बुखार होना स्वास्थ में सबसे आम बात है ।बुखार होने का पहला कारण है शरीर का तापमान बिगड़ना ।जब जब हमारे शरीर का तापमान बिगड़ता है तब हमे ऐसा लगता है की हमे बुखार हो गया है।सबसे पहले जान लेते है की बुखार आता क्यू क्यू है ।जब हमारा शरीर किसी बीमारी से लड़ रहा होता है तो तो बुखार होता है।जैसे की मौसम बदलने के बाद कोई नई वायरल चीज /बीमारी आने वाली रहती है तो उससे लड़ते वकत जब हमारा शरीर का तापमान बिगड़ता है तो हमे बुखार हो जाता है।
कभी कभार बिखर आना सही होता है। जिससे शरीर में बीमारियो से लड़ने की रोग प्रतिरोधक की छमता बढ़ती है।लेकिन आप बुखार से परेशान है हो आप घरेलू उपाय करके ठीक हो सकते है। लेकिन याद रहे घरेलू उपाय के साथ साथ यदि बुखार उतर नही रहा है ।तत्काल ही आप डाक्टर की सलाह ले।
बुखरके लक्षण क्या है।
कभी कभी बुखार आना सही भी है। जिससे शरीर में रोग प्रतिरोधक की क्षमता बढ़ती है।यह अपने आप ही लक्षण का काम करता है।। शरीर में बुखार होने के कई कारण हो सकते है।जैसे
भूख में कमी
तनाव
सिरदर्द
कमजोरी
मांसपेसीय में दर्द होना
कांपना
बिना कारण पसीना आना
बुखार उतारने की दवा क्या है।
डाक्टर से चेक करके आप बुखार की दवा ले।बुखार उतारने की। पेरासिटामोल ,आइब्रूप्रोफेन ,ज्यादा परचलित दवाएं है।इसके अलावा इसितानिफोमेन, भी बुखार के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
बुखार ठीक करने के घरेलू उपाय
कुछ गहरेलू उपाय बताए जा रहे है ।जिसका इस्तेमाल करके आप बुखार को ठीक कर सकते है।
बुखार की वजह से आपके शरीर का तापमान बढ़ जाता है जिससे आपके शरीर से पसीना आता है। जिससे शरीर डिहाइट्रे हो जाती है किसकी वजह से हमारे शरीर में कई तरह के बीमारी भी हो सकती है।इसलिए जरूरी है अपने शरीर को उचित मात्रा में आहार देना।
ठंडे पानी की पट्टियां
यह नुस्का बहुत पुराना नुस्का है जो की ठंडे पानी की पट्टी सर पे रखी जाती है। यह नुस्खा बहुत जायदा कई जगहों पर किया जाता है। अगर आपको कभी बुखार आता है तो आप साफ सूती के कपड़े की पट्टी को साफ पानी में भिगोकर पट्टी को निचोड़कर माथे पर रख ले। बुखार में गीला कपड़ा रखने से बुखार कम होता जाता है। पट्टी को थोड़े थोड़े समय के बाद उसे बदलते रहे। बदलने का मतलब है की कपड़े को नहीं बदलना है कपड़े के पानी को निचोड़कर दूसरा पानी में भिगोकर उसे निचोड़ ले फिर माथे पर रख दे। ऐसा बार बार करने से बुखार कम होने की संभावना रहती है।
गिलोय
तेज बुखार को उतारने में गिलोय बहुत ही पुरानी दावा है।जी पुराने समय में हमारे दादा दादी नाना नानी करते थे। वैसे तो गिलोय का उपयोग बहुत तरह के स्वतथ तरह के कामों में लाया जाता है गिलोय का उपयोग करने के लिए एक गिलास में पानी ले इसके बाद गिलोय को कूटकर पानी में डाले इसके बाद पानी को उबाल लें। पानी को इतना उबाले की पानी आधा हो जाए। इसके बाद उसे छान कर चाय की तरह गर्म गर्म पी ले।स्वाद में थोड़ा अलग तो आयेगा लेकिन आपको उसे पीना है। इससे आपका बुखार कम हो जाएगा। यदि आपका बुखार पूरी तरह से ठीक नहीं हो रहा है तो आप डाक्टर को दिखा सकते है
लहसुन
लहसुन की तासीर गर्म होती है। लेकिन यह बुखार को ठीक करने में काफी सहायता करती है। यह शरीर के तापमान को कम करने में मदद करता है। और शरीर के विषाक्त पदार्थ को बाहर निकालता है। लहसुन में बीमारी से लड़ने की ताकत होती है क्युकी लहसुन में एंटीबैकटिरियल गुण होते है। जो बीमारी से लड़ने में हमारी मदद करता है।लहसुन का उपयोग करने के लिए आप दो लहसुन के टुकड़ों को ले। इसके बाद एक गिलास पानी में आप लहसुन को पानी में डालकर उबाल लें।इसके बाद पानी को छान कर पी ले। दूसरा उपाय जैतून के तेल में लहसुन के पेस्ट को मिलाके पैर के तलवे में लगा ले जिससे आपको आराम मिलेगा।
अदरक
हड्डी बुखार के लिए अदरक को बहुत अच्छा उपाय माना जाता है।यह भी बुखार को ठीक करता है यह एक अच्छा एम्यूनिटी बूस्टर है।पराकृतिक रूप से अदरक एंटीवेयरल एव एंटी बैक्टीरियल का अच्छा स्रोत माना जाता है।जो संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। यह खासी और सर्दी को भी दूर भगाता है। अदरक की चाय पीने से बुखार में आराम मिलता है। इसके अलावा आप अदरक का काढ़ा भी बनाके आप पी सकते है।
तुलसी
आयुर्वेदिक में तुलसी का प्रयोग सादियो से होता आ रहा है। अंदरूनी बुखार में तुलसी का पयोग किया जाता है।
पोशाक तत्वों से भरपूर तुलसी यह जड़ी बूटी की तरह काम करती है। तुलसी का प्रयोग करने से बुखार तेजी से काम होता है। इसके प्रयोग के लिए एक गिलास पानी में 15=20 तुलसी के पत्तियां और एक चमच अदरक का पेस्ट ले इसको अच्छे से उबाल लें।जब पानी आधा हो जाय तो इसमें सहद मिलाके इसका दिन में दो बार सेवन करे।
सारंस
बुखार होना कोई बहुत बड़ी बात नहीं है। शरीर में किसी तरह की वजह से शहरी का तापमान में वृद्धि होने से बुखार हो सकता है। बुखार होने से शरीर की इम्यूनिटी बढ़ोतरी होती है।बुखार अपने आप में एक लक्षण है।जो शरीर में हो रही समस्या को दर्शाता है।बुखार को आप घरेलू नुस्खे अपनाके भी ठीक कर सकते है। जैसे गिलोय।अदरक।लहसुन।
जब बीमारी आती है तो कभी बताकर नहीं आती है। जब बीमारी आती है तो हमारे पास उस समय उतना साधन नही होता है। इसलिए आप हमेशा सतर्क रहे। हर वायरल चोटी बीमारी का घरेलू इलाज रखना चाहिए।
स्वास्थ बीमा बहुत जरूरी है। स्वास्थ बीमा करने से आपको पड़ने वाला खर्चा से आपको बचाता है।जिससे आप और आपका परिवार आर्थिक रूप से काजोर नही होता होता है।
फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस यह एक अच्छा विचार है। जिससे आप हमेशा सुरछित रहते है।
डिस्क्लेमर= बुखार में किसी भी घरेलू नुस्खा अपनाने से पहले डाक्टर की सलाह ले।
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