगड़ना ।जब जब हमारे शरीर का तापमान बिगड़ता है तब हमे ऐसा लगता है की हमे बुखार हो गया है।सबसे पहले जान लेते है की बुखार आता क्यू क्यू है ।जब हमारा शरीर किसी बीमारी से लड़ रहा होता है तो तो बुखार होता है।जैसे की मौसम बदलने के बाद कोई नई वायरल चीज /बीमारी आने वाली रहती है तो उससे लड़ते वकत जब हमारा शरीर का तापमान बिगड़ता है तो हमे बुखार हो जाता है।
कभी कभार बिखर आना सही होता है। जिससे शरीर में बीमारियो से लड़ने की रोग प्रतिरोधक की छमता बढ़ती है।लेकिन आप बुखार से परेशान है हो आप घरेलू उपाय करके ठीक हो सकते है। लेकिन याद रहे घरेलू उपाय के साथ साथ यदि बुखार उतर नही रहा है ।तत्काल ही आप डाक्टर की सलाह ले।
बुखरके लक्षण क्या है।
कभी कभी बुखार आना सही भी है। जिससे शरीर में रोग प्रतिरोधक की क्षमता बढ़ती है।यह अपने आप ही लक्षण का काम करता है।। शरीर में बुखार होने के कई कारण हो सकते है।जैसे
भूख में कमी
तनाव
सिरदर्द
कमजोरी
मांसपेसीय में दर्द होना
कांपना
बिना कारण पसीना आना
बुखार उतारने की दवा क्या है।
डाक्टर से चेक करके आप बुखार की दवा ले।बुखार उतारने की। पेरासिटामोल ,आइब्रूप्रोफेन ,ज्यादा परचलित दवाएं है।इसके अलावा इसितानिफोमेन, भी बुखार के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
बुखार ठीक करने के घरेलू उपाय
कुछ गहरेलू उपाय बताए जा रहे है ।जिसका इस्तेमाल करके आप बुखार को ठीक कर सकते है।
बुखार की वजह से आपके शरीर का तापमान बढ़ जाता है जिससे आपके शरीर से पसीना आता है। जिससे शरीर डिहाइट्रे हो जाती है किसकी वजह से हमारे शरीर में कई तरह के बीमारी भी हो सकती है।इसलिए जरूरी है अपने शरीर को उचित मात्रा में आहार देना।
ठंडे पानी की पट्टियां
यह नुस्का बहुत पुराना नुस्का है जो की ठंडे पानी की पट्टी सर पे रखी जाती है। यह नुस्खा बहुत जायदा कई जगहों पर किया जाता है। अगर आपको कभी बुखार आता है तो आप साफ सूती के कपड़े की पट्टी को साफ पानी में भिगोकर पट्टी को निचोड़कर माथे पर रख ले। बुखार में गीला कपड़ा रखने से बुखार कम होता जाता है। पट्टी को थोड़े थोड़े समय के बाद उसे बदलते रहे। बदलने का मतलब है की कपड़े को नहीं बदलना है कपड़े के पानी को निचोड़कर दूसरा पानी में भिगोकर उसे निचोड़ ले फिर माथे पर रख दे। ऐसा बार बार करने से बुखार कम होने की संभावना रहती है।
गिलोय
तेज बुखार को उतारने में गिलोय बहुत ही पुरानी दावा है।जी पुराने समय में हमारे दादा दादी नाना नानी करते थे। वैसे तो गिलोय का उपयोग बहुत तरह के स्वतथ तरह के कामों में लाया जाता है गिलोय का उपयोग करने के लिए एक गिलास में पानी ले इसके बाद गिलोय को कूटकर पानी में डाले इसके बाद पानी को उबाल लें। पानी को इतना उबाले की पानी आधा हो जाए। इसके बाद उसे छान कर चाय की तरह गर्म गर्म पी ले।स्वाद में थोड़ा अलग तो आयेगा लेकिन आपको उसे पीना है। इससे आपका बुखार कम हो जाएगा। यदि आपका बुखार पूरी तरह से ठीक नहीं हो रहा है तो आप डाक्टर को दिखा सकते है
लहसुन
लहसुन की तासीर गर्म होती है। लेकिन यह बुखार को ठीक करने में काफी सहायता करती है। यह शरीर के तापमान को कम करने में मदद करता है। और शरीर के विषाक्त पदार्थ को बाहर निकालता है। लहसुन में बीमारी से लड़ने की ताकत होती है क्युकी लहसुन में एंटीबैकटिरियल गुण होते है। जो बीमारी से लड़ने में हमारी मदद करता है।लहसुन का उपयोग करने के लिए आप दो लहसुन के टुकड़ों को ले। इसके बाद एक गिलास पानी में आप लहसुन को पानी में डालकर उबाल लें।इसके बाद पानी को छान कर पी ले। दूसरा उपाय जैतून के तेल में लहसुन के पेस्ट को मिलाके पैर के तलवे में लगा ले जिससे आपको आराम मिलेगा।
अदरक
हड्डी बुखार के लिए अदरक को बहुत अच्छा उपाय माना जाता है।यह भी बुखार को ठीक करता है यह एक अच्छा एम्यूनिटी बूस्टर है।पराकृतिक रूप से अदरक एंटीवेयरल एव एंटी बैक्टीरियल का अच्छा स्रोत माना जाता है।जो संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। यह खासी और सर्दी को भी दूर भगाता है। अदरक की चाय पीने से बुखार में आराम मिलता है। इसके अलावा आप अदरक का काढ़ा भी बनाके आप पी सकते है।
तुलसी
आयुर्वेदिक में तुलसी का प्रयोग सादियो से होता आ रहा है। अंदरूनी बुखार में तुलसी का पयोग किया जाता है।
पोशाक तत्वों से भरपूर तुलसी यह जड़ी बूटी की तरह काम करती है। तुलसी का प्रयोग करने से बुखार तेजी से काम होता है। इसके प्रयोग के लिए एक गिलास पानी में 15=20 तुलसी के पत्तियां और एक चमच अदरक का पेस्ट ले इसको अच्छे से उबाल लें।जब पानी आधा हो जाय तो इसमें सहद मिलाके इसका दिन में दो बार सेवन करे।
सारंस
बुखार होना कोई बहुत बड़ी बात नहीं है। शरीर में किसी तरह की वजह से शहरी का तापमान में वृद्धि होने से बुखार हो सकता है। बुखार होने से शरीर की इम्यूनिटी बढ़ोतरी होती है।बुखार अपने आप में एक लक्षण है।जो शरीर में हो रही समस्या को दर्शाता है।बुखार को आप घरेलू नुस्खे अपनाके भी ठीक कर सकते है। जैसे गिलोय।अदरक।लहसुन।
जब बीमारी आती है तो कभी बताकर नहीं आती है। जब बीमारी आती है तो हमारे पास उस समय उतना साधन नही होता है। इसलिए आप हमेशा सतर्क रहे। हर वायरल चोटी बीमारी का घरेलू इलाज रखना चाहिए।
स्वास्थ बीमा बहुत जरूरी है। स्वास्थ बीमा करने से आपको पड़ने वाला खर्चा से आपको बचाता है।जिससे आप और आपका परिवार आर्थिक रूप से काजोर नही होता होता है।
फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस यह एक अच्छा विचार है। जिससे आप हमेशा सुरछित रहते है।
डिस्क्लेमर= बुखार में किसी भी घरेलू नुस्खा अपनाने से पहले डाक्टर की सलाह ले।
बुधवार, 21 अगस्त 2024
बादाम से होनेवाले फायदे जो आपको कई बीमारियो से बचाता है।badam ke anjinat fayde aur labh
` बादाम के छिलके है चमत्कारी चीज ऐसे खाने से होगा दिमाग तेज शरीर में होगा अनेक प्रकार के लाभ
बादाम के छिलके को फेकने की गलती कभी न करे।इसके अंदर ताकतवर गुण होते है।साथ ही टाइप 2 डायबिटीज को मैनेज करने में भूमिका निभाती है। आई छिलके सहित बादाम खाने की फायदे जानते हैं
शरीरको हेल्दीबनाने के लिए लोग बादाम खातेहैं इसमें ओमेगा एसिड विटामिन ई होता है अक्सर बादामको भिगोकर उसका छिलका उतार कर खाया जाता है किसका चिल्का फेंक दिया जाता है। मगर क्या आप जानतेहैं बादाम केछिलके में स्वास्थ्यवर्धक गुण होते हैं। जोआपके पूरे शरीर की क्षमता को बढ़ा सकते हैं।
रिसर्च के मुताबिक बादम के छिलकों में परचूर पालीफेनोल होते है। यह आपका फॉक्स और मेमोरी बढ़ाने के लिए जाने जातेहैं। यह शॉर्ट टर्ममेमोरी लाश का भी बेहतर उपाय है।
इंसुलिन बढ़ाने के उपाय
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ब्लड क्लाट के खतरे में कमी
शरीर में ब्लड क्लाट बनना खतरनाक है। इसकी वजह । ब्लड सर्कुलेशन रुक जाताहै।मगर पालीफेनोलस ब्लड क्लोट बने में खतरा कम करता है।
डाइजेशन में सुधार
पाली फेनोलस आपका डाइजेशन भी बढ़ाता है। यह गट के हेल्दीबैक्टीरिया । बढ़ानेमें असरदार साबित होती है। जिसकी वजह से कब्ज गर्ड एसिड रिफलेक्स से बचाव होता है।
कैंसर से बचाव
कई ताजा रिसर्च ने इस बात की तरफ इसरा किया है कि पालीफेनोलस में कैंसर का खतरा कम होता है।इनमे antiaaksident और एंटी inflomentri होती है।जो कैंसर से बचाने के लिए जानी जाती है।
बादाम के छिलके कैसे खाए
बादाम के छिलके खाने के लिए आपको अलग अलग तरीके अपनाने की जरूरत नहीं है।आप भीगे बादाम को बिना छिलके उतारे खा सकते है। इस तरह बादाम और उसके छिलके दोनो के लाभ मिलेंगे।
बादाम दुनिया में सबसे लोकप्रिय ट्री नटस में से एक है सबसे पहले बादाम सोलहवीं सदी में फारसी लोगो के द्वारा कसमीर में ले गए थे। लेकिन अब केरल आंध प्रदेश आदि राज्यों में बादाम की खेती होती है।बादाम को कच्चा ,टुकड़ों में कटकर या अन्य तरीकों से खा सकते है । इनमे बादाम का दूध भी बनाया जाता है ।इनमे मेवे की त्वचा झुरीदार होती है ।और इनकी ऊपर परत थोड़ी सख्त होती है। छिलके के पारकर के आधार पर बादाम कर पारकर के होते है ।कहा जाता है की सबसे अच्छा किसम कैलिफोनिय किस्म है। तथा अन्य पारकर है।हरे बादाम ,मोलर , सनोरा,फेराडु और कर्मेल बादाम
बादाम में कौन से पोसक तत्व पाए जाते है।
बादाम में बहुत सारे पोषक तत्व पाए जाते है । जैसे की फैट,प्रोटीन,फाइबर,पोटैसियम,कैल्सियम मैग्निसिय,फैसफोरस ,विटामिन ई,फैटी एसिड और आयरन।
बदमकी खूबियां
विटामिन ई,बादाम में पाए जाने वाले विटामिन ई और एंटी आक्सीडेंट सेल डैमेज को रोकने में मदद करते है।शरीर में मजूद फ्री रेडिकल्स,असिथिर रसायन होते है।जो यदि समाप्त न हो कोसिकाओ को नुकसान पहुंचाते है। विटामिन ई जैसे एंटी आक्सीडेंट इन फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करती है।इस पारकर विटामिन ई जो बादाम में परचुर मात्रा में पाया जाता है।फ्री रेडिकल्स से होनी वाली छत्ती की रोकथाम में मदद करती है। और साथ ही इम्यूनिटी भी बढ़ देता है।
हेल्दी फिट्स
बादाम अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर में यगदान करते हैं। बादाममें अच्छे। मात्रा में अच्छे हेड्स होते हैं।इनमे monoansaichurets faits। की कंसंट्रेशन बहुत ज्यादा होती है। पर्याप्त मात्रामें फैट्स शामिल होनी चाहिए।
कोलेस्ट्रॉल
बादाम खाने सेखराब कोलेस्ट्रोल का स्तर कम होता है। बादामसे रक्त मैं मौजूद कोलेस्ट्रॉल को कम करने। हृदयरोग की जो जोखिम को कम करने क्षमता होतीहै। इनमें मोनू अनसैचुरेटेड। फैटी एसिड होती है। जो खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में हमारी मदद करती है। साथी स्वस्थ कोलेस्ट्रॉल को बढ़नीहै।
ब्लड प्रेशर
बादाम में मैग्नीशियमकी मात्रा अधिक होती है। जिसमें रक्तचाप कम होता है। बादाममें प्रचुर मात्रा में मैग्नीशियमपाया जाता है। जो सूजन और कोलेस्ट्रॉल को कम करने के अलावा। रक्तचाप को भी कम करता है । मैग्नीशियम सेभरपूर का खाद्य पदार्थ को खाने में रक्तचाप को कम करने में मदद मिल सकती है। जो मैग्नीशियम की कमी का एक और प्रभाव है।
फाइबर
बादाम हृदयके स्वस्थ रखने वाले फाइबर। और मांसपेशियोंका निर्माण करने वाले प्रोटीन से भरपूर होते हैं। एक ओस बादाम में लगभग 4 ग्राम फाइबर 6 ग्राम थोड़ा सा अधिक प्रोटीन होता है। प्रोटीन हमारे शरीर के ब्लीडिंग ब्लाक्स होतेहैं। और मांसपेशियों केविकास के लिए आवश्यक होते हैं। बादाममें उच्च मात्रा में फाइबर होता है। जो आप और हृदय के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्णहोती है।
बादाम खाने के नुकसान
जैसे कि हम सभी जानते हैं बादाम हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत। अच्छा होता है। इसलिए हम सभी शारीरिक और मानिक कल्याण के लिए पोषक तत्वों से भरपूर पावर हाउस का। सेवन करते हैं। हालांकि कुछ सोच बताते हैं कि बादाम का अधिक सेवन करने से स्वास्थ्य संबंधी खतरे भी हो सकते हैं।
1.एलर्जी
अगर आपको अखरोट से एलर्जी है तोआपको बादाम और अन्य सभी प्रकार के नटस से दूर रहना चाहिए।
एलर्जीके लक्षण. गले में दर्द, मुंह में कैविटी खुजली, सूजन में होठ।
2. कब्ज= हालांकिबादाम आहार एक फाइबर का बहुत बड़ा स्रोत है। जिससे हम सभीको अपने आंतों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए आवश्यक होतीहै लेकिन कभी-कभी अधिक बादाम खाने से कब्ज भी ह सकता है
3. वजन बढ़ाना=एक कोष बादाम मेंलगभग 160 कैलोरी होती है इसलिए इससे अधिक संभावना होती कि हमारे शरीर का वजन बढ़ जाता है.
4.किडनी स्टोन=जबकिबादाम ज्यादातर लोगों के लिए स्वस्थ माने जाते हैं मैं ऑक्सलेट मात्रा अधिकहोती है. और किडनी वाले स्टोन से लोगों को बादामखाने से बचाना चाहिए.
5. सीने में जलन=यदि आपको एसिड रिफलेक्स या गैस रिफलेक्स डीजीज का निदान हुआ है तोआपको बादाम का सेवन अधिक करना चाहिए।क्युकी उनमें वीएसए की मात्रा अधिक होती है।
6.विटामिन ए का सेवन अधिक= शरीर में विटामिन ए की अधिक मात्रा से रक्त के जमने के कार्य में रुकावट आती है।और रक्त स्राव जैसे गंभीर परिणाम हो सकते है।
भीगे बादाम खाने से कया फायदा होता है।
पचनको आसान बनाए=बादाम में सख्त,कठोर बनावट होती है।जिससे उन्हें पचाना मुस्किल हो सकता है।हालांकि भिगोने से वे नरम हो जाते है।जिससे संभवत शरीर उनको आसानी से पच सकता है।?